Delhi Police Charge-sheet: ये पर्दाफ़ाश दरअसल स्पेशल सेल की चार्जशीट का एक खुलासा भर है जिसमें पाकिस्तान की बदनाम ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और अंडरवर्ल्ड की सांठगांठ के साथ साथ पाकिस्तान की हुकूमत का भी चेहरा बेनक़ाब हो गया।
ऐसे पर्दाफ़ाश हुआ आतंकी साज़िश का, कड़ी से कड़ी जोड़कर स्पेशल सेल ने किया पाकिस्तान को बेनक़ाब
आतंकी साज़िश का हुआ पर्दाफ़ाश, स्पेशल सेल ने खोला कच्चा चिट्ठा, आतंक के बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़, आतंक के सरगनाओं का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन, ISI की बड़ी प्लानिंग, देश में बड़े धमाके की थी साज़िश
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21 Apr 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:17 PM)
स्पेशल सेल की चार्जशीट में बताया गया है कि पाकिस्तान के ISI हेंडलर्स यानी आतंकियों के आकाओं ने किस तरह से हिंदुस्तान में बैठे आतंकियों से अपने तार जोड़ रखे थे। चार्जशीट में पुलिस ने बाक़ायदा इसे एक ग्राफ़िक्स के ज़रिये समझाया है।
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चार्जशीट में ये भी बात खुलकर सामने आ रही है कि पाकिस्तान की पनाह में बैठे आतंकियों ने पंजाब के जरिये कैसे हिंदुस्तान में अपने पैर पसारे, और इसे एक चार्ट और ग्राफ़िक्स का सहारा लेकर पूरे विस्तार से समझाया गया है।
Latest Crime Story: इस चार्जशीट में सबसे चौंकाने वाला पहलू आतंक के अंडरवर्ल्ड के साथ कनेक्शन है। असल में अंडरवर्ल्ड का इस्तेमाल कैसे पाकिस्तानी आतंकी सरगना हवाला के ज़रिए मनी ट्रेल को डिजिटली तरीक़े से अंजाम देते हैं। इसे भी पूरे विस्तार और एक एक कनेक्शन के साथ समझाया गया है जिससे ये बात साफ हो जाती है कि हवाला से पैसों को भेजकर पाकिस्तान की सरपरस्ती में बैठे आतंक के आका किस तरह अंडरवर्ल्ड को मोहरे के तौर पर इस्तेमाल कर लेते हैं।
स्पेशल सेल की चार्जशीट कहती है कि भारत में घुसपैठ करने के लिए आतंक के आकाओं ने अब समंदर की लहरों को एक बड़ा ज़रिया बनाने का मंसूबा पाला हुआ है। इसके लिए आतंकियों को पाकिस्तान के अलग अलग ठिकानों में बाक़ायदा ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे आतंकवादी अपने साथियों और सामान के साथ भारत के सुरक्षा बल को चकमा देकर हिन्दुस्तान की हद में दाखिल हो सकें।
Delhi Police Charge-sheet: आतंकियों की साज़िश का पूरा कच्चा चिट्ठा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने क़रीब सात महीने की माथा पच्ची और साज़िश के बिखरे हुए एक एक तार के सिरों को जोड़कर तैयार किया है, जिसमें सरासर तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और अंडरवर्ल्ड का ख़ौफ़नाक चेहरा बेनक़ाब हो जाता है।
सिलसिलेवार तरीक़े से पाकिस्तान और ISI के साथ साथ अंडरवर्ल्ड के कनेक्शन की ये पूरी कहानी कुछ इस तरह बेनक़ाब हो जाती है। दरअसल दरअसल स्पेशल सेल को पिछले साल 21 अगस्त को एक इनपुट्स मिला कि पाकिस्तान में ट्रेनिंग ले चुके आतंकी भारत में कुछ बड़े सीरियल धमाके करने की फिराक़ में हैं।
