WBSSC Scam: तृणमूल कांग्रेस के MLA मणिक भट्टाचार्या को ED ने इसलिए कर लिया गिरफ्तार

WBSSC Scam: पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की आंच में अब एक और विधायक (MLA) घिर गए हैं। TMC विधायक मणिक भट्टाचार्या को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार (Arrest) कर लिया।

CrimeTak

11 Oct 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:28 PM)

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WBSSC Scam: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया। सोमवार की रात पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ी कार्रवाई की और तृणमूल कांग्रेस के विधायक मणिक भट्टाचार्या को गिरफ्तार कर लिया।

बताया जा रहा है कि सोमवार को ईडी ने मणिक भट्टाचार्या को समन देकर पूछताछ के लिए बुलाया और लंबी पूछताछ के बाद देर रात मणिक भट्टाचार्या को गिरफ्तार कर लिया। मणिक भट्टाचार्या पश्चिम बंगाल उच्चतर माध्यमिक शैक्षणिक बोर्ड के पूर्व प्रेसिडेंट भी हैं। आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान शिक्षक भर्ती के मामले में ज़बरदस्त घोटाला हुआ है।

प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों की मानें तो कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल की गई BAG कमेटी की रिपोर्ट में मणिक भट्टाचार्या का नाम दर्ज है। इसी सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें पूछताछ के लिए सोमवार को बुलाया था।

WBSSC Scam: कई घंटों की पूछताछ के बाद आखिरकार देर रात मणिक भट्टाचार्या को SSC घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि मणिक भट्टाचार्या को पूछताछ में सहयोग न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

हालांकि खुलासा तो ये भी है कि बीती 27 सितंबर को ही केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI ने मणिक भट्टाचार्या को पूछताछ के लिए तलब किया था लेकिन वो जांच एजेंसी के सामने हाज़िर नहीं हुए। ईडी आज उन्हें कोर्ट में पेश करेगी।

WBSSC Scam: बताया जा रहा है कि सीबीआई से समन मिलने के बाद ही मणिक भट्टाचार्या ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें देशकी सबसे बड़ी अदालत ने सीबीआई की गिरफ्तारी से फौरी तौर पर राहत दे दी थी। लेकिन इस बार शिकंजा तो केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने डाला है।

बताया जा रहा है कि जिस कमेटी की रिपोर्ट में उनके नाम का जिक्र किया गया है वो कमेटी कोलकाता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज रंजीत कुमार बेग की अध्यक्षता में गठित की गई  और उसी कमेटी ने निष्पक्ष रुप से जांच के बाद अपनी रिपोर्ट कोलकाता हाईकोर्ट को दी थी।

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