दिल्ली पुलिस का मोस्टवान्टेड और गैंग्स्टर दीपक बॉक्सर इस वक़्त दिल्ली पुलिस के कब्जे में है। उसे बुधवार को बाकायदा दिल्ली पुलिस ने अपनी हथकड़ियों में उस वक़्त जकड़ लिया था जब उसे अमेरिकी जांच एजेंसी FBI के एजेंट्स मैक्सिको से लेकर दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुँचे और वहां उन्होंने इस बदमाश को दिल्ली पुलिस के हवाले किया , आधिकारिक तौर पर। ये सब कुछ हुआ सुबह करीब 4.40 बजे।
मगर एक बात हर कोई समझना भी चाहता है और जानने को बेताब भी है कि इतना शातिर गैंग्स्टर आखिर अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई और फिर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के चंगुल में आया कैसे। क्योंकि उसका पकड़ा जाना भी बहुत रोचक है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के स्पेशल कमिश्नर एचजीएस धालीवाल के मुताबिक असल में दीपक कोलकाता से मैक्सिको इसलिए भागा था, क्योंकि वो चाहता था कि मैक्सिको में मौजूद मानव तस्करों के जरिए वो अमेरिका में पहुँच जाएगा। अमेरिका जाने की सबसे बड़ी वजह यही थी कि उसके कई साथी पहले से ही अमेरिका में मौजूद हैं। लिहाजा वो वहां उनके साथमिलकर एक गैंग तैयार करना चाहता था और जिन्हें दिल्ली और आस पास के इलाकों में ऑपरेट करना चाहता था रिमोट कंट्रोल से।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पहले से ही दीपक बॉक्सर के पीछे टैक्टिनकल सर्वेलैंस लगा रखा था। इसी बीच पुलिस को इत्तेला मिली कि कोलकाता से भागने के बाद दीपक मैक्सिको के कानकुन शहर में पहुँच गया है। हालांकि वो सीधा कानकुन नहीं गया था बल्कि कई रास्तों से होता हुआ मैक्सिको के कानकुन शहर पहुँचा था। स्पेशल कमिश्नर धालीवाल के मुताबिक कोलकाता से दीपक सबसे पहले दुबई पहुँचा था फिर वहां से वो अलमाटी गया। अलमाटी से उसने कजाखस्तान का रुख किया और फिर तुर्की पहुँच गया। इसके बाद तुर्की से स्पेन के रास्ते वो मैक्सिको पहुँचा।
Gangster Deepak Boxer In Trap: दीपक बॉक्सर पांच देशों से होकर पहुँचा था मैक्सिको, FBI के चंगुल में फंसने का दिलचस्प किस्सा
Gangster Deepak Boxer: गैंग्स्टर दीपक बॉक्सर दिल्ली पुलिस के चंगुल में है। लेकिन ये बात बेहत दिलचस्प है कि आखिर वो कोलकाता से कैसे मैक्सिको पहुँचा और मैक्सिको में आखिर वो पकड़ा कैसे गया। वो कौन कौन से देश थे जहां से होता हुआ दीपक बॉक्सर मैक्सिको
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दीपक बॉक्सर को दिल्ली पुलिस ने इस तरह फंसाया चंगुल में
06 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 6 2023 8:56 AM)
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कानकुन शहर दुनिया भर में मानव तस्करों और ड्रग्स के माफिया के तौर पर बहुत बदनाम है। स्पेशल कमिश्नर धालीवाल के मुताबिक दीपक ने वहां मानव तस्करों से संपर्क किया और अमेरिका जाने का प्लान बनाया। इसी बीच पुलिस ने दीपक बॉक्सर की तमाम सूचनाएं अमेरिका की FBI के साथ साझा कर ली।
दीपक जैसे ही मैक्सिको से अमेरिका पहुँचने की फिराक में था तभी वो FBI के बिछाए जाल में फंस गया। एफबीआई की गिरफ्त में आने के बाद उसे दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के हवाले भी कर दिया गया। तब एफबीआई के एजेंट्स के जरिए दीपक बॉक्सर को