इस इत्तेला ने दिल्ली पुलिस को चौंका दिया। अपनी तफ़्तीश और इस तरह की इनवेस्टिगेशन के लिए पहले भी काम कर चुके स्पेशल सेल के DCP प्रमोद कुशवाहा ने ये ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली। मक़सद था कि दिल्ली, मुम्बई और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पनाह लिए बैठे आतंकी और अंडरवर्ल्ड से जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ ऐसा ऑपरेशन शुरू किया जाए ताकि इसकी भनक आतंकियों के आकाओं को न लगे। तब एक टीम तैयार हुई और 13 सितंबर को स्पेशल सेल ने एक ऑपरेशन शुरू किया।
Delhi Police Special Cell: इस ऑपरेशन का पहला पड़ाव बना आतंकी जान मोहम्मद शेख की गिरफ़्तारी। उसे पुलिस ने गोल्डन टेम्पल ट्रेन से गिरफ्तार किया। असल में जान मोहम्मद दिल्ली से मुंबई जा रहा था किसी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए। जान मोहम्मद की गिरफ़्तारी के साथ पुलिस ने एक एक करके सात आतंकियों को गिरफ़्तार किया। ये आतंकी थे, जान मोहम्मद, ओसामा उर्फ सामी, मोहम्मद अबु बकर, मूल चन्द्र लाला, मोहम्मद आमिर जावेद, जीशान कमर, हमीदुर रहमान।
गिरफ़्तार हुए आतंकियों में से एक ओसामा उर्फ सामी के पास से पुलिस ने एक कंप्यूटर बरामद किया। उस वक़्त वो दिल्ली के जामिया नगर इलाक़े में रह रहा था। उस कंप्यूटर ने इन आतंकियों की तमाम चालों और उनकी तमाम साज़िशों को पुलिस के सामने खोलकर रख दिया।
Terror Planning Busted: पुलिस को पता चला कि 28 सितंबर को ओसामा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में PGI के पास रह रहे अपने चाचा हमीदुर रहमान के पास पहुँचा था। वो अपने साथ IED से भरा बैग, हैंडग्रेनेड और हथियारों को ले गया था। पकड़े गए आतंकी मूल चंद्र लाला ने पुलिस के सामने जब अपना मुंह खोला तो एक और राज़ बाहर आया, उसने बताया था कि लखनऊ में महानगर इलाक़े में जान मोहम्मद के कहने पर एक अंजान शख्स से उसे एक लाख रुपये मिले थे।
चार्जशीट के मुताबिक़ स्पेशल सेल को तफ़्तीश के दौरान आतंकी जीशान कमर और ओसामा को आतंकी ट्रेनिंग के सबूत मिले थे। ये ट्रेनिंग पाकिस्तान के ठाटा और ओमान के मस्कट में हुई थी। असल में ट्रेनिंग से पहले इन आतंकियों की मुलाक़ात ISI के फौजी अफसर हम्माद याशीन से हुई थी। ये मुलाक़ात मस्कट के एक होटल अल रईम में हुई थी।
इस मुलाक़ात के बाद होटल के मैनेजर आमिर तारीक़ ने ही जीशान और ओसामा को ट्रेनिंग पर जाने से पहले 500 रियाल दिए थे जो इन लोगों ने नाव वाले को दे दिए थे. उसी नाव पर सवार होकर ये लोग पाकिस्तान पहुँचे थे। पाकिस्तान में ईरान के रहने वाले फर्शीद ने बंदर-ए-जस्क के पास जीशान और ओसामा को नाव से उतारकर अपने घर पर पनाह दे दी थी।
वहां से ओमिद रईस नाम के ईरानी बलूच ने दोनों आतंकियों को पाकिस्तान के जीवानी पहुँचा दिया था। उसके बाद ही ISI के कमांडर जहांगीर ख़ान मर्री ने जीशान और ओसामा को कोहे मर्री फॉर्म हाउस में ट्रेनिंग दी।
