झारखंड के पश्चिम सिंहभूम का हाटगम्हरिया गांव। इसी गांव में ओनमो खंडाइत अपने परिवार के साथ रहते थे। परिवार में पत्नी दो बेटे और एक पोता था। 1 अक्टूबर की रात को अचानक गांव में हल्ला मचा कि ओनमों खंडाइत, उसकी पत्नी, छोटे बेटे और पोते की किसी ने हत्या कर दी है। मौके पर पहुंचे गांववाले वहां का मंजर देखकर दहल गए। सभी लोगों को धारदार हथियारों से मौत के घाट उतारा गया था।
इसने तो किसी रिश्ते को नहीं निभाया ना अच्छा बेटा बन सका, ना भाई और ना ही बाप!
शराब न पीने देने की वजह से अपने ही परिवार के 4 लोगों को उतारा मौत के घाट, जिसमे 6 साल का उसका बच्चा भी शामिल, Get the latest updates of crime news today, crime news in Hindi and more on Crime Tak.
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04 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
पुलिस को भी मामले की जिम्मेदारी दी गई और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तफ्तीश शुरु की। सभी लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। लाशों की हालत और खून का रंग देखकर पता चल रहा था कि हत्या को कुछ ही घंटों का वक्त बीता है।
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तफ्तीश हुई तो पुलिस को पता चला कि घर के बाकी सदस्यों की तो हत्या हो गई लेकिन घर का बड़ा बेटा मारतोम इस वारदात में बच गया। जब मारतोम से पूछताछ की गई तो उसने बोला कि वो कमरे में सो रहा था और उसने वारदात के दौरान किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज नहीं सुनी।
पुलिस ने ये भी पता किया कि सबसे पहले इस वारदात के बारे में किस को पता चला। पुलिस को बताया गया कि गांव के ही रहने वाले 30 साल के राम सिंकू ने ही गांव के लोगों को वारदात के बारे में बताया था।
यहां पर पुलिस का माथा ठनका कि राम सिंकू ने सब गांववालों को कत्ल की खबर दी लेकिन घर के बड़े बेटे मारतोम को इसके बारे में क्यों नहीं बताया जबकि परिवार के कत्ल की खबर सबसे पहले उसे मारतोम को देनी चाहिए थी।
पुलिस ने राम सिंकू को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की तो दिल दहलाने वाली कहानी सामने आई। राम सिंकू ने बताया कि उसने अपने दोस्त और परिवार के बेटे मारतोम के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया था जिसमें मारतोम के छह साल के बेटे को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। इस कबूलनामे के बाद पुलिस ने मारतोम को भी गिरफ्तार कर लिया और 36 घंटे के अंदर चार-चार कत्ल की वारदात को सुलझा लिया।
अपने ही परिवार को क्यों मारा बेटे ने?
पुलिस ने मारतोम से पूछताछ की उसने बताया कि उसके माता-पिता हमेशा उसके साथ सौतेला व्यवहार करते थे। मारतोम कुछ नहीं करता था लिहाजा उसके मां-बाप उसे डांट फटकार कर सही रास्ते पर लाना चाहते थे।
मारतोम की पत्नी की मौत हो चुकी थी और उसका छह साल का एक बेटा था और एक छोटा भाई गोबरा था। मारतोम की ये भी शिकायत थी कि उसके मां-बाप उसे शराब भी नहीं पीने देते थे। दोस्तों के सामने उसे जलील किया जाता थ।
माता पिता के इस व्यवहार से वह इतना परेशान हुआ की उसने अपने पिता ओनमो खंडाइत और माता मानी खंडाइत की हत्या की योजना बनायी। इस योजना में उसने अपने दोस्त राम सिंकू को भी शामिल कर लिया।
फिर 1 अक्तूबर की रात दोनों ने शराब पी, दोनों नशे की हालत में चापड़ और कुल्हाड़ी लेकर घर पहुंचे । मारतोम ने गहरी नींद में सो रहे मां-बाप पर कुल्हाड़ी चला उन्हें मौत के घाट उतार दिया।
इस वारदात के दौरान उसके बेटे वासुदेव की नींद खुल गई। इसके बाद मारतोम ने अपने छह साल के बेटे को अपने ही हाथों से कुल्हाड़ी के वार कर मौत की नींद सुला दिया। इसके बाद बारी आई छोटे भाई गोबरा खंडाइत की जिसका भी कत्ल कर दिया गया। चार-चार लोगों का क़त्ल करने बाद दोनों ने अपने खून से सने कपडे बदले साफ़ सुथरा होकर अपने-अपने घर चले गए।
देर रात मारतोम के दोस्त और चौहरे कत्ल की वारदात में शामिल राम सिंकू ने गांव वालों को उठाकर बताया की अज्ञात लोगों ने चार लोगों की हत्या कर दी है। जिसके बाद पुलिस पहुंची और पुर मामले की तफ्तीश शुरू की। इस मामले में पुलिस को मारतोम पर शक शुरू हुआ जब मारतोम ने बताया की उसे इस घटना के सम्बन्ध में कुछ नहीं पता जबकि मारतोम बगल के कमरे में सोता था।
वहीं उसके दोस्त राम सिंकू ने नाटक करते हुए गाँववालों को तो हत्या की बात बताई लेकिन मारतोम को इस नाटक में शामिल करना भूल गया। यहीं से पुलिस को दोनों पर शक हुआ जिसके बाद पुलिस ने दोनों से कड़ाई से पूछताछ की और सच बाहर निकल आया। इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए जिस धारदार हथियार का प्रयोग दोनों ने किया था पुलिस ने उस चापड़ और कुल्हाड़ी सहित खून से सने उनके कपडे को भी बरामद कर लिया है।
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