सेमीफाइनल के हीरो मोहम्मद शमी को एक नहीं...दो नहीं...तीन तीन बार आया था खुदकुशी का ख्याल

mohammed shami reveals : मोहम्मद शमी का अतीत रहस्य और अंधेरे से लिपटा हुआ है। शमी को तीन तीन बार अपनी जिंदगी खत्म करने का ख्याल आया था

तीन तीन बार खुदकुशी के ख्याल से गुज़र चुके हैं मोहम्मद शमी

तीन तीन बार खुदकुशी के ख्याल से गुज़र चुके हैं मोहम्मद शमी

16 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 16 2023 9:10 AM)

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world Cup Hero: 15 नवंबर 2023 यानी भाईदूज वाले रोज भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज ने पूरे हिन्दुस्तान को एक बार फिर दीपावली मनाने को मजबूर कर दिया। एक बार फिर साला मुल्क जश्न के समंदर में डूब गया। सारे देश ने एक साथ शमी शमी का जाप किया। सोशल मीडिया पर बर्ल्ड कप के सेमी फाइनल को काटकर शमी फाइनल के कैप्शन का ट्रैंड चल निकला। 

टीम और देश को हंसाने वाले शमी ने कभी रो रोकर वक्त काटा है

टीम के चेहरे पर मुस्कुराहट देने वाला शमी कभी बहुत रोया

सचमुच 15 नवंबर की रात पूरे मुल्क को चेहरे पर मुस्कुराते हुए खुश होने का मौका वाकई मोहम्मद शमी ने ही मुहैया करवाया। क्योंकि अपनी सटीक और धारदार गेंदबाजी की बदौलत न सिर्फ भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुँचाया बल्कि सही मायनों में सांस अटकाने वाले इस मैंच में शमी लोगों की सांस बनकर लौटे। और एक के बाद सात विकेट झटक कर न्यूजीलैंड की बल्लेबाजों की कमर तोड़कर रख दी। और भारत को शानदार जीत दर्ज करने का बेहद खूबसूरत मौका दिया।  

तीन तीन बार मरने का ख्याल आया था शमी को

लेकिन ये मोहम्मद शमी की जिंदगी का एक पहलू है। मगर उनका अतीत बेहद रहस्य और अंधेरे से लिपटा हुआ है। ये बात बहुत कम लोगों को पता होगी कि मोहम्मद शमी ने एक बार नहीं दो बार नहीं बल्कि तीन तीन बार अपनी जिंदगी खत्म करने की कोशिश की थी। 

घरवाले देते थे कमरे के बाहर पहरा

इस वर्ल्ड कप में भारत के स्टार गेंदबाज बनकर उभरे मोहम्मद शमी ने खुद अपने बारे में बताया था कि उनका घर अपार्टमेंट में 24वीं मंजिल पर था और घरवालों को यही महसूस होता था कि कहीं मैं बालकॉनी से कूद न जाऊं...क्योंकि वो डिप्रेशन में सुसाइडल हो रहे थे। लिहाजा घर के लोग उनके कमरे के बाहर पहरा देते रहते थे और शमी जरा से भी हिलते डुलते थे तो घरवालों को डर लगने लगता था। 

डिप्रेशन के बुरे दौर से गुज़र चुके हैं मोहम्मद शमी

रिकॉर्ड तोड़ने वाले शमी जिंदगी में बहुत टूट चुके थे

अकेले वर्ल्ड कप में ही 50 विकेटों का रिकॉर्ड तोड़ने वाले मोहम्मद शमी उस वक्त बेहद टूट गए थे जब उनके पिता का इंतकाल हुआ था। जैसे तैसे उस वक्त में खुद को बचाया तो बीते कुछ सालों से वो अपनी पत्नी के साथ तलाक के केस में उलझे हुए हैं। ये बात ज़्यादा पुरानी नहीं है बल्कि साल 2015 की है जब वर्ल्ड कप के बाद चोट से वापसी कर रहे थे। उनकी निजी जिंदगी में जैसे तूफान ने दस्तक दे दी थी। 

इंस्टाग्राम लाइव पर अपनी दास्तां बयां 

इंस्टाग्राम लाइव पर अपनी दास्तां बयां करके अपने फैन्स के साथ मोहम्मद शमी ने ये बात साझा भी की थी। मोहम्मद शमी ने बताया था कि 2015  वर्ल्ड कप में उन्हें चोट लग गई थी। उसके बाद टीम में वापसी के लिए वो लगातार कोशिश कर रहे थे। 18 महीने लग गए। मोहम्मद शमी बताते हैं कि वो शायद उनके जीवन के अब तक के सबसे बुरे और मुश्किल दिन थे। उन्होंने फैन्स को बताया कि रिहैब कितना मुश्किलभरा दर्दनाक दौर होता है। इसी बीच आईपीएल से 10 -12 दिन पहले ही उनका एक्सीडेंट हो गया था  और मीडिया ने मेरी धज्जियां उड़ाकर रख दी थी। वो भी मेरे निजी मसलों को लेकर। 

परिवार ने शमी का साथ दिया और शमी ने वो कर दिखाया जो आजतक कोई गेंदबाज नहीं कर सका

परिवार का साथ मिला तो यहां हूं

मोहम्मद शमी ने बताया कि मुझे लगता है कि अगर मेरे परिवार का साथ मुझे न मिला होता तो मैं सिर्फ क्रिकेट ही नहीं शायद दुनिया ही छोड़ चुका होता। क्योंकि मैंने तीन बार खुदकुशी करने के बारे में सोचा। मेरे परिवार के लोग कभी भी मुझे अकेला नहीं छोड़ते थे। मैं सोता था तो कमरे के बाहर वो पहरा देते थे। उन्हें यही लगता था कि 24 वीं मंजिल से कहीं मैं कूद न जाऊं। 

परिवार बहुत बड़ी ताकत 

और तब मोहम्मद शमी ने वो बात कही जो शायद लोग बात बात पर अक्सर कहते हैं कि परिवार बहुत बड़ी ताकत है। अगर परिवार साथ हो तो इंसान बड़ी से बड़ी मुसीबत से बाहर निकल सकता है। क्योंकि परिवार के लोगों ने ही मुझे हौसला दिया कि मैं सिर्फ और सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दूं। और परिवार की एक सीख जो मुझे हमेशा हौसला देती है...मेरे घरवालों ने कहा था जिस चीज में तुम अच्छे हो उसमें खो जाओ। इसलिए मैंने सब कुछ खो दिया। मैं नेट्स में गेंदबाजी करने लगा और रनिंग एक्सरसाइज करने लगा। मुझे नहीं पता चल रहा था कि मैं क्या कर रहा हूं। 

मेरा परिवार मेरे कुछ दोस्त न होते तो भयानक हो जाता

अक्सर प्रेक्टिस के दौरान दुखी हो जाता था। तब परिवार के लोगों ने कहा बस अपने काम अपनी मेहनत पर फोकस करो। मेरा भाई हमेशा मेरे साथ था मेरे कुछ दोस्त मेरे साथ थे...लिहाजा मैं उनको कभी नहीं भूल सकता अगर वो लोग न होते तो शायद मैं भयानक कर जाता। 

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