Group captain Varun Singh : ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की अंतिम यात्रा शुरू हो चुकी है। उनका पार्थिव शरीर बैरागढ़ मिलिट्री अस्पताल से मुक्तिधाम के लिए रवाना हो गया है। सड़क के दोनों ओर उनके अंतिम दर्शन और विदाई के लिए लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। बैरागढ़ के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार से पहले श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया है। अंतिम संस्कार के दौरान आम लोग बैरिकेड के दूसरी तरफ से ग्रुप कैप्टन विक्रम सिंह के पार्थिव शरीर का दर्शन कर सकेंगे।
भोपाल में अंतिम सफर पर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह
MP के भोपाल में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का अंतिम सफर हुआ शुरू, मिलिट्री अस्पताल (Military Hospital) से मुक्तिधाम के लिए रवाना हुआ पार्थिव शरीर, Read crime stories, Crime news (क्राइम न्यूज़) Crime Tak.
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17 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:11 PM)
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मुक्तिधाम में राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ कैप्टन वरुण सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। गुरुवार को वरुण सिंह का पार्थिव शरीर भोपाल लाया गया था। यहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। एयरफोर्स के अफसरों और एमपी सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने भी भोपाल एयरपोर्ट पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना के विमान क्रैश हादसे में एकमात्र जीवित बचे वरुण सिंह की बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। विमान हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 13 अधिकारी शहीद हो गए थे। वरुण मूल रूप से यूपी के देवरिया जिले के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले थे। फिलहाल, वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं।
साल 2020 में एक हवाई इमरजेंसी के दौरान अपने LCA तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर इस कैप्टन को इस सम्मान से नवाजा गया था। कैप्टन वरुण सिंह का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी उम्र 42 साल थी। उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे। वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुम्बई में नेवी में हैं। उनकी पत्नी गीतांजली एक बेटा रिद रमन और बेटी आराध्या हैं।
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