Thiruvananthapuram: जब तक साइंस ने सच नहीं बताया, तब तक लोग इसी गुमान में जीते रहे कि सितारे टिमटिमाते हैं और खूबसूरती का दूसरा नाम चांद है। जब सच सामने आया तो पता चला कि न तो तारे टिमटिमाते हैं और न ही चांद जितना दिखता है उतना खूबसूरत है। सचमुच ये आसमान रहस्यों से भरा हुआ है। यहां जो दिखता है, उसे अगर वैसा ही मान लिया तो भयानक भूल हो सकती है। बस ऐसा ही कुछ हाल फिल्म इंडस्ट्री का भी है। दूर से दिखने वाली चमकदार चीज हकीकत में कितने घने अंधेरे समेटे हुए है इसका जीता जागता सबूत बनकर सामने आई है 232 पन्नों की वो रिपोर्ट जिसने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री (Malayalam Film Industry) के चेहरे से चमक का नकाब नोचकर एक दागदार सूरत उजागर कर दी है।
Adjust करने वाली हीरोइन के होते हैं Code Word, मजबूर करते हैं सेक्स के लिए, Hema Committee Report ने खोले मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के छिपे राज़
Justice Hema Committee Report on Malayalam Film Industry: पूरे पांच साल बाद आई जस्टिस के हेमा कमेटी की 295 पन्नों की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की जो तस्वीर दिखाई उसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट ने हर किसी को हैरान कर दिया है और सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर फिल्म इंडस्ट्री के ये गड़े राज अब तक किसी के सामने क्यों नहीं आए?
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20 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 20 2024 4:26 PM)
न्यूज़ हाइलाइट्स
232 पन्नों में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का काला सच
फिल्म इंडस्ट्री में चलती है हीरो की मर्जी
हीरोइनों की चुप्पी पर बोलती कमेटी की रिपोर्ट
सिल्वर स्क्रीन की काली हकीकत
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पूरे पांच साल बाद जस्टिस हेमा कमेटी (Justice Hema Committee) की रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ उसने हर किसी को बुरी तरह से झकझोरकर रख दिया है। इस रिपोर्ट ने सिनेमा की सिलवर स्क्रीन के पीछे छुपी काली असलियत को दिखाकर इस बात को भी साबित कर दिया कि आप जो देखते हैं उस पर आंख बंद करके कभी भरोसा न करें क्योंकि यहां नमक भी चीनी जैसा नज़र आता है। जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस रिपोर्ट ने हर किसी को हैरान कर दिया है और सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर ये सच अब तक किसी के सामने आया क्यों नहीं।
Casting Couch से Compromise तक
ये वही इंडस्ट्री है जिसने देश को मोहनलाल, ममूटी, फहाद फाजिल जैसे शानदार नामचीन एक्टर दिए। लेकिन यही रिपोर्ट बताती है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के भीतर कास्टिंग काउच से लेकर काम के बदले कॉम्प्रोमाइज (Compromise) तक की बातें खुलेआम होती हैं। वैसे तो फिल्मी दुनिया से नई नवेली या स्ट्रगल करने वाली एक्टर के शोषण की खबरें तो सामने आती ही रहती थीं लेकिन ये सब कुछ इतना आम हो जाएगा कि इसके चलते यहां किसी का काम करना ही मुश्किल हो जाए, इस बात को लेकर जस्टिस हेमा कमेटी ने अपनी चिंता जाहिर की है।
इंडस्ट्री में चलती है हीरो की मर्जी
कमेटी की रिपोर्ट ने फिल्मों के काले सच से पर्दा उठाते हुए कहा है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में धड़ल्ले से हीरोइनों का शारीरिक शोषण (Sexual Harassment) होता है। यहां हीरो का बोलबाला है और सब काम उनकी ही मर्जी से ही होता है। जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट साफ-साफ मॉलीवुड की उस सच्चाई का खुलासा कर देती है जिसे हर कोई खुली आंखों से देखकर भी नज़रअंदाज कर देता है। फिल्म इंडस्ट्री में पूरी तरह से हीरो की मर्जी चलती है। हीरोइन की बिल्कुल नहीं सुनी जाती।
बिग शॉट्स का बड़ा ग्रुप
इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री के बिग शॉट्स के एक बड़े ग्रुप का खासतौर पर जिक्र किया गया है। इस ग्रुप में प्रोड्यूसर्स, डायरेक्टर्स और एक्टर्स सभी शामिल हैं। यही ग्रुप या इस ग्रुप के लोग ही तय करते हैं कि किसे फिल्म में काम देना चाहिए और किसे नहीं। इस ग्रुप के रुतबे का आलम ये है कि इंडस्ट्री में कोई भी इस ग्रुप के किसी भी सदस्य के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकता। रिपोर्ट में शामिल सच्चाई को देखकर महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं पैदा हो गई हैं। शायद इसीलिये जस्टिस हेमा समिति की इस रिपोर्ट का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था।
मौका पाने के लिए किसी के साथ भी सो सकती हैं