Latest Crime Story in Hindi: चार्जशीट के मुताबिक POK में रहने वाला मज़ाहिर शाह ने दोनों को जेहाद और धार्मिक उन्माद फैलाने के बारे में कई तक़रीर दी। पुलिस को ही आतंकियों ने बताया था कि मज़ाहिर शाह का संपर्क तालिबान के नेताओँ से भी हैं।
लेकिन चार्जशीट में सबसे चौंकाने वाला किरदार था हमजा का। POK और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में रहने वाला हमजा असल में ISI का ट्रेनिंग ग्रुप का मुखिया था जिस पर दोनों को ट्रेंड करने की जिम्मेदारी थी। उसी हमजा ने ट्रेनिंग के दौरान एक तस्वीर दिखाई थी जिसमें भारतीय विंग कमांडर के साथ खुद हमजा मौजूद था। ये फोटो तबका था जब विंग कमांडर अभिनंदन एक ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की गिरफ़्त में पहुँच गए थे।
मगर स्पेशल सेल की इस कहानी का असली किरदार था बशीर जो मुंबई में रहता था। और 1993 में सीरियल ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान भाग गया था और बाद में अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के गैंग में शामिल हो गया था। इसी बशीर की मुलाक़ात हुई थी जीशान और ओसामा के साथ।
Terror News: इस क़िस्से का सबसे रोचक पहलू ये है कि इसमें सारे फरमान घूम फिर कर कहीं से कहीं होते हुए पहुँचते थे। जीशान और ओसामा को ज़्यादातर निर्देश अल रईम होटल के मालिक मोहम्मद आरिफ़ के जरिए मिल रहे थे और उसे निर्देश दे रहा था पाकिस्तानी फौज का कर्नल बुखारी।
चार्जशीट में पाकिस्तान की कोहे मर्री फॉर्म हाउस के उस ट्रेनिंग सेंटर की दो तस्वीरें भी मौजूद है। साथ ही स्पेशल सेल की टीम उस रेस्टोरेंट तक जा पहुँची थी, जहां से आतंकियों के लिए खाना आता था। उसका नाम था कैफ़े इमरान। स्पेशल सेल को उस शूटिंग रेंज का नक्शा मिल गया जहां आतंकियों को बंदूक चलाने की ट्रेनिंग मिली थी।
यहां से कहानी और भी ज़्यादा बलखाने लगती है। लेकिन यहीं से पता चलता है कि आखिर कैसे आतंकियों ने इतने घुमावदार रास्ते से गुज़रकर आतंकी वारदात के लिए कितनी बड़ी साज़िश बुनी थी। पता ये चला कि लखनऊ के रहने वाले आरोपी उसेदूर रहमान का दुबई में खजूर का कारोबार है। लेकिन उसका असली धंधा ISI के लिए जासूसी करना था और वो ISI एजेंट मंसूर के संपर्क में था।
Delhi police Investigation: उसी ने रहमान को फरमान सुनाया था कि बड़ी आतंकी वारदात के लिए कुछ मजबूत लड़कों को तैयार करना है। तब रहमान ने इसके लिए अपने भाई हमीदुर रहमान से बात की। हमीदुर ने इस काम के लिए अपने साले इब्राहिम मुल्ला और उसके दोस्त जीशान के नाम सुझाया। इसके बाद मंसूर ने वाया ओमान के मस्कट पाकिस्तान तक का रूट मैप तैयार किया।
असल में जाना तो इब्राहिम और जीशान को जाना था लेकिन ऐन वक़्त पर रहमान ने अपने क़दम पीछे खींच लिए। तो जीशान अकेले ही मस्कट पहुँच गया। लेकिन वहां ISI के हैंडलर मंसूर ने एक को ट्रेनिंग देने से मना कर दिया तब हमीदुर रहमान ने अपने बेटे ओसामा को मस्कट भेज दिया।
