मोजर बेयर बैंक घोटाले के मामले में राजीव सक्सेना की भूमिका की जांच चल रही थी जब मोजर बेयर के मामले में प्रवर्तन निदेशालय पहले ही इस मामले के आरोपी रतुल पुरी को गिरफ्तार कर चुका है। सूत्रों के मुताबिक सक्सेना दुबई से अपना बिजनेस चलाता था। वो अपनी मैट्रिक्स ग्रुप की आड़ में हवाला ऑपरेशन का काम करता था।
अगस्ता घोटाले में आरोपी राजीव सक्सेना को प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी में किया गिरफ़्तार
ED Arrests AgustaWestland Chopper Scam Accused Rajiv Saxena In Bank Fraud Case
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13 Sep 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:05 PM)
इसी कंपनी की आड़ में उसने अगस्ता वेस्टलैंड और मोजर बेयर बैंक घोटाले के पैसे को ठिकाने लगाया था। जब सीबीआई ने मोजर बेयर बैंक घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज की तो प्रवर्तन निदेशालय ने भी अपनी जांच शुरु कर दी। सेंट्रल बैंक की शिकायत मिलने के बाद सीबीआई ने मोजर बेयर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।
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सेंट्रल बैंक ने अपनी शिकायत में कहा था की मोजर बेयर कंपनी के निदेशकों ने झूठे दस्तावेज लगाकर बैंक से 354.51 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया था। मोजर बेयर ने फर्जी तरीके से अलग-अलग बैंकों से 7979.30 करोड़ की रकम लोन पर ली थी। इस पैसे का इस्तेमाल उन्होंने अपने ऐशोआराम और रतुल पुरी की कंपनी हिंदुस्तान पॉवर में ट्रांस्फर करने के लिए किया।
जांच में ये बात सामने आई है कि रतुल पुरी ने कई हवाला ऑपरेटरों के साथ मिलकर कई जगह पर बैंकों से ली गई रकम को लगाया। उसने कई फैक्ट्रियों को खरीदने में इसका इस्तेमाल किया।
साथ ही बैंकों से मिली रकम का इस्तेमाल मोजर बेयर के निदेशकों ने अपनी अय्याशी के लिए भी किया। इसके लिए हवाला ऑपरेटर राजीव सक्सेना ने दुबई की एक बैंक का क्रेडिट कार्ड भी मुहैया कराया था।
इस क्रेडिट कार्ड से 31.50 करोड़ रुपये खर्च किए गए जिनका इस्तेमाल दुनिया भर के महंगे होटलों में छुट्टी मनाने से लेकर प्राइवेट जैट किराये पर लेने से लेकर नाइट क्लब के खर्चे शामिल हैं।
राजीव सक्सेना एक और बैंक फ्राड केस में शामिल है जिसमें आरजेडी के विधायक अमरेन्द्र धारी सिंह को प्रवर्तन निदेशालय पहले ही गिरफ्तार कर चुका है।
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