Nikki Murder Case Update: शादी करवाने वाले पंडित से साहिल का आमना सामना करवाएगी पुलिस, कोर्ट ने दो दिन की रिमांड और दे दी

Delhi Police get Two Dayes Remand: दिल्ली पुलिस को साहिल गहलोत की दो दिन की रिमांड मिल गई है जबकि बाकी तमाम यानी पांचों आरोपियों को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस दौरान पुलिस साहिल का सामना उस पंडित से करवाएगी जिसने साहिल औ

निक्की की हत्या के मामले में साहिल गहलोत को दो दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया

निक्की की हत्या के मामले में साहिल गहलोत को दो दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया

20 Feb 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:36 PM)

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Nikki Yadav murder case: निक्की हत्या केस में साहिल समेत 6 आरोपियों को कोर्ट पेश किया गया। पुलिस ने कहा जिस पंडित ने साहिल और निक्की की शादी करवाई थी उस से साहिल का आमना सामना करवाना है उससे कुछ और पूछताछ करनी है और ज़रूरी सबूत इकट्ठा करने है। इतना ही नहीं साहिल और निक्की जहां जहां साथ रहते थे वो तमाम जगहों की भी पुष्टि करनी है। क्योंकि पुलिस का दावा है कि साहिल रूट को लेकर अब भी पुलिस को गुमराह कर रहा है। 

पुलिस की इस दलील को कोर्ट ने स्वीकार तो कर लिया लेकिन तीन तीन की बजाए सिर्फ दो ही दिन की रिमांड दी है। यानी अगले दो दिनों तक साहिल दिल्ली पुलिस के कब्जे में ही रहेगा। जबकि इस गुनाह में गिरफ्तार किए गए उसके साथ पांच और आरोपियों को कोर्ट ने 14 दिन की जेल में भेज दिया है। 

निक्की का कत्ल अचानक नहीं हुआ था बल्कि निक्की के कत्ल की गहरी साजिश रची गई थी...इस साजिश में साहिल के पिता, दोस्त और कजन भी शामिल थे... साजिशकर्ताओंमें एक पुलिसवाला भी शामिल था...पहले निक्की की मौत को सडक हादसा दिखाना था...मौका नहीं मिला इसलिए निगमबोध घाट में हत्या की..निक्की साहिल की गर्लफेंड नहीं बल्कि पत्नी थी क्योंकि 2020 में दोनों ने गुपचुप शादी कर ली थी...असल में साहिलकी दूसरी शादी के मंडप में निक्की बस पहुंचनेवाली थी। 

निक्की यादव की साहिल गहलोत के साथ शादी करवाने वाले पंडित से होगा अब आमना सामना

निगमबोध घाट असल में दिल्ली का सबसे बड़ा श्मशान। औसतन हर रोज यहां 70 से 80 अंतिम संस्कार होता है। जाहिर है हरेक अंतिम संस्कार के लिए दर्जनों लोग यहां आते हैं। इसी निगमबोध घाट की ये कार पार्किंग है। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बहुत सी महिलाएं भी निगमबोध घाट आती हैं। लेकिन वो चिता तक जाने की बजाय इन्हीं पार्किंग में अपनी गाडियों में इंतजार करती रहती हैं। जाहिर है ये एक श्मशान है, तो यहां मुर्दे ही लाए जाएंगे। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि इसी श्मशान के अंदर कोई किसी का कत्ल कर दे। अमूमन ऐसा होता तो नहीं है, लेकिन दिल दहला देनेवाला सच यही है कि साहिल गहलोत ने निक्की यादव का कत्ल इसी निगमबोध घाट श्मशान की इसी पार्किंग में किया था।

जी हां, निक्की यादव का कत्ल कहीं और नहीं बल्कि दिल्ली के इस सबसे बडे श्मशान घाट के अंदर हुआ था। और इस बात खुलासा किसी और ने नहीं खुद साहिल गहलोत ने किया है। इतना ही नहीं श्मशान घाट के अंदर पार्किंग में साहिल की वो सफेद हुंडई वेरना कार भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी थी। वो फुटेज अब दिल्ली पुलिस के पास है। दरअसल साहिल की इस कहानी के बाद कि उसने निक्की का कत्ल 10 फरवरी की सुबह नौ बजे कश्मीरी गेट इलाके में किया था, तभी से पुलिस ये पता लगाने में जुटी थी कि आखिर दिन के उजाले में बीच सड़क पर साहिल ने निक्की का कत्ल कैसे किया? इसी के बाद 15 और 16 फरवरी को साहिल को लेकर पुलिस ने हर उस जगह की रेकी की, जहां-जहां वो उस रात और सुबह गया था। इसी रेकी के दौरान साहिल ने पहली बार खुलासा किया कि उसने निक्की का गला निगमबोध घाट की पार्किंग में दबाया था। 

