Delhi News: जेलर को धमकाने (Threat) और पिस्तौल (Pistol) तानने के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा सात साल कैद की सजा के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की याचिका पर उच्चतम न्यायालय दो जनवरी को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश के खिलाफ अंसारी की अपील पर संभवत:सुनवाई करेगी।
Court News: जेलर को धमकाने के मामले में सजा के खिलाफ मुख्तार अंसारी की याचिका पर 2 जनवरी को सुनवाई
Mukhtar Ansari: न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश के खिलाफ अंसारी की अपील पर संभवत:सुनवाई करेगी।
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29 Dec 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:32 PM)
उच्च न्यायालय ने 21 सितंबर को गैंगस्टर-राजनीतिज्ञ अंसारी को मामले में बरी करने के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था और उसे धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 506 (आपराधिक धमकी)के तहत दोषी पाया था।
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अंसारी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर दो बार सहित लगातार छह चुनावों में मऊ से विधायक चुना गया था। उच्च न्यायालय ने पूर्व विधायक को धारा 353 के तहत अपराध के लिए दो साल के कठोर कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना और धारा 504 के तहत अपराध के लिए दो साल की जेल और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। अदालत ने धारा 506 के तहत अपराध के लिए अंसारी को सात साल की जेल की सजा सुनाते हुए 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
मामला 2003 का है जब लखनऊ जिला जेल के जेलर एस.के. अवस्थी ने अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने के लिए धमकी देने का आरोप लगाते हुए आलमबाग पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। अवस्थी ने यह भी आरोप लगाया कि अंसारी ने उन पर पिस्तौल तान दी और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। एक निचली अदालत ने मामले में अंसारी को बरी कर दिया था लेकिन सरकार ने फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी।
पूर्वी उत्तर प्रदेश में खासा प्रभाव रखने वाला अंसारी वर्तमान में बांदा जेल में बंद है। उच्च न्यायालय ने अंसारी को दोषी ठहराते हुए कहा था कि वह एक खूंखार अपराधी और माफिया डॉन के रूप में कुख्यात है, जिसके खिलाफ जघन्य अपराधों के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं।
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