Delhi: दिल्ली पुलिस बेबी केयर सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन और बेबी केयर सेंटर में काम करने वाले डॉक्टर आकाश को आज कोर्ट में पेश करेगी। पुलिस दोनों आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग करेगी। पुलिस का कहना है कि दोनों के अलावा किसी और का सामने नाम आता है और उसकी जानलेवा लापरवाही सामने आती है तो उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस दोनों डॉक्टरों का लाइसेंस रदद् करने के लिए भी आने वाले दिनों में संबंधित विभाग को लिख सकती है। इस हादसे में 7 बच्चों की मौत हो गई थी, जब कि 12 बच्चों को रेस्क्यू किया गया था।
बेबी केयर सेंटर के मालिक और डॉक्टर के खिलाफ क्यों न दर्ज हो हत्या का मुकदमा? क्या सो रहा था दिल्ली का स्वास्थ्य विभाग?
Delhi Baby Care Hospital Fire: दिल्ली पुलिस बेबी केयर सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन और वहां काम करने वाले डॉक्टर आकाश को आज कोर्ट में पेश करेगी। कोर्ट में इनकी रिमांड की मांग होगी ताकि आग लगने के कारण और इसके पीछे हुई लापरवाही उजागर की जा सके।
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• 12:26 PM • 27 May 2024
दिल्ली पुलिस और दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर ने क्या बोला?
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DCP शाहदरा सुरेंद्र चौधरी ने क्राइम तक को कहा, 'हमने सेक्शन 304 आईपीसी (गैर इरादतन हत्या) को भी मुकदमे में जोड़ दिया है। यहां ऑक्सीजन सिलेंडर रीफिलिंग का काम नहीं होता था। मौके से 32 सिलेंडर मिले हैं।' ये सीधे-सीधे दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है। स्वास्थ्य विभाग का DGHS विभाग ऐसे केयर सेंटर का समय-समय पर निरीक्षण करता है, लेकिन इस केस में ऐसा नहीं किया गया। उधर, दिल्ली फायर विभाग के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने कहा, 'हमारे पास इस बिल्डिंग का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। हम जांच कर रहे हैं कि अगर बिल्डिग की Height 9 मीटर से ऊपर है तो हम केयर सेंटर के खिलाफ नोटिस जारी करेंगे। दिल्ली सरकार के DGHS विभाग ने इस बाबत हमें कोई जानकारी नहीं दी थी। शुरुआती तौर पर लग रहा है कि केयर सेंटर ने Fire Safety Norms का पालन नहीं किया।'
7 बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन?
दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि 31 मार्च को बेबी केयर सेंटर का लाइसेंस खत्म हो गया था, लेकिन फर्जी तरीके से बेबी केयर सेंटर चलाया जा रहा था। 5 बेड की परमिशन वाले नर्सिंग होम में 20-25 बेड रखे गए थे। मौके से 32 ऑक्सीजन सिलेंडर बरामद हुए हैं। हादसे के वक्त इन्हीं सिलेंडरों के फटने से आग ज्यादा फैल गई थी। यहां तक कि एंट्री और एग्जिट गेट भी बेहद संकरा था। बच्चों के इलाज के लिए BAMS डॉक्टरों को तैनात किया गया था जबकि वो इसके लिए एक्सपर्ट नहीं होते।
कैसे लगी इतनी बड़ी आग? सरकार ने बुलाई बैठक
उधर इस अग्निकांड को लेकर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक बुलाई है। नवजात बच्चों की मौत के मामले को लेकर ये बैठक की जा रही है। पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात ये दुखद घटना हुई थी। यहां एक बेबी केयर सेंटर में भीषण आग लगने से सात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इसके बाद रविवार को पुलिस ने सेंटर के मालिक डॉक्टर नवीन को गिरफ्तार कर लिया। इस अस्पताल की चार ब्रांच है, जिसमें विवेक विहार, पंजाबी बाग, फरीदाबाद और गुरुग्राम शामिल हैं। बेबी केयर सेंटर के मालिक नवीन ने Pediatric Medicine में एमडी किया है और वो पश्चिम विहार में रहता है। उसकी पत्नी जागृति डेंटिस्ट है और इस अस्पताल को चलाती है। अब तक जांच में पता चला है कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है। डॉक्टर आकाश और डॉक्टर नवीन को अरेस्ट किया गया है। आकाश ने बीएएमएस किया है।
घटना के वक्त बच्चों के अलावा बेबी केयर सेंटर का कितना स्टाफ मौजूद था?
दिल्ली फायर सर्विस को रात 11.32 बजे आईटीआई, ब्लॉक बी, विवेक विहार इलाके के पास बेबी केयर सेंटर से आग लगने की सूचना मिली थी। नौ दमकल गाड़ियों को तुरंत मौके पर भेजा गया था। दमकल कर्मियों ने इमारत से 12 नवजात शिशुओं को सुरक्षित बाहर निकाला। आग लगने की वजह से कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर भी फट गए जिससे हादसा बड़ा हो गया। दमकल की 16 गाड़ियों ने करीब 50 मिनट में आग पर काबू पा लिया। बच्चों को बचाने में दिल्ली पुलिस, दिल्ली फायर विभाग और आम लोगों ने साहस का परिचय दिया।
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