साहिल के बयान और निगम बोध घाट की सीसीटीवी फुटेज के बाद पुलिस के सामने निक्की के कत्ल पूरी कहानी सामने आ चुकी थी। साहिल सुबह 8 बजकर 57 मिनट पर निगमबोध घाट की मेन गेट से अंदर पहुंचा। अंदर जाने के बाद उसने बाईं तरफ की पार्किंग में अपनी हुंडई वेरना कार पार्क कर दी। निक्की यादव डाइवर के बराबर वाली सीट पर बैठी थी। कार के चारों शीशे टिंटेड ब्लैक थे। यानी कार के अंदर की चीजें बाहर से नहीं देखी जा सकती थी। इसी पार्किंग के अंदर साहिल और निक्की का फिर से झगडा हुआ। इसके बाद इसी पार्किंग में साहिल ने डेटा केबल से निक्की का गला दबा दिया। 

निक्की की मौत के बाद करीब साढे नौ बजे कार निगमबोध घाट से बाहर निकल गई। यानी साहिल निगम बोध घाट के अंदर करीब 33 मिनट तक रहा। और इसी 33 मिनट में निक्की का कत्ल हो गया। 10 फरवरी की उस सुबह निगम बोध घाट के दो सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी पर थे। उन्होंने साहिल की कार देखी भी थी। लेकिन उन्हें कोई शक नहीं हुआ।

निक्की यादव की हत्या के सिलसिले में साहिल के अलावा सभी आरोपियों को भेजा गया न्यायिक हिरासत में

 वजह ये थी कि एक तो कार का शीशा काला था और दूसरा सिक्योरिटी गार्ड को ये पता होता है कि अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ज्यादातर महिलाएं जो श्मशान आती हैं, वो कार में ही बैठी रहती हैं। इसके अलावा नौ बजे के बाद श्मशान में भीड़ भी बढ़ जाती है। इनमं से एक सिक्योरिटी गार्ड ने बताया है कि उसने दस फरवरी की सुबह नौ बजे एक सफेद हुंडई वेरना कार इसी पार्किंग में देखी थी। कार की अगली सीट पर डाइवर के बराबर में एक महिला बैठी थी। इससे ज्यादा वो कुछ नहीं देख पाया। क्योंकि कार का शीशा काला था। 

निगम बोध घाट में कुल 44 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। लेकिन इतेफाक देखिए कि जिस जगह पार्किंग में साहिल ने अपनी कार पार्क की थी, उस जगह को एक भी कैमरा कवर नहीं करता था। इसीलिए पुलिस को सिर्फ उन कैमरों में साहिल की कार कैद मिली, जिसमें वो श्मशान में आते और जाते दिख रहा है। दिल्ली पुलिस अब तक दो बार निगम बोध घाट के चक्कर लगा चुकी है। कैमरे के फुटेज और हार्ड डिस्क भी जांच के लिए वो अपने साथ ले गई है। साथ ही दोनों सिक्योरिटी गार्ड के बयान भी दर्ज कर चुकी है।

जांच में शामिल एक पुलिस अफसर के मुताबिक साहिल ने पूछताछ में बताया कि वो निगम बोध घाट से सुबह साढे नौ बजे निकला था। सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरें भी उसके इस बयान की तस्दीक करते हैं। निगमबोध घाट से निकल कर उसने करीब चवालीस किलोमीटर तक अपनी कार चलाई। इसके बाद सुबह 11 बजे के बाद वो मित्राऊ गांव में मौजूद अपने ढाबे पहुंचा। निगमबोध घाट से मित्राऊ गांव तक के रास्ते में कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। पुलिस ने उन कैमरों के फुटेज भी हासिल कर लिए हैं। इन कैमरों में भी साहिल की सफेद हुंडई वैरना कार उन रास्तों पर जाती नजर आ रही है। यानी साहिल का बयान सच है।

एक लाश को एक कार की अगली सीट पर सीट बेल्ट से बांध कर साहिल चवालीस किलोमीटर का सफर तय करता है। साहिल की कार के शीशे काले हैं यानी टिंडेट ग्लास हैं। जो कि टैफिक नियम के खिलाफ है और जिसके लिए बाकायदा चालान कटते हैं। अब यहां सवाल ये है कि साहिल काले शीशे वाली कार के साथ चवालीस किलोमीटर तक दिल्ली की सडकों पर घूमता है मगर एक भी रेड लाइट, नाके या बैरिकेड के इर्द गिर्द एक भी पुलिसवाला उसे नहीं रोकता। अगर टिंटेड ग्लास की वजह से उसकी कार रोक ली जाती, तो दस फरवरी की सुबह ही निक्की यादव के कत्ल का राज खुल चुका होता। लगभग ऐसी ही गलती करीब दो महीने पहले दिल्ली पुलिस ने तब दोहराई थी, जब अंजलि नाम की एक लडकी को लगभग 14 किलोमीटर तक एक कार के नीचे कार सवार घसीटते रहे थे। और एक भी पुलिसवालों को ये दिखाई नहीं दिया।

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