8 साल की बच्ची को मां लटका रही थी फांसी पर, घर से भागकर बचाई खुद की और फांसी पर लटकी मां की जान

Girl flees as mom tries to hang her, sister dies

CrimeTak

25 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)

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21 सितंबर को बेंगलुरु के पास के गांव डिब्बुर के एक घर से अचानक 8 साल की बच्ची भागते हुए बाहर निकली और जोर-जोर से अपनी मां और बहन को बचाने की गुहार लोगों से लगाने लगी। बच्ची की चीखें सुनकर गांववाले घर के अंदर दाखिल हुए तो उनके पैर ठिठक गए।

घर के अंदर बच्ची की मां और उसकी 12 साल की बहन फांसी पर झूल रही थीं। गांववालों ने देरी ना करते हुए दोनों को उतारा और पास के अस्पताल लेकर गए। अस्पताल पहुंचकर पता लगा कि 12 साल की बच्ची की जान जा चुकी है जबकि मां अभी तक जिंदा थी।

इसके बाद डॉक्टरों ने मां का इलाज शुरु किया और उसकी हालत गंभीर थी। पुलिस के मुताबिक डिब्बुर गांव की रहने वाली वरालक्ष्मी के पति की मौत दो महीने पहले कोविड से हो गई थी । वरालक्ष्मी खुद रीढ़ की हड्डी की परेशानी से पीड़ित थी। पति की मौत के बाद वो बहुत ज्यादा डिप्रेशन में आ गई। 21 सितंबर को उसने तय किया कि वो अपनी बेटियों के साथ फांसी लगाकर जान दे देगी।

पुलिस की मानें तो इस बात के लिए वरालक्ष्मी ने अपनी 12 साल की बेटी दिव्याश्री और 8 साल की छोटी बेटी मुग्धा को राजी भी कर लिया। शाम 6 बजे मां ने खुद के लिए और दोनों बच्चियों के लिए फांसी का फंदा तैयार किया और फिर तीनों ने एक साथ वो फंदा गले मे डाला। हालांकि आखिरी वक्त पर छोटी बेटी ये सब देखकर डर गई और वो फंदे से उतरकर घर से बाहर भाग गई।

तब तक उसकी बहन और मां फांसी पर लटक चुकी थीं। बच्ची ने जब शोर किया तो लोग इकट्ठा हो गए और मां की जान बच पाई लेकिन 12 साल की बहन की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस को लगता है कि वरालक्ष्मी तबीयत खराब होने की वजह से बच्चियों को उठाकर फंदे पर नहीं लटका सकती बलकि उसने बच्चियों को फांसी लगाने के लिए तैयार किया और ये वारदात सामने आई।

वरालक्ष्मी का इलाज चल रहा है और उसके ठीक होने पर पुलिस उससे पूछताछ करेगी। हालांकि 8 साल की बच्ची की सूझबूझ से ना केवल उसने अपनी जान बचा ली बलकि इस दुनिया में उसका आखिरी सहारा रही मां को भी बचा लिया। फिलहाल बच्ची को उसके रिश्तेदारों के पास भेज दिया है।

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