टिल्लू ताजपुरिया की हत्या का वक़्त लॉरेंस बिश्नोई ने 'खरीदा' था? तिहाड़ का सनसनीखेज सच

Tihar Gangster: तिहाड़ में जिस तरह टिल्लू ताजपुरिया की हत्या उसने ये शक पैदा कर दिया कि हत्या जिस वक़्त की गई थी तो क्या उस वक़्त जेल में किसी और का हुक्म चल रहा था

टिल्लू की हत्या की वारदात ने फंसा दिया तिहाड़ जेल को

टिल्लू की हत्या की वारदात ने फंसा दिया तिहाड़ जेल को

05 May 2023 (अपडेटेड: May 5 2023 4:28 PM)

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Tihar Jail: तिहाड़ जेल के भीतर जिस तरह से टिल्लू ताजपुरिया (Tillu Tajpuria) का कत्ल हुआ और कत्ल के वक़्त हमलावर कैदियों को किसी का खौफ नहीं था…यहां तक कि हाई गार्डेड जेल और सेल के भीतर सुरक्षा कर्मी भी मौजूद नहीं थे, ऐसे मेंं ये शक गहराने लगता है कि क्या जेल में कत्ल का वो वक़्त किसी ने खरीद लिया था। 

अब चलिए इस फिल्म को दिखाने के बाद फिल्म के पीछे की वो कहानी आपको सुनाता हूं जो तिहाड़ के कैमरे ने न कैद किया...न कैद कर सकते थे। ये कहानी भी फ्रेम दर फ्रेम है। 
सबसे पहले बाहर से बिलकुल सूना सन्नाटा और खाली देिखने वाला वॉर्ड बहुत कुछ बयां कर देता है…

दायें बायें और सामने सारे सेल और बैरक हैं। जिनमें कैदी बंद हैं। इनमें कहीं भी यहां तक कि किसी कोने में भी एक भी सुरक्षा कर्मी दिखाई नहीं दिया। ऐसे में ये सोच हावी हो सकती हैकि शायद जेल के इस हिस्से में सुरक्षा कर्मी होते ही नहीं हैं। तो फिर ये गलत सोच हैं। तिहाड़ में दो तरह के सेल और बैरक होते हैं। एक आम सेल और बैरक और दूसरा हाई गार्डेड सेल बैरक। आम सेल या बैरक में अमूमन एक सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी होती है। जबकि हाई गार्डेड सेल या बैरक में दो से तीन सुरक्षा गार्ड चौबीसो घंटे मौजूद रहते हैं।

टिल्लू ताजपुरिया की हत्या ने कई सवालों को पैदा कर दिया

जेल नंबर आठ के वॉर्ड नंबर पांच में टिल्लू ताजपुरिया (Tillu Tajpuria) जिस सेल में बंद था, वो हाई गार्डेड था। वजह ये थी कि टिल्लू ताजपुरिया (Tillu Tajpuria) के राइवल यानी गोगी गैंग के बहुत से गुर्गे इसी वार्ड में फर्स्ट फ्लोर में बंद थे। जहां से वो कूद कर नीचे आए थे। इसी खतरे को देखते हुए टिल्लू ताजपुरिया (Tillu Tajpuria) को उस सेल में रखा गया था। जहां सुरक्षा गार्ड चौबीसों घंटे मौजूद हों। अब कायदे से देखें तो तिहाड़ सफाई देने लायक भी नहीं है। क्योंकि कैमरा पहले ही उसके निकम्मेपन की चुगली खा चुका है। खुद कैमरा ये बता रहा है कि इस पूरे वार्ड में एक भी सुरक्षा गार्ड मौजूद नहीं है। और यहीं पर ये सवाल उठ रहा है कि क्या ये सब कुछ प्री प्लान्ड था। तिहाड़ के भ्रष्ट अफसरों ने जानबूझकर हमलावरों को हमले के मौके दिए...क्या हमलावरों ने भ्रष्ट तिहाड़ से हमले के लिए 15 मिनट खरीदे थे। अगर ये सारे इल्जाम सच हैं तो फिर टिल्लू ताजपुरिया (Tillu Tajpuria) का कातिल वो हमलावर हैं या खुद तिहाड़।

लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर हुई टिल्लू ताजपुरिया की हत्या?

टिल्लू ताजपुरिया (Tillu Tajpuria) के कत्ल के फौरन बाद गोल्डी बराड ने सोशल मीडिया के जरिए ये दावा किया कि ये काम जेल में बंद उसके लोगों ने किया है। गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई  (Lawrence Bishnoi) गैंग के बहुत से गुर्गे तिहाड़ में हैं। तिहाड़ के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो टिल्लू ताजपुिया पर हमला बेशक फर्स्ट फ्लोर के कैदियों ने किया, लेकिन हमले की जमीन तैयार करने और हमले के वक़्त तिहाड़ के सुरक्षा कर्मियों को वॉर्ड नंबर पांच से दूर रखने का काम लॉरेंस बिश्नोई के खास गुर्गों ने ही किया। जाहिर है वक़्त खरीदने की क़ीमत चुकानी पड़ती है। अब ये क़ीमत कितनी रकम में चुकाई गई ये तो पता नहीं, लेकिन बिना रकम दिए वक़्त छोड़िये तिहाड़ में एक बीड़ी तक नहीं मिलती।

भ्रष्ट हो चुके तिहाड़ के अफसरान पर कोई गाज गिरेगी भी या नहीं ये तो नहीं पता, लेकिन कैमरे में कैद तिहाड़ (Tihar Jail) के कम से कम ये दस जांबाज और बहादुर पुलिसवालों को यकीनन उनकी बहादुरी का इनाम जरूर मिलेगा। क्या पता इसी इनाम के साथ बाकी इनामी अफसर अपना दामन बचा ले जाएं। यही तो फितरत रही है तिहाड़ की। यही तो फितरत है तिहाड़ की। 
 

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