Padma Bhushan medal theft in Delhi: दिल्ली में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पदक पद्म भूषण की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. चोरी की यह कहानी इतनी फिल्मी है कि पुलिस को इसके लिए खुद एक टीम बनानी पड़ी और अपराधियों को पकड़ने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने पड़े. आखिरकार डीडीए फ्लैट साकेत से लापता हुए पद्म भूषण को मदनपुर खादर में बरामद कर लिया गया. हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि इस चोरी की भनक मेडल के मालिक को भी नहीं लगी, बल्कि चोरों की करतूत से ही चोरी का खुलासा हो गया.
चोरों ने पद्मभूषण मेडल चुरा लिया, उसे बेचने के लिए ज्वेलर के गए, ज्वैलर ने कर दिया कांड
Padma Bhushan medal theft in Delhi: दिल्ली में देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पदक पद्म भूषण की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है.
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Crime Tak
28 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 28 2024 10:10 PM)
साकेत के डीडीए फ्लैट में रहने वाले समरेश चटर्जी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए उन्होंने 33 वर्षीय श्रवण कुमार को एक चिकित्सा सहायक नियुक्त किया. समरेश चटर्जी के दादा जीसी चटर्जी, जो पंजाब यूनिवर्सिटी, राजस्थान यूनिवर्सिटी के वीसी होने के साथ-साथ यूपीएससी के सदस्य और नेशनल बुक ट्रस्ट के चेयरमैन थे, को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इस मेडल की देखभाल समरेश चटर्जी कर रहे थे.
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मालिक के घर से चुराया पद्म-भूषण
एक दिन वहां काम करने वाले श्रवण कुमार ने सोने से उभरा हुआ पद्म भूषण मेडल पार कर अपने तीन साथियों मदनपुर खादर निवासी हरी सिंह, रिंकी देवी और वेद प्रकाश को ठिकाने लगाने के लिए दे दिया। 27 फरवरी को ये तीनों पद्म भूषण मेडल लेकर पास के ज्वैलर दिलीप के पास पहुंचे. यहां उन्होंने मेडल बेचने की बात कही.
ज्वैलर ने कर दिया कांड
चूंकि इस मेडल पर पद्म भूषण भी लिखा हुआ था, इसलिए ज्वैलर दिलीप ने इस मेडल को खरीदने से इनकार कर दिया. साथ ही एक तरफ जाकर कालिंदी कुंज थाने में फोन किया। हालांकि, इस दौरान तीनों दुकान छोड़कर किसी दूसरे सुनार के पास चले गए.
पद्म भूषण का मुद्दा उठा तो दिल्ली पुलिस हरकत में आई और एसीपी सरिता विहार योगेश मल्होत्रा के नेतृत्व में SHO कालिंदी कुंज इंस्पेक्टर एमएस कमल, एसआई अजय चौहान, एएसआई साजिद और राकेश की एक टीम बनाई गई। टीम तुरंत ज्वेलर के पास पहुंची और आसपास जांच करने के बाद इलाके के सीसीटीवी कैमरे खंगाले. इसमें आरोपियों की पहचान रिंकी देवी, हरि सिंह और वेद प्रकाश के रूप में हुई. हालांकि जब उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि यह मेडल श्रवण कुमार ने चुराया था.
दिल्ली पुलिस ने एक चोर और उसके तीन साथियों के अलावा पांचवें ज्वैलर प्रशांत बिस्वास को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने पदक का स्वर्ण कमल ऊपरी हिस्सा और सोने की पिन भी बरामद कर ली है, लेकिन पदक के गोल पीतल डिस्क वाले हिस्से की अभी तलाश की जा रही है.
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