Delhi Rau IAS Incident Update: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर (ORN) के बेसमेंट (Basement) में चल रहे कोचिंग सेंटर (Coaching Centre) में शनिवार को पानी भरने से एक छात्र और दो छात्राओं की मौत हो गई थी। इस हादसे का एक और वीडियो सामने आया है। इसमें साफ दिख रहा है कि ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में सड़क पर पानी भरा हुआ है, तभी एक Thar SUV गाड़ी वहां से निकली जिसके गुजरने से वहां जमा पानी में लहरें उठीं और पानी के प्रेशर से सेंटर का शीशे का गेट टूट गया और कोचिंग सेंटर के अंदर एकदम से बाढ़ सी आ गई। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि कार वाले की इसमें क्या गलती थी जिसके मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है?
अवध ओझा जैसे बच गये और Delhi Police ने गिरफ्तार किया SUV का ड्राइवर! क्या Rau IAS हादसा पानी में गाड़ी चलाने से हुआ?
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर (Old Rajinder Nagar) में Rau IAS हादसे की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है। ऐसे में लोग सवाल पूछ रहे हैं कि कार वाले की इसमें क्या गलती थी, जिस पर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की।
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30 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 30 2024 3:26 PM)
न्यूज़ हाइलाइट्स
कोचिंग सेंटर हादसे में SUV ड्राइवर की क्या गलती?
जिम्मेदार अधिकारियों की नहीं हुई गिरफ्तारी
Rau IAS हादसे में अब तक 7 आरोपी गिरफ्तार
सवाल ये है कि क्या कार ड्राइवर को पता था कि उसके वहां से गाड़ी निकालने पर सड़क पर जमा पानी सेंटर में घुस जाएगा और इतना बड़ा हादसा हो जाएगा? क्या SUV चलाने वाला शख्स को पानी में गाड़ी आहिस्ता से निकालनी चाहिये थी? अगर पानी सड़क पर जमा ही न होता तो क्या कोचिंग में इतना बड़ा हादसा हो सकता था? क्या सड़क पर जमा पानी और उसकी निकासी की जिम्मेदारी MCD की नहीं है? आखिर बेसमेंट में तय मानकों के खिलाफ कोचिंग सेंटर चल ही क्यों रहा था? क्या अवध ओझा और विकास दिव्यकीर्ति सरीखे दर्जनों कोचिंग मालिक नियमों की अनदेखी नहीं कर रहे थे? क्या इस हादसे के लिये दिल्ली नगर निगम, दिल्ली सरकार और दूसरे विभागों के अधिकारी जिम्मेदार नहीं हैं? तो फिर गिरफ्तारी उस SUV ड्राइवर की ही क्यों हुई?
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ओल्ड राजेंद्र नगर का एक और वीडियो सामने आया है। इसमें दिख रहा है कि वहां पानी भरा हुआ था। एक कार निकली और पानी सेंटर में घुसना शुरू हो गया।@DelhiPolice @MCD_Delhi @LtGovDelhi pic.twitter.com/GCDyERVtJz
सोशल मीडिया पर लोग खुलेआम SUV कार ड्राइवर की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि महज पानी में गाड़ी चलाने पर किसी को गिरफ्तार करना गलत है। अगर हादसा हुआ तो कार ड्राइवर से अनजाने में हुआ। बल्कि इस हादसे के जिम्मेदार कार ड्राइवर के बजाए जल निकासी का इंतजाम करने वाले सरकारी विभाग और कोचिंग मालिक ज्यादा हैं। अमूमन सड़क पर जमा पानी में लोग इस वजह से कार तेजी से निकालते हैं, ताकि कार बंद न हो जाए। जाहिर है कार चालक सपने में भी नहीं सोच सकता था कि उसके कोचिंग के सामने निकलने भर से इतना बड़ा हादसा हो जाएगा और तीन छात्रों की मौत हो जाएगी। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि पुलिस को असली आरोपियों को गिरफ्तार करना चाहिए।
SUV चलाने वाले मनुज कथूरिया को पानी में तेज गाड़ी चलाने और उससे सेंटर के गेट को नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगा है। अदालत ने उसे 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया है। इस मामले में अभी तक किसी सरकारी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
जांच के लिए बनाई कमेटी
