Karnataka: व्यवसायी आत्महत्या मामले में कर्नाटक के भाजपा विधायक के खिलाफ केस दर्ज

Bangalore Crime: व्यवसायी प्रदीप (47) रविवार शाम को यहां नेतिगेरे में अपनी कार में मृत मिले थे और उन्होंने कथित तौर पर स्वयं अपने सिर में गोली मार ली थी।

CrimeTak

02 Jan 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:33 PM)

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Bangalore Crime News: कर्नाटक में एक व्यवसायी (Businessman) की मौत (Death) के मामले में राज्य के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक अरविंद लिंबावली सहित छह लोगों के नाम प्राथमिकी में दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, प्रदीप (47) रविवार शाम को यहां नेतिगेरे में अपनी कार में मृत मिले थे।

प्नदीप ने कथित तौर पर स्वयं अपने सिर में गोली मार ली थी। इसके साथ ही आठ पृष्ठों का एक पत्र (सुसाइड नोट) भी मिला है जिसमें महादेवपुरा के विधायक अरविंद लिंबावली और पांच अन्य लोगों के नाम लिए गए हैं। प्रदीप की पत्नी की शिकायत पर कागलीपुरा थाने में एक मामला दर्ज किया गया है।

लिंबावली के खिलाफ दर्ज मामले के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, ‘‘कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है... भविष्य में भी कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।’’ प्रदीप को भाजपा कार्यकर्ता करार देते हुए लिंबावली ने कहा कि उन्होंने केवल व्यवसायी की मदद करने का प्रयास किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं। यहां तक कि मैंने इस मामले की जांच की मांग की है ताकि सच सामने आ सके।’’ विधायक ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि व्यवसायी द्वारा लिखे गए पत्र में उनके नाम का उल्लेख करने के पीछे क्या मकसद था। हालांकि, लिंबावली ने उनके खिलाफ किसी साजिश की संभावना से इंकार किया।

इस बीच, कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने हुबली में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि सरकार जल्द ही ‘‘बी रिपोर्ट’’ दाखिल कर मामले को बंद कर देगी। सत्तारूढ़ भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इन्होंने उन लोगों से जुड़े मामलों में भी ऐसा ही किया, जो पहले मंत्री थे। अब, वे लिंबावली के मामले में भी ऐसा ही करेंगे। मुझे पता है।’’

पुलिस ने कहा कि प्रदीप ने कुछ लोगों के साथ मिलकर एक रिसॉर्ट परियोजना में लगभग 1.5 करोड़ रुपये का निवेश किया था लेकिन बाद में उनके साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी की गई। कहा जाता है कि लिंबावली ने उनके बीच समझौता कराने की कोशिश की थी और प्रदीप को उनका बकाया लौटाया जाना था लेकिन प्रदीप को पूरा पैसा नहीं मिला।

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