कोविड महामारी के दौरान रिहा दोषी, विचाराधीन कैदी 15 दिन में आत्मसमर्पण करें: कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान कारागारों में भीड़ कम करने के लिए रिहा किए गए सभी दोषियों एवं विचाराधीन कैदियों को 15 दिन में आत्मसर्मण करने का शुक्रवार को आदेश दिया।

Supreme Court

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24 Mar 2023 (अपडेटेड: Mar 24 2023 12:22 PM)

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Supreme Court Order: सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान कैदियों की भीड़ कम करने के लिए रिहा किए गए सभी दोषियों एवं विचाराधीन कैदियों को 15 दिन में आत्मसर्मण करने का शुक्रवार को आदेश दिया है। 

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा, ‘महामारी के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए ऐहतियात के तौर पर आपातकालीन जमानत पर रिहा किए गए विचाराधीन कैदी आत्मसमर्पण के बाद संबंधित अदालतों से नियमित जमानत का अनुरोध कर सकते हैं।’

कई दोषियों और विचाराधीन कैदियों को उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों पर COVID के दौरान विभिन्न राज्यों से रिहा किया गया था। इनमें से अधिकतर कैदियों के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हैं, जो जघन्य प्रकृति के नहीं हैं। इसका मकसद ये था कि अनावश्यक भीड़ की वजह से कोविड न फैल जाए, लेकिन अब स्थिति बदली हुई है। इस वजह से कोर्ट ने ये आदेश पारित किया है।

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