Kolkata News: कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता कौस्तव बागची को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ कथित रूप से टिप्पणियां करने के मामले में शुक्रवार देर रात उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। बागची को बैंकशाल अदालत में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने उन्हें एक हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। बागची वकील भी हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शहर के बरतला पुलिस थाने के एक बड़े दल ने राज्य के उत्तर 24 परगना जिले में बैरकपुर स्थित बागची के आवास पर देर रात साढ़े तीन बजे छापा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बागची ने सागरदिघी उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी पर ‘‘व्यक्तिगत हमले’’ करने को लेकर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और उनकी कथित रूप से आलोचना की थी। बागची के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें 120(बी) (आपराधिक साजिश), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी) और अन्य धाराएं शामिल हैं। अदालत ने उन्हें सप्ताह में एक बार जांच अधिकारी से मिलने का निर्देश दिया। अभियोजन पक्ष ने साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पूछताछ के लिए बागची को 10 मार्च तक पुलिस हिरासत में दिये जाने का अनुरोध किया था।
Kolkata News: ममता बनर्जी पर टिप्पणी के आरोप में कांग्रेस नेता कौस्तव बागची गिरफ्तार
Kolkata News: ममता बनर्जी पर टिप्पणी के आरोप में कांग्रेस नेता कौस्तव बागची गिरफ्तार, जमानत पर रिहा हुए
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05 Mar 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:37 PM)
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Kolkata News: जमानत दिये जाने का अनुरोध करते हुए बागची के वकीलों ने सवाल किया कि एक वकील को नोटिस देने के बजाय पुलिस ने उन्हें उनके आवास से गिरफ्तार क्यों किया? उनके वकीलों ने अदालत से कहा कि गिरफ्तारी आवश्यक नहीं थी, क्योंकि प्राथमिकी में शामिल आरोपों में उनके खिलाफ सात साल से अधिक की सजा का प्रावधान नहीं है। बागची को मुख्यमंत्री के खिलाफ कथित टिप्पणियों के लिए टीएमसी समर्थक होने का दावा करने वाले सुमित सिंह द्वारा शुक्रवार रात बरतला पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था,कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी के खिलाफ राज्यभर में विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया। जमानत मिलने के बाद अदालत से बाहर आने पर बागची ने अपने बाल मुंडवा लिए और दावा किया कि जब तक राज्य में ममता बनर्जी की सरकार है, तब तक वह गंजा रहेंगे। टीएमसी ने बागची से माफी की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पर ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणियां कर पश्चिम बंगाल के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। राज्य की मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री का उनके और उनके परिवार के खिलाफ की गई टिप्पणियों से अपमान हुआ है। टीएमसी बागची से बिना शर्त माफी की मांग करती है।’’ टीएमसी के राज्य सचिव कुणाल घोष ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि बागची की टिप्पणियों से राजनीतिक रूप से निपटा जाना चाहिए था, और उनकी गिरफ्तारी केवल उनका महिमामंडन करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनकी निजी राय है। प्रदेश कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या बागची आतंकवादी थे कि पुलिस ने आधी रात के बाद उनके घर पर छापेमारी की। कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘चूंकि उन्होंने मुख्यमंत्री की आलोचना की, इसलिए पुलिस ने उन्हें निशाना बनाया। पुलिस ने देर रात तीन बजे उनके घर पर छापा मारा और यह साबित करने की कोशिश की कि अगर कोई मुख्यमंत्री की आलोचना करता है, तो उसके साथ आतंकवादी जैसा व्यवहार किया जाएगा।’’ अदालत में बागची का प्रतिनिधित्व करने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सांसद विकास भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के एक वकील को उनके घर से देर रात गिरफ्तार करना और उनके साथ वांछित अपराधी की तरह व्यवहार करना विशुद्ध रूप से राजनीतिक प्रतिशोध है। यह तृणमूल कांग्रेस की हताशा को दर्शाता है।’’ विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया, ‘‘लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले लोग टीएमसी सरकार के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं, भले ही वे किसी भी पार्टी के हों। ऐसा लगता है कि सरकार डरी हुई है।’’
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