केरल के प्रोफेसर का हाथ काटने वाला 13 साल बाद गिरफ्तार, एनआईए ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार

Kerala Crime: एनआईए ने 13 साल पहले ईशनिंदा के लिए केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में अंतिम और मुख्य आरोपी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया।

जांच में जुटी पुलिस

जांच में जुटी पुलिस

10 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 10 2024 7:35 PM)

follow google news

Kerala Crime News: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 13 साल पहले ईशनिंदा के लिए केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काटने के मामले में अंतिम और मुख्य आरोपी को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इडुक्की जिले के थोडुपुझा में न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर टी जे जोसेफ का दाहिना हाथ चार जुलाई, 2010 को प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कार्यकर्ताओं ने काट दिया था। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि मामले का मुख्य आरोपी सवाद पिछले 13 वर्षों से फरार था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने बताया कि सवाद को बुधवार सुबह कन्नूर के मट्टनूर से गिरफ्तार किया गया।

केरल में एक प्रोफेसर का हाथ काटा

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जोसेफ ने कहा कि उन्हें इस मामले में मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उनका अब भी मानना है कि मुख्य अपराधी, उन पर हमले के पीछे के ‘‘मास्टरमाइंड’’ अभी भी छिपे हुए हैं। जोसेफ ने राज्य के इडुक्की जिले के थोडुपुझा में अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘जांच उन तक नहीं पहुंची है। यह इंगित करता है कि हमारी कानूनी प्रणाली उस हद तक विकसित नहीं हुई है।’’ प्रोफेसर ने कहा कि गिरफ्तारी पुलिस के लिए राहत की बात हो सकती है, लेकिन इस मामले में उनकी दिलचस्पी किसी अन्य व्यक्ति जितनी ही है। जोसेफ ने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि किसी आरोपी की गिरफ्तारी या सजा से पीड़ितों को न्याय मिलेगा।

13 साल पुराना ईशनिंदा का केस

उन्होंने कहा, ‘‘इसका परिणाम केवल देश के कानून के कार्यान्वयन में होता है। यह पीड़ितों या उनके परिवारों की बदला लेने की आस को भी पूरा कर सकता है। हालांकि, जैसा कि मैंने पहले कहा है इससे खोई हुई चीज वापस नहीं मिलेगी। इसलिए, इससे पीड़ित को न्याय नहीं मिलने वाला।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह सवाद को पहचान सकते हैं, जोसेफ ने कहा कि वह ऐसा कर सकते हैं क्योंकि उन्हें अभी भी मुख्य आरोपी द्वारा किया गया हमला याद है। पिछले साल जुलाई में केरल की एक एनआईए अदालत ने मामले में दोषी ठहराए गए छह लोगों में से तीन को यह कहते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी कि यह ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ था जिसके लिए दोषी ‘‘किसी भी नरमी के लायक नहीं हैं।’’ मामले में अपराधियों को शरण देने के लिए बाकी तीन दोषियों को तीन साल की सजा सुनाई गई थी। 

तीन दोषियों को तीन साल की सजा

मामले की सुनवाई के दूसरे चरण में अदालत ने छह लोगों को दोषी ठहराया था। मुकदमे के पहले चरण में 10 लोगों को गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के साथ-साथ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था तथा तीन अन्य को अपराधियों को शरण देने का दोषी पाया गया था। यह हमला तब हुआ जब प्रोफेसर एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुपुझा में एक चर्च में रविवार की प्रार्थना सभा में भाग लेने के बाद अपने परिवार के साथ घर लौट रहे थे। हमला करने वाले सात लोगों के एक समूह ने प्रोफेसर को वाहन से बाहर खींच लिया, उनके साथ मारपीट की और फिर मुख्य आरोपी सवाद ने उनका दाहिना हाथ काट दिया। मामले की शुरुआत में जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपी न्यूमैन कॉलेज में बी कॉम सेमेस्टर परीक्षा के लिए निर्धारित प्रश्नपत्र में एक धर्म के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए जोसेफ को मारना चाहते थे।

(PTI)

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp