क्रिकेटर से हुआ विवाद परवेज रसूल ने चुराया रोलर !

CrimeTak

23 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:03 PM)

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पिच रोलर गायब

क्या परवेज ले गया अपने घर ?

जम्मू और कश्मीर में एक पिच रोलर का गायब होना ऑलराउंडर क्रिकेटर परवेज रसूल के लिए परेशानी का सबब बन गया है। जम्मू और कश्मीर क्रिकेट असोसिएशन का आरोप है कि ये रोलर परवेज रसूल ने चुराया है। असोसिएशन ने परवेज रसूल से कहा है कि या तो वे पिच रोलर लौटाएं या फिर कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहें। हालांकि JKCA के आरोपों को परवेज रसूल ने खारिज किया है। एक अखबार ने परवेज रसूल के हवाले से कहा है, 'क्या एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर, जिसने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट को अपनी तन-मन दिया, से व्यवहार करने का यह तरीका है?' इससे पहले असोसिएशन ने एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है, 'आपके पास JKCA की संपत्ति है। विश्वास तोड़ने के बदले कोई भी कड़ा कदम उठाने, जिसमें पुलिस कार्रवाई भी शामिल हो सकती है, आपको निर्देश दिया जाता है कि एक सप्ताह में असोसिएशन का सामान लौटा दें वर्ना हम कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होंगे।'

कौन सच्चा कौन झूठा ?

कही बेवजह तूल तो नहीं दिया जा रहा ?

अगर सामान लिया है तो वापस तो देना ही पड़ेगा

वहीं बीसीसीआई की ओर से जम्मू कश्मीर क्रिकेट असोसिएशन को चलाने के लिए नियुक्त किए गए तीन सदस्यों में से एक अनिल गुप्ता का कहना है कि इस मामले को बेवजह तूल दिया गया। उन्होंने कहा कि हमने सिर्फ परवेज रसूल को ही नहीं लिखा है बल्कि सभी जिला असोसिएशन में जो भी श्रीनगर से जम्मू-कश्मीर क्रिकेट असोसिएशन का सामान ले गया है उन्हें इस बाबत लिखा है। लेटर उन सभी लोगों को लिखे गए हैं जिनके नाम हमारे पास रजिस्टर्ड हैं। परवेज रसूल ने इस बात का बुरा माना है कि उन्हें लेटर क्यों लिखा गया। दरअसल, रसूल अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के रहने वाले हैं।

असोसिएशन ने भेजा लीगल नोटिस

जेकेसीए ने पहले बिजबेहरा के मोहम्मद शफी को नोटिस भेजा और फिर रसूल को। अनिल गुप्ता ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रजिस्टर में उनके रिकॉर्ड में रसूल का नाम था। उन्होंने आगे कहा कि हमने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि हम एक ऑडिट रिपोर्ट तैयार करना चाहते हैं। वर्षों से यहां शायद ही कोई ऑडिट रिपोर्ट तैयार की गई हो, इसलिए कोर्ट के आदेश के बाद जब हमने कार्यभार संभाला तो देखा कि ये मशीनरी नहीं मिल रही है, इसलिए ये कार्रवाई की जा रही है।

ये उप-समिति जून में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा एक आदेश पारित करने के बाद अस्तित्व में आई थी। भाजपा के दो प्रवक्ता अनिल गुप्ता और अधिवक्ता सुनील सेठी को क्रिकेटर मिथुन मन्हास के साथ पैनल में नियुक्त किया गया था। इसके अलावा श्रीनगर में क्रिकेट के विकास को देखने और उप-समिति को रिपोर्ट करने के लिए माजिद डार को नियुक्त किया गया था।

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