Haryana Crime: बैंक से लोन लिए बिना 180 बन गए कर्जदार, इस गैंग से बचके रहना!

Faridabad Crime: आरोपी पहले एक गैजेट स्टोर पर काम करते थे और वहीं से इनके दिमाग में यह ठगी का आइडिया आया और इन्होंने बैंक कर्मचारी को अपने साथ मिलाकर बैंक को चूना लगाना शुरू कर दिया।

CrimeTak

17 Jan 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:34 PM)

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Haryana Crime News: हरियाणा के फरीदाबाद (Faridabad) में सैकड़ों लोग बड़ी ठगी (Fraud) का शिकार हो गए। इन लोगों ने बैंक (Bank) से लोन (Loan) ही नहीं लिया और बैंक के कर्जदार बन गए। ठगों ने एक दो नहीं बल्कि 180 लोगों को अपना शिकार बनाया। पुलिस ने एक युवक की शिकायत पर बैंक फ्राड केस की जांच शुरु की थी।

पुलिस ने जांच आगे बढ़ाई तो एक बेहद खतरनाक गैंग का पर्दाफाश हो गया। साइबर क्राइम की टीम ने 7 फ्राडियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक मोबाइल, 14 सिम कार्ड और कैश बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक इस गैंग के सदस्य फर्जी कागजातों के आधार पर फोन फाइनेंस करवा लिया करते थे।

आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों का इंतेजाम किया और दिल्ली एनसीआर के करीब 180 फोन फाइनेंस कराके लोगों को ठग लिया। हैरानी की बात ये है कि ठगी करने के बाद ये गैंग मोबाइल फोन को बिल समेत बेच दिया करते थे। कहानी तब शुरु हुई जब लोगों ने किसी बैंक से लोन लिया ही नही था लेकिन जब वो लोन लेने पहुंचे तो पता चला कि उनका सिबिल स्कोर खराब हो चुका है।

अब सवाल ये कि जब लोन ही नहीं लिया को सिबिल स्कोर कैसे खराब हो गया। जीं हां लोन आपने नहीं लिया बल्कि आपको बिना बताए बगैर आपकी इजाजत के इस ठग गैंग के सदस्यो फर्जी दस्तावेजों को आधार पर लोन ले लेते हैं। आपको तब पता चलता है जब आप कभी लोन लेने की कोशिश करते हैं।

इस गैंग की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद के डीसीपी हेडक्वार्टर नीतीश अग्रवाल ने बताया कि फरीदाबाद में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था जब एक व्यक्ति ने जरूरत पड़ने पर बैंक में लोन के लिए अप्लाई किया और बैंक में यह कहते हुए उसे इनकार कर दिया।

उसने पुराने लोन का पेमेंट नहीं किया है जिसके चलते उसका सिबिल स्कोर खराब है। जब पीड़ित को कागजात दिखाए गए तो वह सभी कागजात फर्जी थे । इसके बाद पीड़ित साइबर थाने पहुंचा और साइबर पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की थी।

पुलिस अफसरों का कहना है कि ये गिरोह सिर्फ इलेक्ट्रोनिक गेजेट्स ही फाइनेंस किया करते थे। डीसीपी नितीश अग्रवाल के मुताबिक आरोपी पहले एक गैजेट स्टोर पर काम करते थे और वहीं से इनके दिमाग में यह ठगी का आइडिया आया।

आरोपियों ने बैंक कर्मचारी को अपने साथ मिलाकर बैंक को चूना लगाना शुरू कर दिया। ये गैंग ऑनलाइन वेबसाइट से लोगों के पैन व आधार कार्ड डाउनलोड करते थे और उसमे फेरबदल करते थे।  लोन फ्रॉड से खरीदे कगए गैजेट को बिल समेत सस्ते दामों बेचा जाता था।

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