Kanpur IIT Suicide Case: आईआईटी कानपुर में नहीं थम रहा है आत्महत्या का सिलसिला। दरअसल कानपुर आईआईटी में एक महीने के भीतर तीसरी सुसाइड का किस्सा सामने आया है। यहां पीएचडी की एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
कानपुर IIT में एक महीने के भीतर तीसरी आत्महत्या, पीएचडी की छात्रा पंखे से लटकी मिली
IIT kanpur P hd Student Committed Suicide : कानपुर आईआईटी में एक और पीएचडी की छात्रा के आत्महत्या की खबर से हड़कंप मच गया।
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सांकेतिक तस्वीर
18 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 18 2024 3:30 PM)
एक महीने में तीसरी सुसाइड
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आईआईटी कानपुर का शुमार देश के सबसे आला शिक्षण संस्था के तौर पर किया जाता है । टॉप संस्थानों में शुमार इस संस्थान की जिस एक खबर ने सामने आकर सबको बुरी तरह से चौंकाया है। बीते एक महीने के भीतर जिस खबर ने संस्थान के बाहर निकलकर दुनिया को चौंकाया वो सनसनीखेज भी है। दरअसल यहां पर एक महीने के अंदर ही तीन सुसाइड के मामले सामने आए हैं। नया मामला गुरुवार सुबह का है। आईआईटी कानपुर की पीएचडी की छात्रा प्रियंका जायसवाल ने पंखे से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
पिता ने दी बेटी की खबर
झारखंड के दुमका की रहने वाली प्रियंका ने गुरुवार को फांसी लगाई जिसकी इत्तेला के बारे में आईआईटी को भी खुद छात्रा के पिता से पता चला। दरअसल प्रियंका के पिता ने हॉस्टल मैनेजर रितु पाण्डेय को ये इत्तेला दी कि उनकी बेटी सुबह से फोन नहीं उठा रही है। उसके बाद मैनेजर रितु पांडे ने खुद हॉस्टल के कमरे के पास पहुँचे और जब कमरे के दरवाजे को धक्का दिया तो दरवाजा खुल गया। और सामने प्रियंका का शव पंखे से लटक रहा था। देखते ही देखते ये खबर हॉस्टल से होती हुई आईआईटी मैनेजमेंट और फिर इलाके के थाने तक जा पहुँची। आईआईटी प्रशासन की सूचना पर पुलिस और फील्ड यूनिट मौके पर जा पहुँची।
केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की छात्रा
आईआईटी प्रशासन के मुताबिक प्रियंका ने कानपुर आईआईटी में केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी करने के लिए 29 दिसंबर 2023 को ज्वाइन किया था। प्रियंका के पिता नरेंद्र जायसवाल झारखंड के दुमका में रहते हैं। जब आईआईटी प्रशासन को छात्रा की खुदकुशी की खबर मिली तो यही मनहूस खबर आईआईटी की ओर से नरेंद्र जायसवाल को दी गई।
आखिर इतनी सुसाइड क्यों?
कल्याणपुर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुँचने के बाद हालात को अपने कब्जे में कर लिया। कमरे से लाश निकालकर सबसे पहले उसका पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा। इस बीच पुलिस मौके से फॉरेंसिक सबूतों को इकट्ठा करने की कार्रवाई कर रही है। हालांकि इस मामले में पुलिस अभी कुछ भी कहने की हालत में नहीं है क्योंकि अभी उसे शव को अपने कब्जे में करने के बाद बाकी की रस्म अदायगी करनी है लेकिन सुसाइड की इस घटना ने खुद पुलिस को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। और पुलिस अब आईआईटी प्रशासन के साथ मिलकर इस मामले की तहकीकात में जुट गया है कि आखिर आईआईटी कानपुर के कैंपस में तेजी से बढ़ती सुसाइड की इन घटनाओं के पीछे की आखिर क्या वजह हो सकती है।
कुछ अरसा पहले ही आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर डॉ. पल्लवी ने भी हॉस्टल में ही आत्महत्या कर ली थी
जबकि इससे पहले 2022 में वाराणसी के रहने वाले पीएचडी छात्र ने फांसी लगा ली थी।
2018 में फिरोजाबाद के रहने वाले पीएचडी के छात्र भीम सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। जबकि 2019 में सिक्योरिटी गार्ड आलोक श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर जान दे दी थी।
2020 में आईआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रमोद सुब्रमण्यन ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
2021 में संस्थान में असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुरजीत दास ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।
2022 में वाराणसी निवासी पीएचडी छात्र प्रशांत सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी
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