राम रहीम के लिए कानून न हुआ तमाशा हो गया, सजा न हुई किश्तों की दिहाड़ी हो गई

Ram Rahim and asaram parole: एक तरफ बलात्कार और मर्डर का दोषी और दो दो उम्र कैद की सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा का गुरमीत राम रहीम है जो अब तक 13 बार पेरोल या फरलो लेकर आजादी का जश्न मना चुका है जबकि बलात्कार के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रहा आसाराम पहली बार सात दिन की पेरोल पर बाहर आया है। सच कहा जाए तो राम रहीम के लिए कानून न हो गया तमाशा बन गया है। पूरी खबर पूरी डिटेल

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• 03:14 PM • 14 Aug 2024

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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राम रहीम सात साल में 255 दिन आजाद रहा

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आसाराम बापू को पहली बार मिली पेरोल

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राम रहीम को 13 बार मिल चुकी है पेरोल और फरलो

शम्स ताहिर खान की रिपोर्ट

Ram Rahim Parole anf Furlough: सचमुच, जेल न हो गई सराय खाना हो गया। कानून न हुआ तमाशा हो गया। सजा न हुई किश्तों की दिहाड़ी हो गई। कौन कहता है कानून सबके लिए बराबर होता है। छोटा, बड़ा, अमीर गरीब, कमजोर ताकतवर में फर्क नहीं करता। इस एक अकेले शख्स ने सारे मुहावरों को झूठा साबित कर दिया। इसने ये भी साबित कर दिया, कि भले ही कोई रेप करे, किसी का कत्ल करे। 20-20 साल की दो दो उम्र कैद की सजा झेले, तो भी जेल के बाहर आजाद रहा जा सकता है। जेल के बाहर आकर अपना जन्मदिन भी मनाया जा सकता है। गलत नहीं कह रहा हूं। 15 अगस्त को इसका जन्म दिन है। और 13 अगस्त को एक बार फिर इनके लिए जेल का दरवाजा खोल दिया गया कि जाइये धूम धाम से जन्म दिन मनाइये। पूरे तीन हफ्ते मनाइये। जब जश्न पूरा हो जाए तो तीन हफ्ते बाद आ जाइएगा फिर से जेल। आइएगा तभी तो अगली बार फिर जेल से बाहर जाइएगा। सचमुच, जेल न हो गई सराय खाना हो गया। कानून न हुआ तमाशा हो गया। सजा न हुई किश्तों की दिहाड़ी हो गई। 

जेल से बाहर छुट्टी मनाने की आजादी

इस कातिल और बलात्कारी नई रिहाई की दास्तान सुनाऊं उससे पहले बस इस लिस्ट पर एक नज़र डाल लीजिए। फिर बताइएगा कि आजादी के बाद से अब तक क्या कोई इतनी बार इतने कम वक्त में जेल के बाहर छुट्टी मनाने आया है। आजादी दरवाजे पर है। इसलिए सच बताइएगा। पर इस लिस्ट पर नज़र डालिए उससे पहले इतना याद रखियेगा कि बाबा के नाम पर कलंक इस राम रहीम को दो लड़कियों का बलात्कार और एक पत्रकार के कत्ल के इल्जाम में सितंबर 2017 में 20-20 साल की दो दो उम्रकैद की सजा हुई। यानी अभी इसे जेल गए सात साल भी पूरे नहीं हुए हैं। 


राम रहीम के पेरोल और फरलो की लिस्ट ...

20 अक्टूबर 2020- मां से मिलने के लिए एक दिन की पेरोल
12 मई 2021 - बीपी चेक कराने के लिए एक दिन की पेरोल
17 मई 2021 - मां से दोबारा मिलने के लिए एक दिन की पेरोल
3 जून 2021 - पेट दर्द उठा, तो सात दिन की पेरोल
13 जुलाई 2021 - एम्स में दिखाने के लिए पेरोल
7 फरवरी 2022 -  21 दिन की फरलो 
17 जून 2022 - 30 दिन की पेरोल
अक्टूबर 2022 - 40 दिन की पेरोल
21 जनवरी 2023- 40 दिन की पेरोल 
20 जुलाई 2023 -  30 दिन की पेरोल
20 नवंबर 2023 -  21 दिन की पेरोल
19 जनवरी 2024 - पूरे 50 दिन की पेरोल
13 अगस्त 2024 -  यानी सबसे ताजा सबसे नया 21 दिन की फरलो

राम रहीम के अलावा कोई दूसरा नाम नहीं

कायदे से देखें तो 20-20 साल की दो दो उम्रकैद की सजा पाने वाला गुरमीत राम रहीम पिछले सात सालों में ही 255 दिन से ज्यादा पेरोल और फरलो के नाम पर आजादी के मजे ले चुका है। NCRB यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े के मुताबिक इस वक्त पूरे देश में लगभग छह लाख कैदी अलग अलग जेलों में बंद हैं। इन छह लाख में से लगभग पौने दो लाख ऐसे कैदी हैं जो सजायाफ्ता हैं यानी जिनके गुनाहों का हिसाब हो चुका है और उन्हें सजा सुनाई जा चुकी है। दावा है कि पूरे देश की जेलों में घूम आइये, और बस एक ऐसा कैदी दिखा दीजिए जो पिछले सात सालों में 255 दिन से ज्यादा पेरोल और फरलो के नाम पर जेल से बाहर भेजा गया हो। शर्तिया गुरमीत राम रहीम के अलावा दूसरा नाम ढूंढ़ने से आपको नहीं मिलेगा। 