2019 में सरकार में नियुक्त की गई कमेटी की रिपोर्ट में धमाकेदार खुलासे किए गए हैं। पेज नंबर 72 में बताया गया है कैसे सिनेमा में पुरुष उन महिलाओं का शोषण करते हैं जो एक्टिंग और सिनेमा के लिए बहुत जुनून के साथ आती हैं। सिनेमा में पुरुष यह सोच भी नहीं सकते कि एक्टिंग को लेकर जुनून की वजह से ही कोई महिला फिल्म इंडस्ट्री में आती है। लेकिन आम मर्दों की सोच यह है कि वो पैसे के लिए आ रही है। वो फिल्म में मौका पाने के लिए किसी भी आदमी के साथ सो सकती हैं। यह सभी बातें रिपोर्ट में कही गई हैं। आगे कहा गया है कि अगर एक फीमेल एक्टर किसी मुद्दे पर खुलकर बात करती है तो उसे परेशानी खड़ी करने वाला कह दिया जाता है।
एक्ट्रेस के शारीरिक शोषण की बात ने सकते में डाला
जस्टिस हेमा कमेटी के पैनल का कहना है कि जो सबूतों को खंगालने से सामने आया है वो हैरान करता है। क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री में कुछ एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर अपनी पावर, अपनी ताकत और पहुंच के लिए जाने जाते हैं। ये लोग मशहूर भी हैं। लेकिन उनके कारनामों ने हर किसी को सकते में डाल दिया है। रिपोर्ट का खुलासा कहता है कि ऐसे ही लोगों ने सिनेमा में कुछ फीमेल एक्ट्रेसिज के साथ यौन उत्पीड़न और शारीरिक शोषण कर उन्हें सदमे में डाल दिया। इस रिपोर्ट की कॉपी सरकार के बाद आरटीआई एक्ट के जरिये मीडिया को भी सौंप दी गई है।
एक्ट्रेस के लिए काम करना हुआ दूभर
जस्टिस हेमा कमेटी की ये रिपोर्ट यूं तो 295 पन्नों की थी लेकिन बाद में इस रिपोर्ट के 63 पन्नों को निकाल दिया गया। 232 पन्नों की इस रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक्ट्रेसिज के लिए काम करना दूभर हो चुका है। रिपोर्ट कहती है कि अदाकाराएं मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में ना सिर्फ कास्टिंग काउच का दर्द झेलती हैं बल्कि उन्हें Sexual Favors के लिए भी मजबूर किया जाता है।
ज्यादातर एक्ट्रेस पुलिस में नहीं करती हैं शिकायत
रिपोर्ट में चौंकाने वाले शर्मनाक खुलासों का एक पूरा सिलसिला है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में जुड़ी एक पूरी सीरीज में कहा गया है कि महिलाओं को उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री में नशे में धुत आदमियों के उनके कमरे के दरवाजे खटखटाने के मामले भी शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि यौन उत्पीड़न का शिकार होने वाली कई एक्ट्रेसेज डर की वजह से पुलिस में शिकायत करने से हिचकिचाती हैं।
हीरोइनों की चुप्पी पर बोलती कमेटी की रिपोर्ट
58 से 72 पन्नों में, पीड़ित महिलाओं ने यौन शोषण की अपनी आपबीती साझा की। उन्होंने बताया है कि वो इस मामले में चुप रहना क्यों पसंद करती हैं? रिपोर्ट के मुताबिक, जान के खतरे से लेकर कई तरह के डर उन्हें खामोश रहने पर मजबूर करते हैं। आगे यह भी बताया गया कि जब-जब उन्होंने इस मामले में मुंह खोलने की कोशिश की तो उन्हें सोशल मीडिया के जरिए बदनाम किया गया। एक आर्टिस्ट ने बताया कि वो फिल्म में एक एक्टर की पत्नी का किरदार निभा रही थी, पर शूटिंग से ठीक एक दिन पहले उसे परेशान किया जाने लगा।
15 प्वाइंट्स में जस्टिस हेमा कमेटी की पूरी रिपोर्ट का सार-
1- मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर माफिया का कब्जा है
2- मॉलीवुड के माफियाओं में लीड एक्टर्स, निर्माता और निर्देशक शामिल हैं
3- मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर एक्टरों का राज है
4- सेक्सुअल फेवर से मना करने वाली एक्ट्रेस को प्रॉजेक्ट से बाहर निकाल दिया जाता है
5- बात ना मानने वाली एक्ट्रेस को बार-बार शॉट देने के लिए मजबूर करते हैं। हीरोइनों ने बताया है कि सजा के तौर पर उन्हें एक ही शॉट 17 बार देने के लिए कहा गया।
6- फिल्म इंडस्ट्री में आम धारणा यही है कि एक्ट्रेस को जो बोला जाए वो करें
7- यंग एक्ट्रेस को ही फिल्म में लीड रोल दिए जा रहे हैं
8- सहयोग करने वाली एक्ट्रेस को काम दिया जाता है और जो नहीं मानतीं उन्हें बाहर कर दिया जाता है
9- एक्ट्रेस धमकी से बचने और परिवार की सुरक्षा के लिए शिकायत करने से डरी रहती हैं।
10- फिल्म में काम करने के लिए एक्ट्रेस को एडजस्ट करने पर जोर दिया जाता है
11- मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में दूर से दिखता है ग्लैमर, असल में हालात नर्क से बदतर
12- जो एक्ट्रेस मान जाती हैं, उनके नाम कोड वर्ड में रखे जाते हैं
13- एक्ट्रेस के खुलासों से सूचना आयोग भी हैरान
14- एक्ट्रेसिज पर हो रहे जुल्म से आयोग आश्चर्यचकित
15- आखिर में रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि डर की वजह से एक्ट्रेस पुलिस में शिकायत नहीं करती हैं
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