उधर, जांच के लिए गृह मंत्रालय ने एक कमेटी का गठन किया है। ये कमेटी हादसे के कारणों का पता लगाएगी, जिम्मेदारी तय करेगी, उपाय सुझाएगी और नीतिगत बदलाव की सिफारिश करेगी। कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद से दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम का लगातार एक्शन जारी है। अब तक 19 सेंटर्स सील किए गए हैं। सोमवार को राजेंद्र नगर और मुख़र्जी नगर में सीलिंग ड्राइव चलाई गई। मेयर शैली ओबरॉय ने बताया कि इस मामले में JE को टर्मिनेट किया गया है जबकि AE को सस्पेंड कर दिया गया है। 7 लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है। गृह मंत्रालय ने जो कमेटी बनाई है, इसमें अतिरिक्त सचिव, MoUHA, प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली सरकार, विशेष CP, दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सलाहकार और संयुक्त सचिव, MHA संयोजक के रूप में होंगे। ये समिति 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
स्टूडेंट्स में गुस्सा
घटना के बाद स्टूडेंट्स में गुस्सा बना हुआ है। मुखर्जी नगर में छात्र इन मौतों के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। ये छात्र सड़कों पर उतर कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और छात्रों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। मॉडल टाउन के एसडीएम राजीव सिन्हा देर रात प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मिलने मुखर्जी नगर पहुंचे। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मृतकों के परिवार वालों के लिए 10 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है। सोमवार को एमसीडी ने नेहरू विहार स्थित कोचिंग सेंटर दृष्टि- द विजन (Drishti- The Vision) को सील कर दिया। एमसीडी ने बताया कि सर्वे के दौरान दिल्ली के नेहरू विहार (Nehru Vihar) स्थित टावर नंबर 1,2 और 3 के संयुक्त बेसमेंट में कोचिंग चलती हुई पाई गई, जिसे सील कर दिया गया है। इससे पहले रविवार को दिल्ली नगर निगम ने बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहे 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया था। साथ ही, कोचिंग सेंटरों पर नोटिस भी चस्पा कर दिया था।
बायोमैट्रिक सिस्टम फेल होने से दरवाजा नहीं खुला!
शनिवार शाम करीब 6.20 बजे भारी बारिश हुई। इससे मुख्य सड़क पर पानी भर गया। RAU'S IAS स्टडी सर्किल के बेसमेंट में लाइब्रेरी (Basement Library) है और वहां स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे थे। कोचिंग सेंटर में पानी जाने से रोकने के लिए गेट बंद किया गया था। इस बीच कुछ वाहनों के स्पीड से गुजरने के कारण प्रेशर बढ़ा तो पानी कांच का गेट तोड़कर सीढ़ियों से बेसमेंट में जाने लगा और दो मिनट के अंदर 10 से 12 फीट तक पानी अंदर घुस गया। बेसमेंट में सिर्फ एक एंट्री और एग्जिट पॉइंट था और ये बायोमेट्रिक था। शायद बाढ़ की वजह से सिस्टम फेल हो गया था।
लाइब्रेरी में बैठे 30 से ज्यादा स्टूडेंट्स फंस गए। बेसमेंट के दरवाजे पर कुछ दिन पहले ही बायोमैट्रिक सिस्टम (Biometric System) लगाया गया था। पंच करने से ही गेट खुलता है। शायद पानी भरने और बिजली सप्लाई ना होने से बायोमैट्रिक सिस्टम फेल हो गया। ऐसे में अंदर फंसे स्टूडेंट्स बाहर नहीं निकल सके। प्रत्यक्षदर्शी स्टूडेंट्स बताते हैं कि पानी का बहाव बहुत तेज था। बाहर निकलने का कोई दूसरा रास्ता नहीं दिख रहा था। कई स्टूडेंट्स को रस्सियों की मदद से निकाला गया।
बिल्डिंग रेगुलेशन का उल्लंघन किया गया
सूत्रों का कहना है कि बेसमेंट से लेकर तीसरी मंजिल तक बिल्डिंग रेगुलेशन (Building Regulation) का उल्लंघन किया गया। अगस्त 2023 में एमसीडी ने कोचिंग सेंटर के मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस साल 9 जुलाई को बिल्डिंग मालिक ने अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (Fire NOC) प्राप्त कर लिया था। बेसमेंट और उसके ऊपर की तीन मंजिलों का दुरुपयोग जारी रहा। इसके अलावा मानसून की शुरुआत से पहले सड़क किनारे नालियों की साफ-सफाई नहीं हो सकी और दूसरा, बेसमेंट जहां लाइब्रेरी थी, वहां पानी निकालने का कोई इंतजाम नहीं था। हादसे के पीछे असल वजह यही मानी जा रही है।
क्या अब नियमों का पालन सख्ती से होगा?
अब एक तरफ सीलिंग की कार्रवाई चल रही है, दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। सिस्टम कैसे सुधरे, इस पर अपने सुझाव और सिफारिशें करने के लिये एक कमेटी बना दी गई है। लेकिन सवाल यही है कि क्या कमेटी की सिफारिश पर बने नये नियमों का पालन किया जाएगा? क्या एजेंसियां समय-समय पर ये चेक करती रहेंगी कि नियमों की अनदेखी तो नहीं हो रही है? या खुद से ही कोचिंग सेंटर मालिक नियमों के प्रति सजग रहेंगे, ये सबसे बड़ा सवाल है।
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