इसी महीने की 13 फरवरी को कानपुर देहात में हुई एक घटना ने सुर्खियों का रंग बदल दिया था। घटना इतनी दर्दविदारक थी कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए। हर तरफ ग़म और ग़ुस्से की लहर नज़र आ रही थी। क्योंकि ये गुस्सा कानपुर देहात की पुलिस और प्रशासनिक अमले पर था। आखिर कैसे सरकारी कार्रवाई के दौरान एक झोपड़ी में उस वक्त आग लग गई जब उसे बुलडोजर से गिराया जा रहा था। और आखिर कैसे उस आग में एक मां और बेटी जल मरीं।
Kanpur Dehat incident recreated: सरकारी अमले ने किया सीन रीक्रिएट, ऐसे पता चलेगा मां बेटी की मौत का सच!
Kanpur Dehat incident recreated: कानपुर देहात में रूरा थानाक्षेत्र में मड़ौली गांव में एक बार फिर सरकारी अमले की आमद देखी गई। ये सरकारी अधिकारी दरअसल उस घटना का रीक्रिएशन करने पहुँचे थे जिसमें सरकारी कार्रवाई के दौरान एक झोपड़ी में मां बेटी की जल
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कानपुर देहात में झोपड़ी में जलकर हुई मां बेटी की मौत का पता लगाने में जुटा है सरकारी महकमा
23 Feb 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:36 PM)
कानपुर देहात के मड़ौली गांव का ये क़िस्सा देखते ही देखते वहां से 80 किलोमीटर दूर लखनऊ की एनेक्सी में हरेक की जुबान पर छाया हुआ था। मौके की नज़ाकत को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फौरन सच का पता लगाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश पारित कर दिया।
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उस रहस्यमय आग और आग से जल कर हुई मां बेटी की मौत का सच पता करने के लिए अब सरकारी अमला एक बार फिर उसी जगह पर जुटा। ये वाकया बुधवार को हुआ। जब मां बेटी की मौत के मामले को समझने के लिए क्राइम सीन को रीक्रिएट किए गया। फॉरेंसिक एक्सपर्ट और दूसरे जानकार लोग इस बात को समझने की कोशिश में लगे हुए थे कि आखिर मां बेटी की मौत कैसे हुई।
मड़ौली गांव में रहने वाले कृष्ण गोपाल दीक्षित पर ग्राम समाज की ज़मीन को हड़पने का इल्ज़ाम लगा और उसी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाकर उसे खाली कराने की कवायद शुरू की गई थी। लेकिन तभी ये हादसा हो गया। जाहिर है कि इतने बड़े हादसे के बाद भी परिवार खामोश नहीं रह सकता था तो कृष्ण गोपाल दीक्षित की तरफ से शिकायत दर्ज करवाई गई। और उसी शिकायत के आधार पर SDM मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा के SHO दिनेश कुमार गौतम, लेखपाल अशोक सिंह, जेसीबी ड्राइवर दीपक समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई। इसके अलावा गांव के करीब 10 से 12 लोगों को भी उस एफआईआर में आरोपी बनाया गया था। सभी के खिलाफ हत्या र हत्या की कोशिश का मामला दर्ज हो गया।
क़िस्सा कुछ यूं है कि कृष्ण गोपाल दीक्षित पर ग्राम समाज की ज़मीन कब्जाने का आरोप लगा। जनवरी के महीने में राजस्व विभाग की तरफ से कृष्ण गोपाल के खिलाफ ज़मीन पर कब्जा करने का मामला दर्ज कराया गया था। और इसी सिलसिले में एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद की अगुवाई में राजस्व विभाग, पुलिस और प्रशासन की टीम वहां अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची थी।
सरकारी अमले को अपनी झोपड़ी उजाड़ने के लिए वहां पहुँचा देखकर महिला ज़ोर जोर से चिल्लाने लगी...वो कह रही थी इन लोगों ने आग लगा दी। तभी टीम ने वहां पहुँचकर कृष्ण गोपाल की झोपड़ी पर बुलडोजर चलवा दिया। जिस वक़्त पुलिस और प्रशासन की देख रेख में झोपड़ी पर बुलडोजर चलाया जा रहा था तभी परिवार के लोगों के साथ उनकी नोंक झोंक हो गई। ये सफाई प्रशासन ने बाद में दी थी।
लेकिन चश्मदीदों के मुताबिक जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई तो महिला ने परिवार समेत खुद को उसी झोपड़ी में बंद कर लिया। और अचानक झोपड़ी आग से धधकने लगी। उसी आग में दो लोगों की मौत हो गई। जबकि झोपड़ी के मालिक कृष्ण गोपाल दीक्षित और उसका बेटा बरी तरह से झुलस गए। आग में जिन दो लोगों की मौत हुई उनकी पहचान कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी प्रमिला दीक्षित और 23 सालकी बेटी नेहा के तौर पर की गई थी। इस घटना का प्रदेश के स्तर पर शासन की तरफ से इसलिए भी संज्ञान लिया गया क्योंकि वारदात के वक़्त का वीडियो वायरल हो गया था।
जाहिर है इस पूरे घटना क्रम को सिरे से समझने के लिए सरकारी अमला एक बार फिर पूरी कवायद में जुटा और ऐन उसी जगह उसी तरह एक झोपड़ी को तैयार करने के बाद उसमें आग लगाकर ये समझने की कोशिश की गई कि आखिर वो सारा घटनाक्रम हुआ कैसे और कैसे झोपड़ी में बंद मां बेटी की जलकर मौत हो गई।
अब एक बार फिर जब सरकारी अमले ने पूरे वाकये का रीक्रिएशन किया तो भी उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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