अगर इस बात पर यकीन करे तो ये वाकई चिंताजनक है... पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी ना तो अफगानिस्तान में गोलीबारी में फंसकर मारे गए, ना ही वह इन घटनाओं के दौरान हताहत हुए बल्कि तालिबान द्वारा उनकी पहचान की पुष्टि करने के बाद ‘‘क्रूरता से हत्या'' की गई थी. इस खुलासे के बाद हड़कंप मच गया है... हाल ही में तालिबान प्रवक्ता ने यहा कि उन्हें नहीं पता कि वो किसकी गोली से मारे गए... अमेरिका की एक पत्रिका ने गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया. पुरस्कार विजेता पत्रकार की कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते समय मौत हुई थी.
तो तालिबान ने की थी भारतीय फोटो पत्रकार दानिश की क्रूरता से हत्या, अमेरिका की पत्रिका ने किया दावा,
Pulitzer Prize-winning Indian photojournalist Danish Siddiqui was not simply killed in a crossfire but was brutally murdered by the Taliban.
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30 Jul 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:02 PM)
सिद्दीकी स्पिन बोल्डक एरिया में फंस गए थे
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अमेरिका की पत्रिका ‘वाशिंगटन एक्जामिनर' की रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्दीकी ने अफगान नेशनल आर्मी टीम के साथ स्पिन बोल्डक क्षेत्र की यात्रा की ताकि पाकिस्तान के साथ लगे सीमा क्रॉसिंग पर नियंत्रण के लिए अफगान बलों और तालिबान के बीच चल रही जंग को कवर किया जा सके. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले के दौरान, सिद्दीकी को छर्रे लगे और इसलिए वह तथा उनकी टीम एक स्थानीय मस्जिद में गए, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार मिला. हालांकि, जैसे ही यह खबर फैली कि एक पत्रकार मस्जिद में है तालिबान ने हमला कर दिया. स्थानीय जांच से पता चला है कि तालिबान ने सिद्दीकी की मौजूदगी के वजह से ही मस्जिद पर हमला किया था.
रिपोर्ट में किया गया खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘सिद्दीकी उस वक्त जिंदा थे जब तालिबान ने उन्हें पकड़ा. तालिबान ने सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि की और फिर उन्हें और उनके साथ के लोगों को भी मार डाला. कमांडर और उनकी टीम के बाकी सदस्यों की मौत हो गई क्योंकि उन्होंने उसे बचाने की कोशिश की थी.'' रिपोर्ट में अधिकारी के मुताबिक, ‘‘व्यापक रूप से प्रसारित एक तस्वीर में सिद्दीकी के चेहरे को पहचानने योग्य दिखाया गया है, हालांकि मैंने भारत सरकार के एक सूत्र द्वारा मुझे प्रदान की गई अन्य तस्वीरों और सिद्दीकी के शव के वीडियो की समीक्षा की, जिसमें दिखा कि तालिबान ने सिद्दीकी के सिर पर हमला किया और फिर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया.''
तालिबान ने नहीं किया वैश्विक संधियों का सम्मान
रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘‘तालिबान का हमला करने, सिद्दीकी को मारने और फिर उनके शव को क्षत-विक्षत करने का निर्णय दर्शाता है कि वे युद्ध के नियमों या वैश्विक संधियों का सम्मान नहीं करते हैं.'' सिद्दीकी का शव 18 जुलाई की शाम दिल्ली हवाई अड्डे पर लाया गया और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया. इस दावे के बाद देखना होगा कि सरकार क्या कदम उठाती है..
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