संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन शिनजियांग में उइगर, तुर्क और दूसरे मुस्लिम अल्पसंख्यकों को जबरन मजदूरी करवा रहा है। इसके लिए व्यापक और व्यवस्थित रूप से कई प्रोग्राम चल रहे हैं, रिपोर्ट में बताया गया है कि शिनजियांग में जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों की करीब 1.3 करोड़ आबादी को उनकी जातीयता और धर्म के आधार पर टारगेट किया जाता है, हालांकि चीन ने इससे शुरु से ही इनकार करता रहा है।
क्या चीन ने मुसलमानों को क़ैद कर लिया है? कैंप में कैद कर मजदूरी करवा रहा है चीन
China's Repression of Uyghurs in Xinjiang क्या चीन ने मुसलमानों को क़ैद कर लिया है! कैंप में कैद कर मजदूरी करवा रहा है चीन
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14 Feb 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:13 PM)
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खबरों के मुताबिक शिनजियांग में करीब 18 लाख उइगर और दूसरे मुस्लिम लोगों को रि-एजुकेशन नाम के एक कैंप में कैद किया हुआ है, शिनजियांग और तिब्बत में ह्यूमन राइट्स पर रिसर्च करने वाले कई संगठनों ने दावा किया है कि उइगर मुस्लिमों को डिटेंशन कैंप में जबरन रखा जाता है और नसबंदी कर उनकी आबादी पर लगाम लगाने की कोशिश की जाती है। उइगर मुस्लिमों को डिटेंशन कैंप से निकलने की इजाजत नहीं होती है, औरतो को IUD (प्रेग्नेंट होने से रोकने का डिवाईस) लगाने को कहा जाता है और अगर कोई महिला IUD लगाने से इनकार कर देती है तो फिर उसपर भारी जुर्माना लगाया जाता है।
चीन के शिनजियांग की आबादी ढाई करोड़ के आसपास है, इस इलाके में ज़्यादातर आबादी उइगर मुसलमानों की है, तुर्की मूल के ये उइगर मुसलमान आसपास के मुस्लिम देशों मसलन कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान और तज़ाकिस्तान में भी रहते हैं। शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगुर मुसलमानों का खाना-पीना, रहना सहना बाकि चीनी लोगों से अलग है। खास बात ये है कि ये लोग धार्मिक हैं और इस्लाम के मानने वाले हैं।
चीन में मुसलमानों की सबसे घनी आबादी शिनजियांग सूबे में ही है, शिनजियांग के अलावा निंगज़िया, गानसू और किनघाई में भी काफी मुसलमान रहते हैं। इन तमाम इलाकों में करीब 40 हज़ार से ज़्यादा मस्जिदें हैं, चीनी इतिहासकारों के मुताबिक करीब 14 सौ सालों से चीन में इस्लाम के मानने वाले हैं। माना जाता है कि यहां बसे ज़्यादातर मुसलमान तुर्की से व्यापार के सिलसिले में आए थे, और यहीं बस गए। चीन में उइगर मुसलमानों की तादाद करीब एक करोड़ के आसपास है, आज भी इन उइगर मुसलमानों की मूल भाषा तुर्की ही है।
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