Latest Court News: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को सीबीआई कोर्ट (CBI COURT) ने चार साल की सज़ा सुनाई गई है। ये सज़ा आय से अधिक मामले में सुनाई गई है। चार साल की सज़ा के साथ साथ ओमप्रकाश चौटाला पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सीबीआई कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की हेलीरोड, पंचकूला, गुरुग्राम और असोला में मौजूद चार संपत्तियों को भी ज़ब्त करने का आदेश दिया है।
CBI की अदालत से पूर्व CM ओमप्रकाश चौटाला को 4 साल की सज़ा, 50 लाख का जुर्माना भी लगा
हरियाणा के पूर्व सीएम ओ पी चौटाला को मिली सज़ा, सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला, 50 लाख का जुर्माना भी लगाया Former Haryana CM Om Prakash Chautala gets four years in jail in disproportionate assets case
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27 May 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:19 PM)
गुरुवार को इस बेहद पुराने और चर्चित मामले में बहस शुरू हुई। सीबीआई के वकील ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को ज़्यादा से ज़्यादा सज़ा देने की सिफारिश करने के लिए कुछ तगड़ी दलीलें रखी। ओमप्रकाश चौटाला के वकील की दलील को काटते हुए सीबीआई के वकील ने कहा कि ख़राब स्वास्थ्य का इलाज कराना बेहद जरूरी है। लेकिन क़ानून की सेहत बिगाड़ने वाले को भी तगड़ा इलाज़ देना शायद उससे भी ज़्यादा ज़रूरी है। तभी बीमारी और विकलांगता को आधार मानकर उनके जुर्म को कम नहीं माना जा सकता।
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CBI COURT NEWS: सीबीआई के वकील ने दलील देते हुए कहा है कि किसी भी सूरत में लोगों को संदेश देने के लिए ये निहायत ज़रूरी है कि इस मामले में ओमप्रकाश चौटाला को ज़्यादा से ज़्यादा सज़ा देना मुनासिब रहेगा। सीबीआई कोर्ट में वकील ने कहा कि भ्रष्टाचार समाज का एक कैंसर है जिसका इलाज अगर मुमकिन न हो सके तो फिर उसका ऑपरेशन ज़रूर कर देना चाहिए। ऐसे में भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में कोर्ट को ऐसी सज़ा तजवीज करनी चाहिए जिसे समाज एक मिसाल मान ले।
सीबीआई वकील की दलील ख़त्म होने के बाद जब सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाया तो कोर्ट में ही ओमप्रकाश चौटाला को हिरासत में लेने का हुक्म दे दिया। हालांकि ओमप्रकाश चौटाला के वकील ने कोर्ट से इस मामले में अपील करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है। इस पर कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट का रास्ता दिखा दिया।
Latest Crime News in HINDI: 26 मार्च 2010 को सीबीआई ने जो अपनी चार्जशीट दाखिल की थी उसमें संगीन इल्ज़ाम लगाए थे। चार्जशीट के मुताबिक 24 मई 1993 से लेकर 31 मई 2006 तक अपने पद पर रहते हुए उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। अपनी जांच का हवाला देते हुए सीबीआई ने कहा कि ओमप्रकाश चौटाला के पास 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी सामने आई जिसका स्र्तोत का अता पता ही नहीं है और न ही उसका कोई दस्तावेज़ी सबूत है।
सीबीआई का अनुमान ये था कि ओमप्रकाश चौटाला के पास उनकी कमाई से क़रीब 189.11 फीसदी दौलत ज्यादा निकली। सीबीआई की इसी जांच रिपोर्ट का हवाला लेकर उनके खिलाफ़ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट के तहत मामला प्रवर्तन निदेशालय को सौंपा गया था।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने अपनी जांच में पाया कि ओमप्रकाश चौटाला ने अपनी आय से अधिक कमाई का इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने में किया। इससे पहले ED 2019 में भी ओमप्रकाश चौटाला की तीन करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति कुर्क कर चुकी है।
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