इसी बीच दिल्ली पुलिस की एक टीम भी मैक्सिको पहुँच गईं। ये भी खुलासा हो चुका है कि दीपक बॉक्सर ने कोलकाता से मैक्सिको पहुँचने के रास्ते में करीब 40 लाख रुपये खर्च किए। और उसका ये सारा खर्च उसके चचेरे भाई संदीप ने उठाया था।
मैक्सिको में गिरफ्तार किया गया दिल्ली का नामी गैंग्स्टर दीपक बॉक्सर अब दिल्ली पुलिस की हथकड़ियों में जकड़ा हुआ है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम इस नामी गैंग्स्टर को मैक्सिको से लेकर दिल्ली पहुँची और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुँचते ही उसे दिल्ली पुलिस ने बाकायदा गिरफ्तार कर लिया।
दीपक बॉक्सर को लाने वाली फ्लाइट बुधवार की सुबह करीब 4.40 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुँची। तभी आधिकारिक रूप से दिल्ली पुलिस की टीम ने दीपक बॉक्सर को अमेरिकी एजेंसी FBI के एजेंट्स से उसे हिरासत में लिया और फिर आधिकारिक तौर तरीके से गिरफ्तार किया गया। दीपक बॉक्सर मैक्सिको में पकड़ा गया था और उसे इस्तांबुल के रास्ते भारत वापस लाया गया।
ये बात गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के पांच विशेष अधिकारी दीपक बॉक्सर को लेने के लिए गए थे। ये खबर पुलिस को पहले ही मिल चुकी थी कि दीपक बॉक्सर जाली पासपोर्ट के जरिए दिल्ली से कोलकाता के रास्ते फरार हो गया था। खुलासा है कि दीपक मैक्सिको से भी आगे फरार होने की फिराक में था तभी वो एफबीआई के एजेंट्स के चंगुल में जा फंसा।
पुलिस को ये भी पता चल चुका है कि लॉरेंस बिश्नोई ने ही दीपक को कोलकाता के रास्ते भारत से फरार कराने में अहम रोल निभाया था। दीपक पहले ही दिल्ली पुलिस के लिए मोस्टवॉन्टेड बन चुका था। दीपक ने दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में एक बिल्डर अमित गुप्ता की गोली मारकर हत्या की थी। और उसके बाद से ही वो फरार हो गया था। ऐसा बताया जा रहा है कि गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई ने मिलकर दीपक को विदेश में बसाने का प्लान बनाया था और उसे फरार करवाकर अपने गैंग को इंटरनेशनल बनाने की जुगत शुरू कर दी थी।
ऐसा बताया जा रहा है कि दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में जितेंद्र जोगी की हत्या के बाद से ही दीपक बॉक्सर ने खुद को गोगी के गैंग का सरगना ऐलान कर दिया था। खुलासा ये हुआ है कि दीपक ने अपना फर्जी पासपोर्ट मुरादाबाद से तैयार करवाया था जिसमें उसका नाम रवि एंतिल बताया जा रहा है। और उसी पासपोर्ट के जरिए दीपक कोलकाता से फ्लाइट लेकर 29 जनवरी 2023 को मैक्सिको भाग निकला था।
पुलिस के मुताबिक दीपक बॉक्सर ने सिविल लाइंस के भीड़ भाड़ वाले इलाके में अगस्त 2022 को बिल्डर अमित गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। खुलासा यही है कि इस हत्या का मकसद दरअसल किसी भी तरह की रंगदारी की वसूली नहीं थी बल्कि एक पुरानी रंजिश का बदला लेना भर था। इसी बीच पुलिस को ये भी खबर मिली कि दीपक बॉक्सर का ताल्लुक टिल्लू ताजपुरिया गैंग से भी है। ये वही गैंग है जिसे उस बिल्डर का दुश्मन गैंग बताया जा रहा है। पुलिस की तफ्तीश में ये भी खुलासा हुआ है कि असल में बिल्डर अमित गुप्ता उस गैंग का सारा कैश और नकद की देख रेख करता था और गैंग के फाइनेंस का काम संभालता था।
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