Etawah Crime: उत्तर प्रदेश के इटावा से एक लावारिस लाश की पहचान के मामले में एक ऐसी कहानी जिंदा हुई, जिससे सुनने के बाद हर कोई हैरत में है। असल में लावारिस शव को अस्पताल के मुर्दाघर से ले जाने और फिर उसका अंतिम संस्कार करने वाले सब के सब फर्जी निकले। मगर पुलिस ने जब इस मामले में तेज एक्शन लिया तो पांच ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जिन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार करके उन्हें जमा करवाया था।
30 साल छोटी गर्लफ्रेंड के लिए 50 साल के वकील का फिल्मी प्लान, लावारिश शव को लेकर रची ये साजिश
Girlfriends Imaginary Husband: एक लावारिश लाश को अपनी 30 साल छोटी गर्लफ्रेंड का पति बनाकर एक वकील ने रची थी खौफनाक साजिश। उतर गया नकाब।
ADVERTISEMENT
सांकेतिक तस्वीर
05 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 5 2024 3:45 PM)
ट्रेन से कटकर हुई थी मौत
ADVERTISEMENT
असल में ये किस्सा फ्रेंड्स कॉलेनी थाना इलाके का है। यहां सुंदरपुर रेलवे फाटक के पास ट्रेन से कटकर एक शख्स की मौत हो गई थी। शव की शिनाख्त नहीं हो सकी थी लिहाजा पुलिस ने शव को अज्ञात मानकर उसे मुर्दाघर में रखवा दिया था। वैसे भी कानूनन किसी भी लावारिस लाश को करीब 72 घंटे तक सुरक्षित रखने का प्रावधान है।
तीन लोगों ने की शव की दावेदारी
इसी बीच लाश मिलने के दूसरे दिन ही तीन लोगों ने आकर शव की दावेदारी कर दी। और शव की पहचान अतुल कुमार के तौर पर कर भी दी। जो तीन लोग लाश पर दावा करने आए थे उन्होंने खुद को मरने वाले का भाई और पिता बताया और अपना अपना आधारकार्ड भी जमा करवा कर शव को ले गए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
एक लाश के दो दावेदार
शव के अंतिम संस्कार के अगले ही रोज दो और लोग सामने आए और मरने वाले शख्स के असली परिजन होने का दावा किया। एक लाश और उसके दो अलग अलग घरवाले...ये बात सुनकर पुलिस के भी कान खड़े हो गए। लिहाजा पुलिस ने तफ्तीश शुरू की। तब पुलिस की जांच में ये बात खुल गई कि जो लोग लाश ले गए वो असल में नकली लोग थे जो अपनी फर्जी पहचान के साथ डेड बॉडी ले गए। जो लोग डेड बॉडी ले गए थे उनके मोबाइल नंबर भी फर्जी पाए गए।
बीवी से परेशान वकील की चाल
जिन पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया उनमें से एक लड़की भी थी जिसका नाम मुस्कान कोस्टा है। खुलासा हुआ था कि मुस्कान कोस्टा का प्रेमी हेतराम मित्तल है जबकि उसके दूसरे रिश्तेदार के असली नाम फारुक, तसलीम और फुरकान हैं। पुलिस ने जब अपनी पूछताछ को आगे बढ़ाया तो 50 साल का हेतराम मित्तल अपनी पत्नी से परेशान था। और अपनी 22 साल की प्रेमिका मुस्कान कोस्टा के साथ शादी करना चाहता था। असल में मुस्कान और हेतराम की पहचान 5 साल पहले हुई थी। उस समय मुस्कान के माता पिता ने हेतराम के खिलाफ ही नाबालिग को बहला फुसलाकर उसे अगवा करने का आरोप लगाकर मुकदमा भी लिखवा दिया था।
नकली दस्तावेज से हासिल किया मुर्दा
इसके बाद शुरू होता है साजिश का सिलसिला। असल में हेतराम ने अपनी प्रेमिका के माता पिता को ही फंसाने की गरज से एक मुर्दाघर में आए अज्ञात शव को फर्जी अतुल कुमार बताकर उसके नकली दस्तावेज तैयार करके उस अतुल कुमार को प्रेमिका का पति बताकर उसके माता पिता को इस मामले में फंसाने का पूरा षडयंत्र रच लिया ताकि उसके माता पिता फंस जाएं और वो आराम से अपनी प्रेमिका से शादी कर ले।
बीवी को भी करता रहा गुमराह
हैरानी की बात ये है कि हेतराम अपनी ब्याहता पत्नी शिखा अग्रवाल को भी गुमराह करता रहा और उसे भरोसा दिलाता रहा कि मुस्कान की शादी अतुल कुमार के साथ हो चुकी है। और इसी बात को सही साबित करने के लिए साथ ही मुस्कान के माता पिता को भी हत्या के मामले में फंसाने के लिए एक अज्ञात शव को अतुल कुमार बताकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
प्रेमिका समेत वकील गिरफ्तार
हेतराम की इस साजिश में फारुक, तसलीम और फुरकान को शामिल किया। फर्जी आधार कार्ड के बल पर उन लोगों को अतुल कुमार का रिश्तेदार बनाकर हाजिर किया जबकि असलियत में अतुल कुमार नाम का कोई भी शख्स है ही नहीं। ये तो बस उसके दिमाग की पैदाइश थी। आखिरकार पुलिस ने हेतराम मित्तल उसकी प्रेमिका मुस्कान कोस्टा और उसके तीन सहयोगी फारुक, तसलीम और फुरकान को धारा 34, 193, 419, 467, 468, 471 में मामला दर्ज कर लिया और सभी को जेल भेज दिया।
बीवी को देता था वकील धमकी
इसी बीच हेतराम की बीवी शिखा अग्रवाल का कहना है कि हेतराम मारता पीटता भी था। उसके दो बच्चे हैं, लेकिन इस मामले में मुंह खोलने की सूरत में वो सभी को जान से मार डालने की धमकी दिया करता था। शिखा का कहना है कि उसके माता पिता का निधन हो चुका है। लेकिन शिखा का ये भी दावा है कि हेतराम को पहले ही उसकी दो बीवियां छोड़कर जा चुकी हैं। शिखा ने उसकी फितरत के बारे में पुलिस को बताया कि वो लड़की और पैसों की खातिर कुछ भी कर सकता है।
ADVERTISEMENT