Mufti ke Bigde Bol: पुलिस ने इस्लामिक उपदेशक मुफ्ती सलमान अजहरी को गुजरात की पुलिस ने मुंबई के घाटकोपर इलाके से गिरफ्तार किया था। फिर उन्हें गुजरात के जूनागढ़ ले जाया गया है। ऐसा पुलिस अफसर ने भी बताया। मगर पुलिस वाले ये नहीं बता सके कि आखिर ये मुफ्ती सलमान अजहर हैं कौन? छोटी कद काठी वाले इस मुफ्ती ने इतना बड़ा बवाल खड़ा करवा दिया कि दो दो राज्यों की पुलिस अचानक एड़ियां चटकाने और पंजों पर खड़ी नजर आने लगी।
सोशल मीडिया पर जबरदस्त फॉलोइंग है जहर उगलने वाले मुफ्ती की, ATS ने इसलिए किया है गिरफ्तार
Mufti Maulana Salman Azhari: इस्लामिक उपदेशक मुफ्ती सलमान अजहरी को गुजरात की पुलिस ने मुंबई के घाटकोपर इलाके से गिरफ्तार किया था
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मुंबई से गिरफ्तार करके मुफ्ती सलमान अजहरी को गुजरात ले जाया गया
06 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 6 2024 2:40 PM)
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वैसे मौलाना सलमान अजहरी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं
इस्लामिक बयान वाले उनके वीडियो को देखने वाले लाखों लोग हैं
उत्तर भारत से लेकर पश्चिम भारत तक में मुस्लिमों के बीच बेहद काफी लोकप्रिय हैं
चार जनवरी को मुंबई के घाटकोपर थाने के बाहर जबरदस्त गहमागहमी थी, लोग पुलिस की बात सुनने को राजी नहीं थे। पुलिस की अपील को भी जब भी़ड़ अनसुना कर देती है तो ये बात साफ हो जाती है कि कुछ तो ऐसा जरूर है जो भीड़ के मुताबिक नहीं है।
मुफ्ती सलमान अजहरी मुंबई के घाटकोपर इलाके में रहते हैं
मुफ्ती सलमान एक सुन्नी सूफी मुस्लिम स्कॉलर हैं
बताया जा रहा है कि मुफ्ती ने मिस्र की राजधानी काहिरा के अल अजहर यूनिवर्विटी से पढ़ाई की
दरअसल, जूनागढ़ में 31 जनवरी को हुए एक कार्यक्रम में मौलाना ने भड़काऊ भाषण दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद जूनागढ़ पुलिस ने मुफ्ती सलमान अजहरी और स्थानीय आयोजकों मोहम्मद यूसुफ मलिक और अजीम हबीब ओडेदरा के खिलाफ केस दर्ज किया।
वैसे सोशल मीडिया पर उनकी फैन फॉलोइंग लाखों में हैं
फेसबुक पर उनके 3.67 लाख फॉलोवर्स हैं,
जबकि इंस्टाग्राम पर उन्हें 4.93 लाख फॉलो करते हैं
सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि यूट्यूब पर उनके सब्सक्राइबर्स की संख्या 4.64 लाख है,
इसके अलावा एक्स पर उन्हें 73.5 हजार लोग फॉलो कर रहे हैं
अजहरी की गिरफ्तारी के बाद AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान ने दावा किया कि मुफ्ती ने कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया था। जाहिर है कि अब पुलिस मुफ्ती से पूछताछ कर रही है और मुमकिन है कि भड़की हुई भीड़ को काबू में करने की भी जिम्मेदारी भी खाकी पर ही आकर टिक गई है।
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