Jalna Income Tax Raid: काला धन कैसा होता है, इस सवाल का जवाब तो शायद ही कोई दे सके, लेकिन महाराष्ट्र के जालना से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने जता दिया कि काले धन का रंग उन नोटों की तरह होता है, जिन्हें ज़माने से छुपाकर, क़ानून की नजरों से बचाकर और क़ायदे क़ानून से बचाकर ऐसे रखा जाता है कि जब भी उस पर नज़र पड़ती है तो आंखें फटी की फटी रह जाती है।
आयकर विभाग की अनोखी बारात, 'दुल्हन हम ले जाएंगे' वाला पोस्टर लगाकर आए थे 260 बाराती
Jalna Income Tax Raid: महाराष्ट्र (Maharashtra) में इनकम टैक्स की अनोखी रेड (Raid) देखने को मिली। कार पर लगा था 'दुल्हन हम ले जाएंगे' का पोस्टर (Poster) और काफिले में थे बाराती अफसर (IT Officer)।
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11 Aug 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:24 PM)
आयकर विभाग ने रियल स्टेट, कपड़ा और स्लीट कारोबारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में एजेंसी ने 390 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त की है...जिसमें 58 करोड़ कैश, 32 किलो सोना और कई प्रॉपर्टी के कागजात मिले हैं...छापेमारी में मिले कैश को गिनने के लिए विभाग को करीब 13 घंटे का वक्त लगा। जो कैश बरामद किया गया उसे जालना के स्तानिक स्टेट बैंक में ले जाकर गिना गया।
अच्छा अगर काले चोर यानी काला धन रखने वाले चोर शातिर हैं तो आयकर विभाग ने साबित कर दिया कि तू डाल डाल तो मैं पात पात...। शातिरों को शक न हो सके इसलिए आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के जालना में चलाया ‘ऑपरेशन दुल्हन’। और फिर जो दुल्हन की विदाई करवाई तो काला धन रखने वालों की आंखों से आंसू तक नहीं निकल सके। ये पूरा ऑपरेशन बेहद दिलचस्प रहा। बड़ी ही शांति से आयकर विभाग के लोग गाड़ियों में भरकर बाराती बनकर आए...बारात की तर्ज पर सजी गाड़ियों में दुल्हन को विदा करके ले गए और घर वाले बस ताकते रह गए...
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छापेमारी करते हुए टीमों ने पूरी सतर्कता बरती ताकि कारोबारियों और उनसे जुड़े लोगों का पता न चले और छापेमारी की तैयारी की खबर न फैले. नासिक, पुणे, ठाणे और मुंबई के अधिकारियों ने अपने वाहनों पर दूल्हे और दुल्हन के नाम के स्टिकर लगाए, यह नाटक करते हुए कि वे एक शादी में जा रहे थे, जबकि अन्य ने उन्हें अलग-अलग स्टिकर लगाकर एक कोड वर्ड दिया, जिसमें लिखा था 'दुल्हन हम ले जाएंगे'। .
Jalna Income Tax Raid: अभी तक पिछले कई महीनों या यूं कहें पिछले कई सालों से सारा देश प्रवर्तन निदेशालय के छापे के बारे में सुन सुनकर शायद ऊब गया था, तभी इस बार एक्शन में आयकर विभाग दिखाई दिया। और ताबड़तोड़ ऐक्शन से महाराष्ट्र के जालना में जो जलजला मचाया तो पूरा देश सन्न रह गया।
महाराष्ट्र के जालना में 1 से 8 अगस्त के बीच इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। जिसके लिए राज्य भर के 260 अधिकारी और कर्मचारी जबकि 120 से ज्यादा गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया। बताया जा रहा है कि छापेमारी की भनक कारोबारियों को ना लगे...इसके लिए अधिकारियों की गाड़ियों पर दूल्हे-दुल्हन के नाम के स्टिकर लगाए थे...ताकि ऐसा लगे जैसे किसी शादी में जा रहे हैं...जबकि दूसरे लोगों की गाड़ियों पर अलग-अलग स्टिकर लगाकर एक कोडवर्ड दिया गया, जिसमें लिखा था 'दुल्हन हम ले जाएंगे'।
इतना ही नहीं रेड के वक्त आयकर विभाग को घर और कारखानों पर कुछ नहीं मिला...लेकिन जब शहर के बाहर फार्म हाऊस पर रेड मारी गई तो....भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया।
58 करोड़ नकद, 32 किलो सोना और 390 करोड़ की बेहिसाबी संपत्ति जब्त इस ऑपरेशन में 58 करोड़ रुपये नकद, 32 किलो सोने के गहने, हीरे, मोतीआदि के साथ ही करीब 300 करोड़ की16 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए गए।
जिन लोगों पर मुकदमा चलाया गया है उनमें औरंगाबाद का एक नामी बिल्डर और बिजनेसमैन भी शामिल है. आयकर विभाग के नासिक इन्वेस्टिगेशन एंड डिटेक्शन (डिटेक्शन) डिवीजन के तहत औरंगाबाद की टीम को मिली जानकारी के अनुसार जालना में चार बड़े स्टील मिलों ने कारोबार से कई करोड़ रुपये की सरप्लस आय को पूरी तरह से रिकॉर्ड किए बिना अवैध लेन देन किया है।
Jalna Income Tax Raid: आयकर चोरी की आशंका जताई जा रही है। पुरे महाराष्ट्र से आईआटी टीम ने स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद से जालना में विभिन्न वाहनों में सवार स्टील कंपनी मालिक के कार्यालयों और आवासों पर एक अगस्त की दोपहर में छापेमारी की.
जालना के चार स्टील कारोबारियों में से तीन के पास से नकदी के साथ सोने के आभूषण, सोने के बिस्कुट, ईंट, सिक्के, हीरे भी मिले। 32 किलो सोने के गहनों की कीमत बाजार भाव के हिसाब से 16 करोड़ रुपये है। मकान, कार्यालय, अलग-अलग जगहों की जमीन, खेत, बंगले, बैंक जमा, अन्य लेन-देन से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए। टीम ने करीब 300 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति मिलने का दावा किया है।
जालनामें मिली नकदी को स्टेट बैंक में ले जाकर गिना गया। नोटो की काउंटिंग सुबह 11 बजे शुरू हुई और रात 1 बजे तक चली, इसमें 10 से 12 मशीनें लगती थीं। कपड़े के थैलों में पैक 35 बंडलों के बंडल।
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