काबुल एयरपोर्ट पर धमाका कर 200 लोगों को मारने वाला सुसाइड बॉम्बर पहले भारत में पकड़ा गया था

Kabul airport suicide bomber previously arrested in india

CrimeTak

18 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)

follow google news

हाल में ही IS खुरासान ने अपनी प्रोपेगेंडा मैगजीन VOICE OF HIND में ये दावा किया है कि काबुल में 13 अमेरिकी मरीन कमांडों को सुसाइड बॉम्बिंग में मारने वाला खुदकुश हमलावर दिल्ली से सटे फरीदाबाद में पकड़ा जा चुका था। ये पूरी गिरफ्तारी साल 2016 में की गई थी।

दरसल भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी RAW ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के साथ मिलकर एक सीक्रेट ऑपरेशन चलाया था साल 2016 में इस ऑपरेशन में अफगनिस्तान मूल के एक शख़्स को फ़रीदाबाद से पकड़ा था, अफ़ग़ानिस्तान का रहने वाला वो शख़्स ISKP का ट्रेंड फ़िदायीन हमलवार था जो भारत में मेट्रो की रेकी कर के हमला करने वाला था।

प्लान के तहत अफ़ग़ान मूल के उस फ़िदायीन ने फ़रीदाबाद की एक नामी अमिटी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था लेकिन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के नाम पर वो दिल्ली और आस पास के इलाक़े में रेकी करता था

जैसे ही भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी RAW को इन्पुट मिला तो स्पेशल सेल के अफ़सरों की मदद से उस अफ़ग़ान मूल के फ़िदायीन को यूनिवर्सिटी से गिरफ़्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने अफगानिस्तान में चल रहे ISIS के कई आतंकी ट्रेनिंग कैम्प का पता बताया ।

पूछताछ के बाद भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी RAW ने अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसी CIA से संपर्क किया ..फिर अफ़ग़ान मूल के फ़िदायीन को अफगनिस्तान डिपोर्ट किया गया। अफगनिस्तान पहुँचते ही लड़के को CIA और अफगानिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने हिरासत में ले लिया पूछताछ की जिसमें अफगनिस्तान में चल रहे ISKP के आतंकी ट्रेनिंग कैम्प की जानकारी मिली।

जिसके बाद अमेरिका ने ड्रोन अटैक के ज़रिए अफ़ग़ानिस्तान में चल रहे आतंकी ट्रेनिंग कैम्प पर हमला किया और 600 से ज़्यादा आतंकी मार गिराए गए थे ।

किसी जेल में बंद अब्दुल भी वहां से छूट गया। जिसके बाद ये एक बार फिर IS खुरासान के आतंकियों से जा मिला और फिर 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर धमाके की तैयारी की गई जिसके बाद अब्दुल ने भारी मात्रा में विस्फोटक अपने जिस्म पर बांधे और लोगों की भीड़ के बीच खुद को उड़ा डाला।

इस हमले में 170 से भी ज्यादा अफगानी नागरिक मारे गए थे जबकि अमेरिका के सबसे एलीट समझे जाने वाले 13 मरीन कमांडोज को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी।इस ऑपरेशन को बेहद सीक्रेट रखा गया था। हालांकि जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो अफगानिस्तान की

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp