गोरखपुर कांड : इस मामले में अब पुलिस कटघरे में है और इन सवालों का जानना बेहद जरूरी है
गोरखपुर कांड : पुलिस को देना होगा इन सवालों का जवाब, मामले को लेकर सियासत तेज
गोरखपुर कांड में पुलिस पर सवालों का सिकंजा कसता नजर आ रहा है, मामले पर सियासत भी तेज़ होती दिखाई दे रही है, Read the latest crime news in Hindi, crime news today photos and videos and more on Crime Tak
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30 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
1. अगर पुलिस संदिग्धों की चेकिंग के लिए गई थी तो अब तक हत्या को हादसा बताने के लिए पुलिस की ओर से बनाया गया चेकिंग का वीडियो क्यों नहीं जारी किया गया? जबकि आम तौर पर पुलिस सड़क पर वाहन और मास्क चेकिंग करते वक्त भी वीडियो बनाती है।
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2. क्या सूचना पुलिस के पास थी ? ऐसे में होटल के 512 नंबर कमरे में ही संदिग्धों के होने की सटीक सूचना कैसे मिल गई? जब कि सच्चाई कुछ और थी ? क्या पुलिस कर्मी शराब के नशे में थे ? क्या घटना के वक्त पुलिस कर्मियों को मेडिकल कराया गया ?
3. आधी रात 12.30 बजे चेकिंग पर उठे सवाल पर भी एसएसपी ने कहा है कि संदिग्धों की सूचना पर, यानी कि विशेष परिस्थिति में चेकिंग की गई। सवाल ये उठता है कि क्या मनीष को पुलिस वालों से बहस करना भारी पड़ा। पुलिस कर्मियों ने इस बात को इगो पर ले लिया जिससे ये वाक्या हुआ ?
4. हादसा या हत्या : क्या पुलिस कर्मियों को इस बात का एहसास नहीं था कि वो मनीष को जिस तरह से मार रहे है , उससे उसकी मौत हो जाएगी ?
5. आखिर शुरुआत में पुलिस ने इस मामले को हादसा क्यों बताया ? जब मनीष की मौत महज एक हादसा ही थी तो फिर एक साथ 6 पुलिसकर्मियों को किस आधार पर और क्यों सस्पेंड कर दिया गया।
6. परिवार अगर कार्रवाई की मांग कर रहा था तो पुलिस ने हादसे का सबूत यानी की होटल के सीसीटीवी फुटेज, चेकिंग के समय पुलिस की ओर से की गई वीडियो रिकार्डिंग या अन्य सफाई क्यों नहीं दी?
7. घटना के तत्काल बाद होटल के कमरे से मनीष का मोबाइल, पर्स गायब हो गया। फर्श पर लगे खून के धब्बे क्यों आनन फानन में साफ कर दिए गए। बिना किसी फॉरेंसिक जांच आदि के होटल के कमरे से छेड़छाड़ क्यों की गई। किसी हत्या या हादसे के बाद किस होटल कर्मचारी की हिम्मत होगी कि वह बिना पुलिस की इजाजत के खून के दाग साफ करेगा?
8. अगर परिजनों की ओर से लगाए जा रहे सिर्फ आरोपों पर ही पुलिस वालों को सस्पेंड किया गया तो फिर परिजन केस दर्ज करने की भी मांग कर रहे थे। देर रात तक तमाम हंगामों और सरकार की भदृ पीटने तक का इंतजार क्यों किया गया। एक हत्या का केस दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री तक को क्यों आगे आना पड़ा?
9. आखिर ऐसी क्या वजह है कि जिसके लिए जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक की भदृ पीटने के बाद भी विभाग आरोपी पुलिसकर्मियों को क्यों बचाने में लगा है?
10. क्या अब जिले में हर छोटी से छोटी बात की फरियाद खुद मुख्यमंत्री को ही सुननी पड़ेगी। किसी भी घटना में निर्णय, इंसाफ और न्याय की जिम्मेदारी सिर्फ सीएम योगी आदित्यनाथ की है? जिले में तैनात अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार क्यों नहीं हैं?
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