गुजरात : 19 साल के छात्र का अपहरण, 1.5 करोड़ की फिरौती, फिर हत्या, 350 CCTV कैमरे के 1200GB डेटा से सुलझी मर्डर मिस्ट्री

Gujarat Murder Mystery : 19 साल के युवक का अपहरण. पड़ोसी युवक ने घाटे के बाद की हत्या. 1.5 करोड़ फिरौती की मांग की थी. सीसीटीवी कैमरे से मिला सुराग.

Yash Tomar Murder : सीसीटीवी में दिखा था आरोपी यश तोमर के साथ स्कूटी पर बैेठे हुए

Yash Tomar Murder : सीसीटीवी में दिखा था आरोपी यश तोमर के साथ स्कूटी पर बैेठे हुए

22 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 22 2023 2:35 PM)

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गुजरात से कौशिक की रिपोर्ट

Gujarat Yash Murder : गुजरात के कच्छ में एक बेहद चौकाने वाला मर्डर मिस्ट्री सामने आई है. 350 कैमरे के 1200 GB CCTV डाटा खंगालकर इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाया गया. 19 साल के स्टूडेंट यश तोमर को पहले अगवा किया गया और फिर उसकी हत्या की गई. मर्डर के बाद उसकी लाश को गड्ढे में दफना दिया गया. मर्डर के बाद उसके घरवालों को फोन कर डेढ़ करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी. जिसे अब गुजरात पुलिस ने सुलझा लिया है. 

7 नवंबर को कॉलेज जाने के बाद गायब हुआ था यश तोमर

Yash Tomar Murder : 7 नवंबर को कॉलेज जाने के बाद अचानक यश तोमर लापता हो गया था. 15 दिनों की जांच के बाद उसकी हत्या करने वाले दोनों अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस की शुरुआती जांच में युवक की हत्या की वजह बहुत चौंकाने वाली सामने आई हैं. 7 नवंबर को यश तोमर के लापता होने के बाद उसके परिवार से फिरौती की मांग की गई थी. इसके लिए एक फोन कॉल हुई थी. यश के अपहरण की जानकारी सामने आई. परिवार ने पुलिस थाने जाकर मामले में FIR दर्ज कराई. तब CCTV विश्लेषण के दौरान एक व्यक्ति एक कॉलेज बैग के साथ यश की स्कूटी पर पीछे बैठा था. जिसके बाद यश की कोई जानकारी नहीं थी. 

Yash Tomar Murder : मृतक यश तोमर की फाइल फोटो

वीडियो में यश बोला था, मैं फंस गया हूं

जिसके बाद पुलिस ने यश का सोशल मीडिया चेक किया तो पता चला कि उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर एक अज्ञात जगह का वीडियो डाला था. उस वीडियो में यश बोल रहा था कि मैं फंस गया हूं. पुलिस ने इस विडियो का विश्लेषण किया तो पता चला कि यह जगह गांधीधाम के पंच मुखी हनुमान के नजदीक की है. और पुलिस टीम पंचमुखी हनुमान मंदिर, गांधीधाम टैगोर रोड के पीछे बबूल की झाड़ियों तक पहुंची. साथ ही उस स्थान की खुदाई करने पर यश का शव भी मिला. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा लेकिन अभी तक एक भी सुराग नहीं मिला जिससे हत्यारों को पता लगाया जा सके. पुलिस ने अलग अलग तरीके से एक मामले में विस्तार से जांच शुरू की जिसके बाद पुलिस ने शहर भर से 350 CCTV के 1200GB डाटा को खंगालना शुरू किया जिसमें हत्या के 15 दिन बाद CCTV फुटेज में यश के पीछे स्कूटर पर बैठे शख्स का पता चला. 

पुलिस ने काफ़ी जांच पड़ताल के यश के पीछे बैठे सख्श राजेंद्र कुमार कलारिया को हिरासत में लिया. जिसके बाद उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने बताया कि इस वारदात में अन्य एक और व्यक्ति भी हत्या में शामिल था. अब पुलिस ने वारदात के 15 वें दिन राजेंद्रकुमार उर्फ राजू नरशी कलारिया और किशन मावजीभाई माहेश्वरी नामक दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. अपराधियों ने अपहरण और फिरौती मांगने की योजना काफी समय से बनाई जा रही थी. लेकिन मामला हत्या तक पहुंच गया और अपराधी की चालाकी की वजह ने पुलिस को 15 दिनों तक दौड़ाए रखा. लेकिन आखिरकार पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझा ली.   

Yash Tomar Murder : पकड़े गए आरोपी

कारोबार में घाटा हुआ तो रची अपहरण की साजिश

पकड़े गए दोनों लोगों से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि गांधीधाम निवासी राजेंद्रकुमार उर्फ राजू कलारिया सीट कवर रिपेयरिंग का काम करता है. जो पांच साल पहले आर्थिक रूप से संकट में था. लेकिन अचानक व्यापार में घाटा होने के कारण गाड़ियां बिक गईं. व्यापार बंद हो गया, कर्ज बढ़ गया. इसलिए कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उनके परिवार को अहमदाबाद में रहने के लिए भेज दिया गया. अपराधी और मुर्तक यश तोमर पांच साल पहले वर्सामेडी क्षेत्र में एक ही सोसायटी में रहते थे. दोनों परिवार एक-दूसरे को जानते थे और अपराधी को पता था कि यश तोमर का परिवार आर्थिक रूप से करोड़पति हैं. इसलिए कर्ज से छुटकारा पाने के लिए सालों पहले ही अपराधी ने खुद आदिपुर में अकेले प्लान पूर्वक सिम कार्ड लिया और अपहरण, जबरन वसूली (हत्या) जैसे अपराधों को अंजाम देने के बारे में सोचकर, उसने दूसरे अपराधी को आर्थिक लालच देकर अपराध करने के लिए उकसाया.  

Yash Tomar Murder : सीसीटीवी में दिखा था आरोपी यश तोमर के साथ स्कूटी पर बैेठे हुए

कई महीने पहले बनाया था अपहरण-मर्डर का प्लान

महीनों पहले ही हत्या की साजिश रच डाली थी. उसी साजिश के तहत अज्ञात जगह पर गड्ढा खुदवा दिया था. उसे करने के बाद ही यश तोमर के अपहरण को अंजाम दिया. यश तोमर के कॉलेज जाने के दौरान उसने रोका था. उसे देखते ही यश ने पहचान लिया था. यश ने पूछा था कि अंकल आप यहां क्या कर रहे हैं. तभी अपराधी राजेंद्र ने उसको बताया कि उसकी स्कूटी खराब हो चुकी है. और उसको लिफ्ट चाहिए. जिसके बाद यश की स्कूटी पर यश के पीछे बैठकर अपराधी ने जहां यश की हत्या का प्लान बनाया था उसी जगह पर ले गया. वहीं पर उसने यश की हत्या  को अंजाम दिया. दोनों आरोपियों के साथ बबूल की झाड़ियों में अपहरण और हत्या की वारदात को अंजाम दिया और यश की हत्या के बाद अपराधी ने अपने मोबाइल फोन का उपयोग नहीं किया. एक डमी सिम कार्ड के जरिए मृतक यश के परिवार के फोन कॉल के जरिए 1.5 करोड़ की फिरौती की मांग की. दोनों अपराधी ने योजना बनाई थी कि पैसा मिलते ही वो दोनो फरार हो जाएंगे. लेकिन इस बीच काफ़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने इस हाई प्रोफाइल हत्या केस को सुलझा लिया.

Yash Tomar Murder : इसी गड्ढे में दफनाया था

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