Halal Meat Row : कभी हिजाब कभी हलाल !

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04 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:16 PM)

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पहले हिजाब अब हलाल। कर्नाटक में फिर विवाद खड़ा हो गया है। हिजाब विवाद के बाद अब हलाल मीट (halal meat) को लेकर विवाद छिड़ गया है। यह विवाद गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) मतलब हिंदू नववर्ष के त्योहार से पहले शुरू हुआ और अब तक जारी है।

क्यों विवाद बरपा है ?

कर्नाटक पशुपालन विभाग ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) को 1 अप्रैल 2022 को एक पत्र लिखा था। इसमें कहा गया था कि शहर में जितने भी बूचड़खाने और मुर्गे की दुकानें हैं उन सभी पर जानवरों को बिजली का करंट देने की सुविधा होनी चाहिए। जानवर को पहले बिजली का झटका दिया जाना चाहिए, उसके बाद जब जानवर बेहोश हो जाए तो उसके बाद जानवर की जान ली जानी चाहिए।

हलाल मीट विवाद क्या है?

दरअसल, कर्नाटक में Ugadi (गुड़ी पड़वा) के वक्त Hosathodaku का जश्न मनाया जाता है। यह गुड़ी पड़वा त्योहार से एक दिन पहले कर्नाटक के मैसूर, रामनगर और मांड्या जिले में मनाया जाता है। इस दिन बहुत से हिंदू लोग भी मीट खाते हैं। हिंदू जन जागृति समिति ने कहा था कि हलाल मीट पवित्र नहीं होता। वो इस तरह से पवित्र नहीं होता, क्योंकि Hosathodaku पर जो मीट बनाया जाता है उसे पहले भगवान को चढ़ाया जाना होता है लेकिन हलाल मीट को पहले ही मुस्लिम विक्रेता अपने भगवान को चढ़ा चुके होते हैं।

एक घटना ने आग में घी डालने का काम किया

इन सब घटनाक्रमों के बीच ही कर्नाटक उबलने लगा। एक अप्रैल को एक सीसीटीवी सामने आया जिसमें 10-15 लोग एक होटल के स्टाफ को धमका रहे थे कि वे हलाल मीट ना बेचें। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। दूसरी घटना में बजरंग दल के लोगों पर एक चिकन की दुकान वाले को पीटने का आरोप लगा था, जो कि हलाल मीट बेचने पर अड़ा था।

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