G-20 का सबसे खतरनाक स्क्वॉयड HIT, हर होटल के कमरे में ये क्यों छुपे थे?

G 20 summit HIT: लंबी मेहनत, कोशिश और ट्रेनिंग ने एक ऐसे स्क्वॉयड को जन्म दिया जिसका नाम HIT पड़ा। HIT यानी हाउस इंटरवेंशन टीम।

HIT की सुरक्षा घेरे में थे  G- 20 के होटल

HIT की सुरक्षा घेरे में थे G- 20 के होटल

10 Sep 2023 (अपडेटेड: Sep 10 2023 2:25 PM)

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शम्स ताहिर खान की रिपोर्ट

G 20 summit: 26 नवंबर 2008, इस देश में पहली बार एक ऐसा आतंकवादी हमला हुआ था जिसमें पाकिस्तान से आए आतंकवादी मुंबई के नामचीन पांच सितारा होटलों में घुसकर मेहमानों पर अंधाधुंध गोलियां चला रहे थे। इस तरह के आतंकवादी हमलों से निपटने के लिए इससे पहले न हमारे पास कोई तजुरबा था और न ट्रेनिंग। मुंबई में हुए 26/11 के इस हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी। इसी हमले के बाद पहली बार ये सोचा गया कि भविष्य में अगर किसी होटल या बंद कमरे में कोई आतंकवादी घुस जाए और वहां मौजूद लोगों को बंधक बना ले तो उससे कैसे निपटा जाए। अलग अलग राज्यों की पुलिस, NSGकमांडोज़, मरीन कमांडो, रैपिड एक्शन फोर्स और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे हमलों से निपटने का कोई तजुरबा नहीं था। 

HIT यानी हाउस इंटरवेंशन टीम

इसी सोच के बाद लंबी मेहनत, कोशिश और ट्रेनिंग ने एक ऐसे स्क्वॉयड को जन्म दिया जिसका नाम HIT पड़ा। HIT यानी हाउस इंटरवेंशन टीम। इस टीम का इस्तेमाल पहली बार G - 20 समिट के दौरान किया गया। आइये आज आपको इसी HITकी पूरी कहानी सुनाता हूं। 

करीबी लड़ाइयों के माहिर 

HIT टीम के जवान खासतौर पर करीबी लड़ाइयों के माहिर हैं। यानी किसी होटल या बंद कमरे में कोई आतंकवादी घुस जाए, किसी वीवीआईपी मेहमान को होस्टेज बना ले तो ये उससे निपट सकते हैं। इन्हें न सिर्फ करीबी मुठभेड़ की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है बल्कि इनके पास दुनिया के सबसे खतरनाक हथियार होते हैं। G-20समिट से पहले करीब 6 महीने तक इनकी अलग से खास ट्रेनिंग हुई। कई डमी ट्रायल तो उन पांच सितारा होटल में हुई जहां दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देश के राष्ट्राध्यक्ष आठ से 10 सितंबर तक रुकने वाले थे। 

23 होटल के अंदर अपना मोर्चा

 HIT की टीम ने G-20 समिट शुरू होने से पहले ही दिल्ली के उन 23 होटल के अंदर अपना मोर्चा संभाल लिया था जहां तमाम राष्ट्राध्यक्ष ठहरने वाले थे। HIT टीम के जवान हर होटल के अंदर चंद खास कमरों के अंदर मौजूद थे। पर वो किस कमरे में हैं और उनकी असलियत क्या है ये सिवाय उनके कमांडर के और किसी को नहीं पता था। इन्हें साफ हुक्म था कि किसी भी इमरजेंसी में ये सिर्फ अपने कमांडर का हुक्म मानेंगे। किसी हमले की सूरत में जो भी एक्शन होगा, उसके लिए ये सिर्फ अपने कमांडर से ही इजाजत लेंगे। गोपनीयता इतनी थी कि G-20 की सुरक्षा में लगे बाकी सुरक्षा एजेंसियों तक को इनकी भनक भी नहीं थी। ज्यादातर HIT के जवान हर होटल के बीचो बीच ऐसे कमरों में मौजूद थे जहां से चारो तरफ वो नजर रख सकते थे। HITस्क्वॉयड के पास अमेरिकन ब्लॉक 17 पिस्टल, कॉर्नर शॉट्स पिस्टल, इजराइल की Tavor Tar-21 एसॉल्ट राइफल, इसके अलावा तमाम आधुनिक हथियार मौजूद थे। कमरों के अंदर अंधेरे में भी ये अपने टारगेट को आसानी से देख सकते थे। 

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