चार्जशीट में बाक़ायदा पूरा ट्रेनिंग रूट्स की वो डिटेल है जहां से आतंकियों को आतंकी वारदात के लिए गुज़रना था। अपनी चार्जशीट में पुलिस ने ये भी बताया कि किस तरह इन आतंकियों को कोहे मर्री फॉर्म हाउस में AK-47 चलाने की ट्रेनिंग देने के साथ साथ पोटेशियम क्रोराइड को चीनी के मिश्रण से बम बनाने की एक दो नहीं पूरे पांच तरीक़े सिखाए गए।
Latest Crime Story in Hindi: इन आतंकियों को RDX और एल्युमिनियम पाउडर सल्फ़र को मिलाकर बम बनाने के बारे में बताया गया। इसके अलावा TNT और PETN के साथ डेटोनेटर जोड़ने की ट्रेनिंग दी गई। लड़के वाकई में कुछ सीख रहे हैं इसके लिए भी बाक़ायदा उनके बनाए विस्फोटकों का बाक़ायदा ट्रायल भी करवाया गया।
ट्रेनिंग के दौरान की सबसे ख़ास बात ये थी कि आतंकियों को किसी भी सूरत में मोबाइल ऑन करने की इजाज़त नहीं थी। ट्रेनिंग ख़त्म करने के बाद दोनों आतंकी 20 जून को भारत लौट आए।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की चार्जशीट के मुताबिक आतंकी ओसाम ने ही अबु बकर को पाकिस्तान भेजने के लिए पासपोर्ट बनबाने के लिए पैसे मुहैया करवाए थे साथ ही हवाला ट्रांजेक्शन के लिए कई फ़र्ज़ी सिम कार्ड खरीदे गए
Terror Investigation: उधर आतंकी जान मोहम्मद अंडरवर्ल्ड के सबसे तगड़े और मजबूत गैंग दाऊद इब्राहिम के साथ जुड़ गया था। वो हवाला के ज़रिए फंडिंग करता था लेकिन तभी वो पुलिस के हत्थे चढ़ा और जेल भेज दिया गया। जेल में उसकी मुलाकात ज़ाकिर हुसैन से हुई और उसी ज़ाकिर हुसैन ने बाद में जान मोहम्मद की बात पाकिस्तान में बैठे अनवर चाचा से करवाई। ये अनवर चाचा कोई और नहीं बल्कि मलेशियाई बैंक के खाते से हवाला का असली ऑपरेटिव था।
चार्जशीट का सबसे दिलचस्प पन्ना है पेज नंबर 31। जिसमें ISI और आतंकियों के बीच का पूरा लेखा जोखा है जिसे चार्ट के ज़रिए दिखाया और समझाया गया। लखनऊ में ओसामा को जो एक लाख रुपये मिले थे वो ISI के स्लीपर सेल के जरिए मिले थे।
Terrorist ISI Link Busted: मगर चार्जशीट के पेज नंबर 37 पर लिखी इबारत वाकई चौंका देती है जिसमें आर्म्स और विस्फोटक की स्मग्लिंग का तरीक़ा दिखाया गया है। आतंकियों ने कैसे पाकिस्तान के पंजाब में ड्रोन के जरिए IED और पिस्तौल भेजे। कैसे वो पार्सल लखनऊ गया और वहां से प्रयागराज के रास्ते दो पार्सल बनकर हमीदुर रहमान के पास पहुँच गया।
आतंकी ओसामा किन किन लोगों के साथ किन किन नंबरों पर बात करता था, इसका सारा लेखा जोखा बताता है कि स्पेशल सेल ने कहां कहां से खोदकर इनफॉर्मेशन इकट्ठा की।
चार्जशीट में स्पेशल सेल ने बड़ी साज़िश रचने वाले आतंकियों को कहां कहां से और कैसे कैसे गिरफ़्तार किया इसका पूरा ब्योरा भी दर्ज किया गया है। ये तमाम गिरफ़्तारियां महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश के रायबरेली, बहराइच और लखनऊ से की गई थी।
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