Buxar on Fire: बिहार के बक्सर ज़िले से चौंकानें वाली हैरतअंगेज खबर सामने आई है। यहां किसानों के खिलाफ पुलिस ने देर रात जमकर लाठी चार्ज किया। पुलिस के इस अत्याचार के खिलाफ विरोध की आवाज़ बुलंद करते हुए गुस्साए किसानों ने पुलिस की ही गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
Bihar News: आधी रात को घरों में घुसकर पुलिसवालों ने भांजी लाठियां, गुस्साए किसानों ने फूंकी गाड़ियां
Bihar Crime: बिहार के बक्सर में आज पुलिस को किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस ने जमकर प्रदर्शन किया बसों में आग लगा दी...पुलिस की गाड़ियां भी फूंक डालीं।
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11 Jan 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:33 PM)
बक्सर ज़िले में पुलिस को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। असल में किसानों ने अपना गुस्सा निकालते हुए न सिर्फ पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया बल्कि पुलिस की गाड़ियों और सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया।
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बताया जा रहा है कि ये किसान चौसा इलाके के हैं जहां एक पॉवर प्लांट के लिए ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। और भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों ने मुआवजे की मांग तेज कर रखी है। लेकिन बीती रात पुलिस ने घरों में घुसकर किसानों के साथ साथ महिलाओं और बच्चों पर जमकर लाठियां भांजी।
पुलिस की इस कार्रवाई से किसान इस कदर भड़क गए कि वो लोग न सिर्फ प्रदर्शन पर उतारू हो गए बल्कि उग्र प्रदर्शन करने लगे। और देखते ही देखते किसानों ने पुलिस की गाड़ियों और सरकारी बसों को निशाने पर लेकर उन्हें आग के हवाले करना शुरू कर दिया।
Farmers protest : बताया जा रहा है कि चौसा में जिस तरह से पुलिस ने जो बर्बरता दिखाई उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को साझा करते हुए किसान और उनके परिवार के लोग सवाल कर रहे हैं कि जो पुलिस अपराधियों के सामने घुटने टेक देती है उसने हमारे ऊपर इस कदर जुल्म क्यों ढाए।
असल में चौसा में एसजेवीएन का एक पॉवर प्लांट प्रस्तावित है जिसके लिए किसानों की भूमि का अधिग्रहण 2010 और 2011 से पहले ही कर लिया गया था। और कंपनी ने किसानों को 2010 के सर्किल रेट के मुताबिक मुआवजा भी दिया लेकिन कंपनी ने अधिग्रहण की कार्रवाई 2022 से शुरू की।
इसके बाद किसानों की मांग है कि उन्हें मौजूद दर के हिसाब से भूमि की क़ीमत और उसका मुआवजा दिया जाए।
Police Van on fire: किसानों का इल्ज़ाम है कि कंपनी पुराने दर पर जमीन का मुआवजा देकर जबरदस्ती ज़मीन हथियार रही है। और इस बात को लेकर पिछले दो महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। पुलिस और किसानों के बीच संघर्ष की नौबत बीते दो महीनों के दौरान कई बार आई।
लेकिन मंगलवार की आधी रात को हद हो गई जब किसानों के घरों में घुसकर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी, जिससे सर्द आधी रात को अपने अपने घरों में सो रहे किसान और उनके परिवार के लोगों को काफी चोट लगी।
कंपनी की तरफ से ये भी दावा किया गया था कि वो इलाके में स्कूल, होटल और रोजगार के अवसर मुहैया करवाएंगे। किसानों के साथ किए गए करार के मुताबिक पॉवर प्लांट में नौकरी के अवसरों के लिए स्थानीय लोगों को ही मौका दिया जाएगा, या उन्हें ही वरीयता दी जाएगी।
किसानों का आरोप है कि जैसे ही किसानों ने उस करार पर दस्तखत किए, कंपनी अपने वायदे से ही पलट गई। और इसी का विरोध करने के लिए ही किसान आंदोलन कर रहे थे।
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