गुरमीत राम रहीम पर बरस रही है कृपा

राम रहीम के आशीर्वाद का रिटर्न गिफ्ट

अब सवाल ये है कि देश की जेलों में बड़े बड़े तोप और पहुँच वाले कैदी भी बंद हैं। तो फिर गुरमीत राम रहीम के ऊपर ही पेरोल और फरलो की ये कृपा क्यों? तो याद रखिये गुरमीत का बलात्कारी और कातिल चेहरा सामने आने से पहले एक चेहरा वो भी था जिसे बाबा नाम दिया गया था। और उस बाबा के चरणों और दरबार में बड़े बड़े धुरंधर माथा टेकने और हाजरी लगाने आते हैं। तब बाबा का आशीर्वाद बरसता था। अब उसी बाबा को वही आशीर्वाद रिटर्न गिफ्ट में मिल रहा है। वैसे ये रिटर्न गिफ्ट तब तब ज्यादा मिलता है जब जब चुनावी मौसम आता है। और अपने यहां तो हर मौसम चुनावी मौसम होता है। कभी निगम चुनाव, कभी पंचायत चुनाव, कभी विधान सभा, कभी लोकसभा... यहां तक कि उप चुनाव। और ये इत्तेफाक नहीं बल्कि हकीकत है... कि बस कुछ वक्त बाद ही उसी हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है, जिस हरियाणा में बाबा के आशीर्वाद का सबसे ज्यादा असर है। तो चुनावी तैयारी से पहले तैयारियों का जायजा लेने के लिए बाबा को जेल से बाहर निकालना जरूरी तो था ही। 

हाईकोर्ट भूल गया अपना ही फैसला?

वैसे कमाल ये भी है कि इस बार ऐन गुरमीत राम रहीम के जन्म दिन से पहले फरलो पर रिहाई का फैसला उसी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया है जिसने कुछ वक्त पहले राम रहीम को बार बार लगातार 50 -50 दिन की पेरोल या फरलो दिए जाने पर राज्य सरकार की क्लास लगा दी थी। और तभी अदालत ने ये फैसला भी सुना दिया था कि आइंदा जब भी राम रहीम को बाहर जाना होगा तो राज्य सरकार पहले उससे इजाजत लेगी। तो गुरमीत राम रहीम और हरियाणा सरकार इस बार उसी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुँच गई। एक नई रिहाई का परवाना मांगने। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट भी पिछली बातें भूल गई और गुरमीत राम रहीम से कहा कि जा 13 अगस्त से अगले 21 दिन तक जी ले अपनी जिंदगी। उतार दे कैदी के कपड़े, फिर से पहन ले अपनी वही ठगी वाली पोशाक और अपनी फितरत के मुताबिक बाहर जाकर सोशल मीडिया के जरिए फिर से अपने ज्ञान प्रवचन दे डाल।

नेताओं के लिए वोट का सवाल है

इधर अदालत से रिहाई का परवाना आया उधर 13 अगस्त की शाम को ही सुनरिया जेल का दरवाजा पूरे अदब से खोल दिया गया। गुरमीत के भक्त दरवाजे के बाहर थे, अपने बाबा को लिया और निकल पड़े यूपी के बागपत के करीब बाबा के बरवाला आश्रम के लिए। अब अगले 21 दिन बाबा उसी आश्रम से फिर से ज्ञान देंगे... प्रवचन देंगे... चुनावी रणनीति बनाएंगे... चोरी चोरी चुपके चुपके तमाम नेता और अफसर मिलने भी आएंगे।  क्योंकि भले ही गुरमीत राम रहीम एक बलात्कारी और कातिल है पर हरियाणा की राजनीत कर रहे राजनेताओं को अब भी उसके अंदर से लहू की जगह वोट की बू आती है। 

11 सालों में पहली बार आसाराम को पेरोल

आसाराम को पहली बार मिली पेरोल

अब जरा कैमरा घुमा देते हैं। सुनरिया और बरवाला आश्रम से सीधे राजस्थान जोधपुर चलते हैं। इसी जोधपुर की सेंट्रल जेल में अगस्त 2013 से अब तक यानी पिछले 11 सालों से एक और कलंकित बाबा रेप के इल्जाम में उम्र कैद की सजा काट रहा है। आसाराम की पहुंच भी कुछ कम नहीं थी। शायद ही देश का ऐसा कोई नेता हो जिसने कभी आसाराम के दर पर सर न झुकाया हो। लेकिन इनका नसीब गुरमीत राम रहीम जैसा नहीं निकला। शायद वजह ये हो सकती है कि आसाराम ने भक्त तो बनाए वोट बैंक नहीं बना पाए। नतीजा ये कि जहां गुरमीत राम रहीम सात साल में ही 13 किश्तों में 255 दिनों से ज्यादा पेरोल और फरलो पर आजादी काट चुका वहीं गुरमीत राम रहीम से कहीं ज्यादा बुजुर्ग और कहीं ज्यादा बीमार आसाराम 11 सालों की कैद के बाद पहली बार सात दिन के लिए पेरोल पर बाहर आ रहा है। ये पेरोल भी इलाज के नाम पर है। यानी कायदे से फिर देश के बाकी कैदियों से राम रहीम की तुलना ही बेइमानी है। आइना देखना हो तो बस इन दोनों का ही चेहरा देख लीजिए...आजादी का फर्क पता चल जाएगा। वैसे भी कल आजादी का दिन है। 

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