धनबाद की अदालत ने लिखा ऐतिहासिक फैसला, पहली बार चार नाबालिगों को उम्रक़ैद की सज़ा

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04 Feb 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:13 PM)

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झारखंड की अदालत ने लिख दिया इतिहास

LATEST CRIME NEWS : शुक्रवार को झारखंड की एक अदालत में इतिहास लिखा गया। ऐसा इतिहास जो आज से पहले कभी नहीं लिखा गया। ये अदालत का वो फैसला है जो आने वाले कई सालों तक किसी भी अहम और इंसाफ के लिए ज़रूरी फैसले की बुनियाद भी बन सकता है।

क्योंकि झारखंड की एक अदालत ने हत्या के एक मामले में एक नाबालिग को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है। और इस सज़ा के सुनाते ही एक बाप के कलेजे को ठंडक पहुँची।

धनबाद का सबसे मशहूर सौरव हत्याकांड के मामले में धनबाद की अदालत ने चार नाबालिग आरोपियों को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाकर अदालत के फैसलों के अध्याय में एक नया चैप्टर जोड़ दिया है। इतना ही नहीं अदालत ने अपने फैसले में 17 साल के नाबालिग आरोपी के खिलाफ़ दस हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

2017 में हुई थी सौरव की हत्या

LATEST CRIME NEWS IN HINDI: क़िस्सा 2017 का है। झरिया थाना इलाक़े में अपनी बहन के साथ हो रही छेड़खानी का विरोध करने पर आरोपी ने चाकू से गोद गोदकर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी। हत्या के बाद मरने वाले लड़के के परिवारवालों की तरफ से मुकदमा दर्ज करवाया गया था। और कऱीब पांच साल बाद जाकर उस परिवार को अब ये महसूस हो रहा है कि अदालत ने उन्हें इंसाफ दे दिया।

धनबाद के झरिया सब्ज़ी पट्टी के रहने वाले रामचंद्र साव ने झरिया थाना में FIR दर्ज कराई थी। जिसमें लिखा गया था कि उनकी बेटी के साथ इलाके के कुछ मनचले छेड़खानी करते रहते थे। उसी का विरोध करने पर उनके बेटे सौरव की 29 जुलाई 2017 को उस वक़्त कुछ लड़कों ने चाकू मारकर हत्या कर दी जब वो बाज़ार से लौट रहा था। ये घटना रात के 9 बजे के आस पास बीच चौराहे पर अंजाम दी गई थी।

नाबालिग आरोपी को उम्र कै़द की सज़ा

CRIME NEWS OF JHARKHAND: रिपोर्ट के मुताबिक राधा कृष्ण रोड पर विकास साव, संटी कुमार रावत, सोनू और वो नाबालिग आरोपी पहले से ही घात लगाए बैठे हुए थे। सभी ने उनका पीछा किया और सूनसान इलाका देखकर उन सभी ने उनके छोटे बेटे सौरव पर हमला कर दिया। इस हमले में सौरव बुरी तरह जख़्मी हो गया था इलाज के लिए उसे अस्पताल पहुँचाया गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

इस FIR दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी समेत उसके सभी साथियों को पकड़ लिया था। और क़रीब तीन महीने की जांच के बाद पुलिस ने 25 अक्टूबर 2017 को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी जिसमें FIR में दर्ज कराए गए आरोपों को सही पाया गया था। इस सिलसिले में पुलिस ने 9 लोगों को गवाह के तौर पर अदालत में पेश किया था।

दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड के बाद जुविनाइल एक्ट में संशोधन किया गया था। और उसके बाद बदले हुए कानून के मद्देनज़र अदालत ने पहली बार किसी नाबालिग को उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई है। क्योंकि सज़ा सुनाए जाने के वक़्त आरोपी की उम्र 17 साल है।

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