Delhi High Court News on Divorce: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि तलाक की कार्यवाही लंबित होने और लंबे समय तक अलग रहने के दौरान पति का किसी अन्य महिला के साथ रहना पत्नी की क्रूरता पर आधारित तलाक से उसे (पति को) वंचित नहीं कर सकता।
किसी अन्य महिला के साथ रहना पत्नी की क्रूरता पर आधारित तलाक से पति को वंचित नहीं कर सकता: उच्च न्यायालय
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि तलाक की कार्यवाही लंबित होने और लंबे समय तक अलग रहने के दौरान पति का किसी अन्य महिला के साथ रहना पत्नी की क्रूरता पर आधारित तलाक से उसे (पति को) वंचित नहीं कर सकता।
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Delhi High Court
15 Sep 2023 (अपडेटेड: Sep 15 2023 9:05 PM)
पारिवारिक अदालत द्वारा ऐसे ही एक दंपती को दिये गये तलाक को बरकरार रखते हुए, न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वे 2005 से अलग-अलग रह रहे हैं और उनके दोबारा एक साथ रहने की कोई संभावना नहीं थी।
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अदालत ने कहा कि विवाद पति और उसके परिवार के सदस्यों के अनादर से पैदा होते हैं और बार-बार होने वाले झगड़ों के परिणामस्वरूप मानसिक पीड़ा होती है।
पीठ में न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा भी शामिल हैं। पीठ ने 13 सितंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘लंबे समय तक चलने वाले मतभेदों और आपराधिक शिकायतों के कारण प्रतिवादी-पति के जीवन में शांति नहीं रही और उसे दांपत्य संबंध से वंचित कर दिया, जो किसी भी वैवाहिक रिश्ते का आधार है।’’
अदालत ने कहा कि पारिवारिक अदालत ने सही निष्कर्ष निकाला कि पत्नी ने पति के साथ क्रूरता की और उसकी अपील खारिज कर दी।
मौजूदा मामले में, पत्नी ने पति को तलाक देने के पारिवारिक अदालत के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें कहा गया है कि पति के खिलाफ क्रूरता के आरोप गलत थे। उसने कहा कि उसके पति ने दूसरी महिला से शादी कर ली है।
अदालत ने कहा कि पति की कथित दूसरी शादी का कोई विवरण या सबूत नहीं है।
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