अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का राज आने के बाद यहां रहने वाले लोगों को जितनी परेशानी हो रही है, उतनी ही मुश्किल जानवर भी झेल रहे हैं। तालिबानी यहां के कुत्तों को ज़बरन ड्रग्स देकर नशेड़ी बना रहे हैं। ये बेज़ुबान जानवर न तो खुद पर काबू रख पाते हैं न ही किसी ने कुछ कह सकते हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, उसकी वजह आपको चौंका देगी।
कुत्तों को लग गई DRUGS की लत! बिना ड्रग्स के कर रहे हैं ऐसी हरकतें
Dogs addicted to Drugs in Afghanistan
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07 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:10 PM)
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तालिबानी राज में अफगानिस्तान के अंदर खाने-पीने के लाले पड़े हुए हैं, लोग पैसों के लिए बच्चियों का सौदा कर रहे हैं। इसी कड़ी में बेघर हुए लोगों के पास कड़ाके की ठंड में खुद को गर्म रखने का कोई इंतज़ाम नहीं है, ऐसे में ठंड में ठिठुरते लोग खुद भी ड्रग्स लेकर हाई रहते हैं और बदन की गर्मी के लिए कुत्तों को अपने पास सुलाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान में ड्रग एडिक्शन अपने आपमें बड़ी समस्या है। यहां हेरोइन चूंकि काफी सस्ती मिलती है, ऐसे में भिखारी और बेघर लोग भी इसे खरीद सकते हैं। तालिबान एक तरफ तो नशा खत्म करने की बात करता है, तो वहीं तालिबान के ही राज में आवारा कुत्तों को भी ड्रग्स सुंघाई जा रही है।
शहर-ए नाव में अक्सर सड़क पर रहने वालों को हेरोइन का नशा करते हुए देखा जाता है और वे खाली बोतलों के ज़रिये ये ड्रग्स आवारा कुत्तों को भी दे रहे हैं, ड्रग्स लेने के बाद इधर-उधर घूम रहे कुत्ते शांत हो जाते हैं और चुपचाप एक जगह बैठ जाते हैं। ड्रग्स का प्रभाव कुत्तों पर भी ठीक उसी तरह से होता है, जैसे इंसानों पर। ऐसे में जब वे एक जगह चुपचाप बैठ जाते हैं तो बेघर लोगों को उनके पास रहने से गर्मी का एहसास होता है, जो ठंडी रातों में उनके लिए सहारा बनता है। काबुल में रात का तापमान माइनस 4 डिग्री तक गिर जाता है, ऐसे में कुत्तों के पास होने से नशेड़ियों को ठंड नहीं लगती।
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