अपनी मोहब्बत के टुकड़ों को वो चील-कव्वे को खिलाता रहा! कौन था वो वहशी?

GURUGRAM Manesar Woman Murder:गुरुग्राम के मानेसर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला के टुकड़े-टुकड़े कर जगह-जगह फेंक दिए गए।

Woman Murder Gurugram Manesar

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28 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 28 2023 1:36 PM)

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नीरज वशिष्ठ के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Woman Murder Gurugram Manesar:  एक पल में इंसान कैसे हैवान बन सकता है?  ये कहानी कुछ ऐसी ही है। कई बार इंसान को ऐसा लगने लगता है कि जिससे वो बेहद प्यार करता था, वो उसकी बेज्जती कैसे कर सकती है? अब या तो वो बेज्जती को भूल जाए, खून का घूंट पी जाए या फिर बदला ले और ऐसा कि जब तक उसका गुस्सा शांत न हो जाए। कुछ ऐसा ही हुआ गुरुग्राम के मानेसर में। जितेंद्र की शादी हुई। जितेंद्र अपनी बीवी से बेहद प्यार करता था। उसने मानेसर में किराए पर एक मकान लिया। जितेंद्र वैसे तो नेवी में था, लेकिन उसने नौकरी छोड़ दी। दूसरी जगह काम करने लगा। घर में छोटी-छोटी चीजों के लिए उसकी बीवी को कई बार मोहताज होना पड़ता था।

प्यार का इंतकाम

आखिर वो भी कब तक बर्दाश्त करती ? और धीरे-धीरे काम को लेकर, चीजों को किल्लतों को लेकर और जिम्मेदारियों को लेकर क्लेश शुरू हो गया। पैसों की किल्लत की वजह से उसकी बीवी उसे ताना मारने लगी। इस बीच जितेंद्र का किसी अन्य महिला से अफेयर हो गया। इस बात को लेकर घर में और क्लेश रहने लगा। कई बार जितेंद्र की चोरी भी पकड़ी गई। उसकी पत्नी कहती थीं, 'तुम कुछ नहीं कर सकते, तुम बेकार हो, तुमने मेरी जिंदगी खराब कर दी। तुम उसी के साथ रहो।' समय बीतता रहा। जितेंद्र भी अपमान का घूंट पीता रहा, लेकिन उसकी पत्नी मानने को तैयार नहीं थी। एक दिन क्लेश इतना बढ़ गया कि दोनों ने एक-दूसरे से बात तक नहीं की। वो अपनी धुन में सवार और उसकी पत्नी अपनी धुन में, लेकिन लड़ाई अपनी जगह थी और पैसों की किल्लत अपनी जगह। परिस्थिति कहां बदलने वाली थी ? एक वक्त ऐसा भी आया कि जब दोनों एक-दूसरे की शक्ल देखना तक पंसद नहीं करते थे। प्यार तकरार में बदल चुका था। अब जितेंद्र को ये लगना शुरू हो गया था कि जब तक वो अपनी पत्नी से अलग नहीं होगा, तब तक उसका सुकून वापस नहीं लौटेगा।

इस दौरान जितेंद्र पर तानों की बौछारें जारी थी। अब उसका धैर्य जवाब देने लगा था। एक वक्त ऐसा भी आया कि उसके सब्र का बांध टूट गया। बार-बार उसे उल्टा बोलने के बजाए इस बार जितेंद्र ने उसे हमेशा के लिए शांत करने का मन बना लिया। ये सब दरकिनार करते हुए कि इसका अंजाम क्या होगा? उसकी अपनी पत्नी की हत्या करने का मन बना लिया ताकि उसकी जिंदगी सुकून से बीते।

एक दिन फिर दोनों में क्लेश हुआ। इस दौरान जितेंद्र का गुस्से अब सातवें आसमां पर था। आगबबूला जितेंद्र ने किचन से लाकर अपनी बीवी के पेट में चाकू घोंप दिया। वो चिल्लाने लगीं। खूब बहता रहा। वो तड़पती रही और धीरे-धीरे उसका शरीर शांत हो गया। जितेंद्र बस ये सब गुस्सा में देखता रहा। जब उसे लगा कि अब उसकी पत्नी की मौत हो गई है तो वो डर गया। अब जितेंद्र का दिमाग धीरे-धीरे चलने लगा था। उसने शव को छिपाने की योजना बनाई ताकि वो पकड़ा न जा सके।

