"पोस्टमॉर्टम जल्दी नहीं हुआ तो खून बहा दूंगा" चाचा ने दी थी डॉक्टर को धमकी, कोलकाता कांड में चाचा की एंट्री, दीदी से 'लिंक' पर सवाल

Kolkata RG Kar Hospital Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए रेप-मर्डर केस में लेडी डॉक्टर का पोस्टमार्टम करने वाले एक डॉक्टर ने बड़ा खुलासा किया है। डॉक्टर अपूर्व बिश्वास का दावा है कि अपने को पीड़िता का  'चाचा' बताने वाले एक व्यक्ति ने उन पर जल्दी पोस्टमार्टम करने का दबाव बनाया था।  

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23 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 23 2024 7:30 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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कोलकाता कांड में बड़ा खुलासा

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कोलकाता कांड में चाचा की हुई 'एंट्री'

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क्या चाचा का था दीदी से 'लिंक'?

Kolkata News: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए रेप-मर्डर केस में लेडी डॉक्टर का पोस्टमार्टम करने वाले एक डॉक्टर ने बड़ा खुलासा किया है। पोस्टमार्टम करने वाली फॉरेंसिक टीम के एक सदस्य डॉक्टर अपूर्व बिश्वास का दावा है कि अपने को पीड़िता का चाचा बताने वाले एक व्यक्ति ने उन पर जल्दी पोस्टमार्टम करने का दबाव बनाया था। उन्होंने डॉक्टरों से कहा था, ''यदि आज पोस्टमार्टम जल्दी नहीं हुआ तो खून की गंगा बहा दूंगा।'' 

CBI ने की थी डॉक्टर अपूर्व  बिश्वास से पूछताछ

आपको बता दें कि डॉक्टर अपूर्व बिश्वास को रविवार को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था। जांच एजेंसी ने उनसे करीब पांच घंटे की पूछताछ की थी। उन्होंने कहा था कि पेपर आने में देरी होने की वजह से पोस्टमार्टम करने में समय लग गया। 

सीबीआई इस मामले की जांच लगातार आगे बढ़ रही है। मुख्य आरोपी संजय रॉय की गिरफ्तारी के दो दिन बाद उसके कपड़े और सामान बरामद किए गए थे। सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया था। दोनों पर वारदात से जुड़े सबूत नष्ट करने और जांच की दिशा भटकाने का आरोप है। उधर, सीबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले में संदीप घोष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। 

क्या कहा शुभेंदु अधिकारी ने?

इस मसले को लेकर बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक पोस्ट किया है। उन्होंने सोशल मीडिया लिखा - पीड़िता का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर अपूर्व बिश्वास ने जिस शख्स का जिक्र किया है, वो पूर्व काउंसलर संजीव मुखर्जी हैं। वो पहले पानीहाटी में सीपीएम के काउंसलर थे। उन्होंने बाद में टीएमसी जॉइन कर लिया था। फिलहाल पानीहाटी के टीएमसी नेता निर्मल घोष के बहुत करीबी हैं। इसी संजीव ने पीड़िता के परिजनों की जानकारी के बिना क्रिमिनेशन सर्टिफिकेट पर साइन भी किया था।''

ऐसे में सवाल ये है कि आखिर क्यों पोस्टमॉर्टम कराने में इतनी जल्दीबाजी थी? 

उधर, कोलकाता की अदालत ने आरजी कर मामले के आरोपी संजय रॉय के नार्को टेस्ट की अनुमति देने से मना कर दिया था। इस टेस्ट का उद्देश्य यह जानना था कि आरोपी संजय रॉय अपने बयान में सच बोल रहा है या नहीं?
 
पहले खबर आई थी कि पॉलीग्राफ टेस्ट में भी संजय रॉय मुकर गया था। उसने कहा कि वो मर्डर में शामिल नहीं था। उसने साफ-साफ कहा था कि वो हत्यारा नहीं है, बल्कि उसे फंसाया गया है। संजय ने यहां तक कहा - मैं तो शव को देखकर भाग गया था। 

संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट 25 अगस्त को दोपहर में हुआ था। इस दौरान तीन पॉलीग्राफ विशेषज्ञ मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान आरोपी संजय रॉय अपनी बातों से मुकर गया था। इस परीक्षण के दौरान आरोपी संजय ने बलात्कार और हत्या में अपनी संलिप्तता से पूरी तरह इनकार कर दिया था। इससे पहले आरोपी संजय रॉय ने अपने वकील के सामने भी खुद को निर्दोष बताया था। 

अब क्या करेगी सीबीआई?

कोलकाता पुलिस ने इस मामले में एकमात्र आरोपी को गिरफ्तार किया और वो था संजय रॉय। संजय रॉय के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने कई सबूत इकट्ठा किए। इसके बाद ये मामला सीबीआई के पास गया। सीबीआई की भी अभी तक यही थ्योरी है कि कातिल कोई और नहीं, बल्कि संजय रॉय ही है। आरोपी संजय रॉय के खिलाफ कई सबूत है। इनमें सीसीटीवी फुटेज में उसकी मौजूदगी, अस्पताल परिसर में घुसने और बाहर निकलने के सबूत, डीएनए रिपोर्ट, मृतका और आरोपी के कपड़ों की जांच, मौका ए वारदात पर मिले सबूत जैसे कई अहम सबूत उसके खिलाफ है। 

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