हाथरस भगदड़: सामने आया बाबा के काफिले का सीसीटीवी फुटेज, देखें कैसे फुर्र हो गया बाबा?

CHIRAG GOTHI

04 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 4 2024 8:51 PM)

Hathras Bhole Baba CCTV: हाथरस में मची भगदड़ के वक्त बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के काफिले का घटनास्थल से निकलने का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है जिसमें साफ दिख रहा है कि भगदड़ से जूझते भक्तों को मौत के मुंह में छोड़ बाबा कैसे अपनी सिक्योरिटी के साथ भागा जा रहा है।

CrimeTak
follow google news

अरविंद ओझा और संतोष शर्मा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Hathras: बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के काफिले का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। चंद सेकेंड के इस सीसीटीवी फुटेज से साफ है कि भगदड़ होने के बाद बाबा का काफिला तेजी से घटनास्थल से दूर निकल गया था। पीछे बाबा के भक्त भगदड़ से जूझ रहे थे और भक्तों की जान बचाने के बजाए बाबा की आर्मी सड़क के दोनों ओर अलर्ट मोड में खड़ी रहकर बाबा को सुरक्षा दे रही है। 

यह भी पढ़ें...

वक्त था 1 बज कर 41 मिनट और 37 सेकंड। बाबा का काफिला सड़क पर तेजी से आगे बढ़ रहा था। काफिले में सबसे पहले 14 बाइकें निकलती हैं, जिन पर ब्लैक कमांडो बैठे हुए हैं। इनके ठीक पीछे बाबा की सफेद रंग की गाड़ी निकलती है। बाबा की गाड़ी के पीछे कई और गाड़ियों का काफिला है जिनमें सतसंग के आयोजक, बाबा के खास खास लोग और सिक्योरिटी के लोग शामिल हो सकते हैं। साफ है कि घटना के बाद बाबा मौके से फुर्र हो गया था। ये उस घटना के फौरन बाद का वीडियो है जब बाबा भोले नाथ की कार के पास भीड़ इकट्ठा हुई थी और उनके सेवादारों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिये धक्का मुक्की की जिससे भगदड़ मच गई। 

क्या ये संभव है कि बाबा को ये जानकारी न लगी हो कि मौके पर भगदड़ हो गई है?

ऐसे में बाबा की क्या जिम्मेदारी बनती थी?

खैर, ये फुटेज पुलिस के लिए एक अहम सबूत है, क्योंकि इससे बाबा भोले की नीयत का पता चल रहा है। उधर मामले की जांच आगे बढ़ रही है। 

ये बाबा है या गुरु घंटाल?

मैनपुरी के बिछुआ आश्रम के अलावा भी बाबा नारायण साकार हरि के उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी आश्रम बताए जा रहे हैं। बाबा के कई बड़े-बड़े आश्रम अलग-अलग शहरों में बने हुए हैं। कासगंज, आगरा, कानपुर, शाहजहांपुर के साथ साथ ग्वालियर में भी आश्रम हैं। माना जा रहा है कि बाबा नारायण साकार हरि बेहद शातिर दिमाग का है। वो सोशल मीडिया से दूरी बना कर रखता है। यहां तक कि भक्तों को सत्संग में मोबाइल लाने की इजाजत भी नहीं है। यानी बाबा की वीडियो बनाने पर पूरी तरह पाबंदी है। बाबा ने अपने किले जैसे आश्रम को भी लोगों की नजरों से बचा कर रखा है। बाबा के बिछुआ आश्रम में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं। गेट और बाउंड्री पर भी नहीं। सुनसान इलाके में बनी इस कोठी में सीसीटीवी कैमरे का ना लगा होना भी कई सवाल खड़े करता है। पुलिस से पूछताछ में सेवादारों ने बताया है कि ये आश्रम मैनपुरी के रामकुटी ट्रस्ट द्वारा चलाया जा रहा है। 

मगर भगदड़ और उसके बाद के घटनाक्रम के मद्देनजर बाबा को लेकर कई सवाल हैं। आखिर बाबा सीसीटीवी की निगरानी से क्यों बचना चाहता है? क्या आश्रम में आने वालों को दुनिया की नजरों से छिपाने के लिए नहीं लगाए सीसीटीवी? या फिर बाबा के आश्रम में अंदर ऐसा कुछ है जो बाबा दुनिया के सामने नहीं आने देना चाहता? जवाब शायद पुलिस की तहकीकात पूरी होने के बाद ही मिल पाएंगे।

    follow google newsfollow whatsapp