पहले उसने कपड़े से खून साफ किया। फिर चाकू और दूसरे हथियार से अपनी बीवी के शरीर के टुकडे़ करना शुरू किए। हाथ काटे, पैर काटे और धड़ को अलग कर दिया। उसे ये पता था कि वो शव को टुकड़ों में ले जा सकता है। ऐसे लेकर जाएगा तो पकड़ा जा सकता है। लिहाजा उसने सबसे पहले धड़ को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। जितेंद्र के दिमाग में ये बात थी कि रात के अंधेरे में वो धड़ को जला देगा। वो अपनी बाइक से रात के वक्त अपनी बीवी के धड़ को लेकर निकला। रात के अंधेरे में वो मानेसर के पंचगांव चौक के पास कुकडोला गांव में एक खेत में पहुंचा। उसे यहां एक मकान दिखा, जो खेतों के बीच में था। उसने धड़ को मकान में रखा और जला दिया और फिर वहां से भाग गया।

21 की सुबह मिला धड़

21 अप्रैल की सुबह किसी ने मकान से धुआं उठते हुए देखा। इस व्यक्ति ने खेत के मालिक उमेद सिंह को फोन कर दिया। खेत के मालिक ने पुलिस को फोन कर दिया। गुरुग्राम पुलिस ने मानेसर के पंचगवां चौक इलाके से सटे एक कमरे से महिला का अधजला धड़ बरामद कर लिया। धड़ काफी जल चुका था। अब पुलिस के सामने सवाल था कि ये किसका है? यहां कैसे पहुंचा। मुकदमा दर्ज हुई। जांच शुरू हुई। पहचान की कोशिशें शुरू हुई। पुलिस ये सब कर ही रही थी कि 23 अप्रैल की सुबह खेड़की दौला थाना क्षेत्र से कटी हुई टांगे बरामद हुई। ये टांगे किसी महिला की थी, क्योंकि उसके पैरों में आभूषण (चुटकी)था। अब सवाल ये खड़ा हो रहा था कि जो अधजला धड़ बरामद हुआ था और टांगे, क्या ये दोनों एक ही महिला के शव के हिस्से हैं? इसके लिए डीएनए जांच जारी है।

23 अप्रैल को मिली टांगे!

23 अप्रैल तक पुलिस पूरी तरह से परेशान हो चुकी थी। उनके पास कोई सबूत नहीं था। वो सिर्फ अंधेरे में ही तीर चला रही थी, लेकिन लाश के टुकड़ों का मिलना लगातार जारी था। इस बीच पुलिस ने सीसीटीवी खंगालने शुरू किए और मीसिंग रिपोर्ट भी खंगाली। आखिरकार आरोपी सीसीटीवी में दिख ही गया। पुलिस ने उसे गुरुग्राम के गांधीनगर इलाके से अरेस्ट कर लिया।

जब उससे पूछताछ हुई तो उसने सब कुछ उगलना शुरू कर दिया। आरोपी जितेंद्र ने बताया कि वो लाश के टुकड़े-टुकड़े कर अलग अलग जगहों पर फेंकता रहा ताकि किसी को शक न हो। आरोपी ने बताया कि उसे पता था कि वो शव को ऐसे ठिकाने नहीं लगा सकता है, इसीलिए उसने शव के टुकड़े किए।

उसने पुलिस को कहा, 'मेरी पत्नी ताने मारती थी, पैसों को लेकर। बार-बार अपमान करती थी। इस बीच मैं हताश हो चुका था। न पैसे था, न प्यार। प्यार की चाहत में मेरा अफेयर हो गया, लेकिन पैसों की किल्लत जारी रही। एक तरफ वो क्लेश करती रही। मैंने गुस्से में उसे मार दिया।'

क्या कहा डॉक्टर ने?

पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर दीपक माथुर की माने तो खेड़कीदौला थाना क्षेत्र में मिलने वाले मानव अंग महिला के है, लेकिन अभी टांगो का पोस्टमार्टम नहीं किया गया है। मृतका के धड़ और टांगो की डीएनए रिपोर्ट से साफ हो पायेगा कि धड़ और टांगे एक ही महिला की थी या किसी और की? शुरूआती जांच में साफ हुआ है कि महिला की उम्र 25 से 35 के बीच की रही होगी।

अभी तक महिला का सिर और हाथ बरामद नहीं हुए हैं। आरोपी से पूछताछ जारी है कि उसने इन्हें कहां फेंका?  

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