Delhi Crime: इंस्टेंट लोन के नाम पर करते थे ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी, चीनी नागरिक समेत दो गिरफ्तार

Delhi News: साइबर सेल ने इंस्टेंट लोन के नाम पर ब्लैक मेलिंग और धोखाधड़ी करने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया, यह गैंग लोगों का डाटा ऐसे सरवर पर अपडेट कर देता था जो भारत के अलावा चाइना में भी मौजूद था।

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09 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:29 PM)

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Delhi Cyber News: दिल्ली पुलिस की साइबर सेल (Cyber Cell) ने इंस्टेंट लोन (Loan) के नाम पर ब्लैकमेलिंग (Blackmailing) और धोखाधड़ी (Fraud) करने वाले एक गैंग (Gang) का भंडाफोड़ किया है। पुलिस के मुताबिक यह गैंग लोगों का डाटा ऐसे सरवर पर अपडेट कर देता था जो भारत के अलावा चाइना में भी मौजूद था। पुलिस ने इस मामले में एक चीनी नागरिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़ में आए लोगों के पास से पुलिस ने तीन लैपटॉप एक हार्ड डिस्क 17 मोबाइल फोन बरामद किया है। 

दिल्ली पुलिस का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई शिकायतें उन्हें मिल रही थी जिनमें लोग इंस्टेंट लोन के नाम पर ठगी धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा रहे थे। लोगो की शिकायतों के मुताबिक पूरा लोन चुका देने के बावजूद भी यह लोग और पैसे मांगते और नहीं देने पर मॉर्फ फोटो को वायरल कर देने की धमकी देकर पैसे वसूलते। 

ये लोग लोन अमाउंट का कई गुना वसूलने के बावजूद भी धमकाने का सिलसिला जारी रखते थे। दरअसल लोन देने से पहले यह शर्तों के नाम पर कुछ एप्लीकेशन डाउनलोड करने को कहते और इसी दौरान यह लोग फोन में कुछ ऐसे एप्लीकेशन डाउनलोड करवा देते जिसके जरिए यह फोन को हैक कर लेते थे और उसके बाद मीडिया में मौजूद सारे फोटो और सारे कांटेक्ट इनके पास पहुंच जाते हैं। 

पुलिस के मुताबिक जब उन्होंने जांच शुरू की तो उन्होंने देखा कि 100 से ज्यादा ऐसे ऐप मौजूद है जो इंस्टेंट लोन के नाम पर पर्सनल डाटा में एक्सेस की परमिशन मांग रहे थे। इंस्टेंट लोन एप्लीकेशन अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर मौजूद है। मामूली वेरिफिकेशन के बाद ये लोग आसानी से लोन दे दिया करते थे। कुछ ही मिनटों में इस ऐप के जरिए लोगों को लोन मिल तो जाता है, लेकिन इसे उतारना आसान नहीं होता।

ग्राहक का डाटा अलग-अलग मॉड्यूल के पास पहुंचता है। सबसे पहले जो शख्स लोन मुहैया कराता है इसके बाद उस डाटा को आगे रिकवरी एजेंट के पास भेज दिया जाता है, धमकी देने के लिए मीडिया से फोटो उठाकर उनको मॉर्फ कर दिया जाता है और फिर कांटेक्ट में से फोन नंबर निकाल कर सबके बीच में मॉर्फ फोटो भेजने की धमकी दी जाती है।

कुछ लोग डर कर इनके बताए अलग-अलग अकाउंट में पैसे जमा करने लगते हैं। यह लोग लोन तो 5000 से 10000 का देते लेकिन वसूली में यह लाखों रुपए तक ले लेते हैं। इस तरीके के मामलों में कार्रवाई करते हुए साइबर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में 22 लोगों को गिरफ्तार किया था। 

जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि यह नेटवर्क दिल्ली कर्नाटक महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश गुजरात समेत देश के दूसरे हिस्सों में भी फैला हुआ है। मौजूदा केस की जांच के दौरान पुलिस को चाइनीज महिला नागरिक के बारे में जानकारी मिली जिसका नाम यूझांग था। इसके बाद पुलिस ने यूझांग और उसके सहयोगी विनीत झावर को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने आरोपियों के पास से बरामद सामानों की जांच शुरू कर दी है ताकि इनके आगे के लिंक की जानकारी मिल सके। डीसीपी साइबर सेल प्रशांत गौतम के मुताबिक जांच में सामने आया है कि यह लोग कुछ दूसरे चीनी नागरिकों के लिए काम कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि यूझांग और  विनीत झावर ने जो अकाउंट आगे अपने आकाओं को दिया था उसके जरिए अब तक 150 करोड़ रूपए की ठगी को अंजाम दिया जा चुका है।

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