क्या अपनी मंगेतर को अश्लील मैसेज भेजना Crime है? जानें Court ने क्या कहा?

क्या अपनी मंगेतर को अश्लील मैसेज भेजना Crime है? जानें Mumbai Court ने क्या कहा?

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21 Nov 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:09 PM)

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स्किन टू स्किन टच (Skin to Skin Touch) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही के दिनों में एक बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के पुराने फैसले को रद्द कर दिया. अब मुंबई की सेशन कोर्ट की तरफ से एक ऐसा ही फैसला फिर से सामने आया है.

मुंबई की सेशन कोर्ट ने एक शख्स को शादी का वादा कर रेप के मामले से यह करते हुए बरी कर दिया कि मंगेतर को शादी से पहले ‘अश्लील मैसेज’ भेजना किसी की गरिमा का अपमान नहीं हो सकता है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि शादी से पहले मंगेतर को भेजे गए ऐसे मैसेद एक-दूसरे की भावनाओं के समझने और खुशी के लिए माना जा सकता है.

क्या है पूरा केस?
कहानी 11 साल पुरानी है, एक लड़की ने अपने 36 साल के मंगेतर पर शादी का झांसा देकर रेप का आरोप लगाया था. दोनों की साल 2007 में मेट्रोमोनियल साइट पर मुलाकात हुई. लड़के की मां शादी के खिलाफ थी. इसकी वजह से साल 2010 में लड़के ने लड़की से रिश्ता खत्म कर लिया. कोर्ट ने कहा कि शादी का वादा करके मुकरने को धोखा देना या रेप नहीं कहा जा सकता है.

कोर्ट ने क्या कहा? (मुंबई सेशन कोर्ट के फैसले का हिस्सा)
इन संदेशों का उदेश्य मंगेतर के सामने अपनी इच्छाओं को बताना, सेक्स की भावना जगाना आदि हो सकता है, इन संदेशों से हो सकता है कि मंगेतर को भी खुशी हो।

कोर्ट में बताया गया कि कपल शादी के लिए आर्य समाज हॉल में भी गए. लेकिन शादी के बाद रहने के मुद्दे पर झगड़ा हुआ और आखिर में लड़के ने अपनी मां की बात मानते हुए शादी से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ये शादी के झूठे वादे का मामला नहीं है. ये पर्याप्त कोशिश में फेल होने का मामला है. कोर्ट ने कहा कि शादी से पहले मंगेतर को अश्लील मैसेज भेजना दोनों के बीच अपनी इच्छा को जाहिर करना हो सकता है. सेक्स की भावना को जगाने वाला हो सकता है। हो सकता है कि ऐसे मैसेज से लड़की (मंगेतर) को भी खुशी हो. मैसेज को मंगेतर की गरिमा को ठेस पहुंचाने से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है.

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