पुलिस की मानें तो दिल्ली के इन दो गैंगस्टर की आपसी दुश्मनी काफी पुरानी है... समझा जाता है कि साल 2012-13 में दिल्ली यूनीवर्सिटी के चुनावों से इस दुश्मनी की नींव पड़ी । डीयू के चुनाव के दौरान एक दूसरे से पहली बार टकराए थे और उसके बाद से लगातार टकराते रहे।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनावों से पड़ी थी टिल्लू और गोगी के बीच दुश्मनी की नींव!
Gangster Gogi killed in shootout at rohini court
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24 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
इत्तेफ़ाक से इन दोनों के बीच कुछ पारिवारिक दुश्मनी भी है... और टिल्लू और गोगी के बीच लगातार बढ़ती कड़वाहट की ये भी एक अहम वजह थी ।अब तक दोनों गैंग के बदमाश एक दूसरे से अनगिनत बार टकरा चुके हैं और इस टकराव में अब तक कई दर्जन लोगों की जान जा चुकी है।
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कौन हैं टिल्लू और गोगी ?
सुनील उर्फ़ टिल्लू अलीपुर का रहनेवाला है और इस वक्त तिहाड़ में बंद बताया जाता है। उस पर हत्या समेत कई संगीन गुनाहों के अनेक मामले दर्ज हैं। टिल्लू एक बार कस्टडी से फरार हो चुका है लेकिन फिलहाल क़ानून के शिकंजे में है। जीतेंद्र उर्फ़ गोगी भी अलीपुर का ही रहने वाला था और उस पर भी कई मामले दर्ज थे। गोगी पर भी कत्ल, अपहरण, लूट जैसे कई संगीन जुर्म के ढेरों मामले दर्ज थे ।
बहरहाल, पुलिस इस ताज़े गैंगवार की जांच कर रही है... हो सकता है कि वो गुनहगारों को पकड़ कर जेल भी भेज दे... लेकिन गैंगवार और ख़ून खराबे का ये सिलसिला कब थमेगा, ये कोई नहीं जानता। गोगी की मौत के बाद ये बात तो तय है कि ये गैंगवार और खूनी होने वाली है।
हालांकि टिल्लू का पलड़ा थोड़ा भारी लगता है क्योंकि उसके पीछे दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना का हाथ माना जाता है जबकि गोगी के पीछे नीरज के विरोधी गैंग खड़े थे। गोगी की हत्या के बाद अब निशाने पर टिल्लू गैंग के बदमाश होंगे। आने वाले वक्त में कौन किस पर भारी पड़ेगा ये कहना मुश्किल है।
दिल्ली में इस वक्त कई गैंग ऑपरेट कर रहे हैं जिसमें सबसे बड़ा गैंग फिलहाल नीरज बवाना का माना जाता है। ये गैंग सबसे ज्यादा बाहरी दिल्ली, दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली में सक्रीय हैं। इन गैंग्स से वास्ता रखने वाले ज्यादातर बदमाश हरियाणा के अलग-अलग जिलों से आते हैं । दिल्ली में बढ़ती जमीनों की कीमतों ने इन गैंग्स में नई जान फूंक दी है।
दिल्ली में बदमाशी करने वाले ज्यादातर गैंग्सटर प्रॉपर्टी से जुड़े हुए हैं और विवादित जमीनों का निपटारा कराना या फिर किसी की जमीन पर कब्जा करना । कुछ गैंग वसूली के धंधे में भी सक्रीय हैं लेकिन वहां पर पुलिस का दबाव उन पर ज्यादा पड़ता है लिहाजा वो जमीन के धंधे को ही सबसे अच्छा मानते हैं।
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