Delhi Police: AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए खोली शव की आंखें और फिर पकड़े गए हत्या के आरोपी

Delhi Police Solved Case Through Artificial intelligence: एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से दिल्ली पुलिस ने एक केस क्रेक किया है।

असली फोटो और एआई फोटो

असली फोटो और एआई फोटो

24 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 24 2024 12:46 PM)

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हिमांशु मिश्रा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Delhi Police Solved Case Through Artificial intelligence: एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से दिल्ली पुलिस ने शायद पहला केस क्रेक किया है। दिल्ली पुलिस ने पहले लाश की पहचान की और उसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये मामला उत्तरी दिल्ली का है। अक्सर अखबारों में मृतक की पहचान के लिए तस्वीर छपती है, जिसमें चेहरा साफ नजर नहीं आता। इस बार पुलिस ने एआई की मदद से मृतक के चेहरे को ऐसा दिखाने की कोशिश की जैसी उसकी सामान्य तस्वीर नजर आती हो। पुलिस का ये तरीका काम कर गया। पुलिस ने इसकी मदद से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में एक महिला भी शामिल थी।

ये थी असली फोटो

Artificial intelligence: 10 जनवरी को दिल्ली पुलिस को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के नीचे एक युवक की बॉडी मिली। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस को पता चला की हत्या गला दबाकर की गई है, लेकिन बॉडी के पास से ऐसा कोई भी निशान या पहचान पत्र नहीं मिला, जिससे उसकी पहचान हो सके। पुलिस समझ चुकी थी कि कातिल ने बेहद शातिर तरीके से लाश को ठिकाने लगाने के लिए गीता कॉलोनी फ्लाई ओवर के नीचे का इलाका खोजा था। अब पुलिस के सामने सबसे बड़ी समस्या बॉडी के पहचान की थी, लेकिन चेहरा इस हालत में नहीं था कि उसकी फोटो देखकर कोई आसानी से उसे पहचान सके।

एआई की मदद से पुलिस ने मृतक की आंखें खोली

 

एआई की मदद से पुलिस ने लाश के चेहरे को कुछ इस तरीके से दिखाया कि जब उसकी आंखें खुली हो… 

इसके लिए उत्तरी दिल्ली पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली। एआई की मदद से पुलिस ने लाश के चेहरे को कुछ इस तरीके से दिखाया कि जब उसकी आंखें खुली हो या वह ठीक हालत में होगा तो कैसा दिखता होगा?

North District Police: इस कवायद के बाद उस तस्वीर की पुलिस ने पोस्टर्स बनवाएं और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में उसे पोस्टर को लगवा दिया। थानों में पोस्टर्स को शेयर किएऔर व्हाट्सएप ग्रुप में भी शेयर किए गए। पुलिस ने कुल पांच सौ पोस्टर्स छपवाए थे।

लाश का बैकग्राउंड भी यमुना नदी से बदल दिया 

खास बात ये थी कि पुलिस ने एआई की मदद से ही लाश का बैकग्राउंड भी यमुना नदी से बदल दिया था। पुलिस की यह कोशिश रंग लाई। पुलिस ने बाहरी दिल्ली की छावला इलाकों में भी इन पोस्टर्स को लगवाया था।

...जब छावला थाने के पास से आया कॉल

छावला थाने के बाहर लगे पोस्टर से पहचान के बाद दिल्ली पुलिस के पास एक कॉल आई। कॉलर ने  दिल्ली पुलिस को बताया कि यह फोटो उनके बड़े भाई हितेंद्र की है। दिल्ली पुलिस ने कोतवाली थाने में कत्ल का केस पहले ही दर्ज कर लिया था। एक बार पहचान हो जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने हितेंद्र की प्रोफाइल की जांच की उनके आसपास के लोगों से पूछताछ की ताकि जांच आगे बढ़ सके।  

          

महिला समेत चार लोग थे हत्या में शामिल

पहचान हो जाने के बाद जब पुलिस ने केस की जांच को आगे बढ़ाया तो पुलिस को पता लगा कि तीन युवकों के साथ हितेंद्र का किसी बात पर झगड़ा हुआ था। पुलिस ने जब लोकेशन की जांच की और दूसरे सुराग जुटाए तो पुलिस को पता लगा कि उन तीन युवकों ने ही हितेंद्र की गला दबाकर हत्या की थी और फिर लाश को ठिकाने लगा दिया था।

पुलिस को पता लगा कि सुराग छुपाने के मामले में एक महिला ने भी उनकी मदद की है, जिसके बाद पुलिस ने उसे महिला को भी गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।

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