दिल्ली के RML अस्पताल घूसकांड में नर्स शालू समेत दो गिरफ्तार, सामने आई ये करतूत..

CBI RML Hospital Corruption Case: RML अस्पताल में कमीशन लेकर मरीजों को महंगी दवाई और उपकरण दिलवाने के मामले में सीबीआई ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में डॉक्टर, मेडिकल सप्लायर, नर्स और अस्पताल के दूसरे स्टाफ मेंबर्स समेत कुल 11 लोग अरेस्ट हो चुके हैं।

CrimeTak

09 May 2024 (अपडेटेड: May 9 2024 6:17 PM)

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New Delhi: RML अस्पताल में करप्शन के मामले में सीबीआई ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस सिलसिले में RML अस्पताल की नर्स शालू शर्मा और एक सेल्समैन आकर्षण गुलाटी को भी अरेस्ट कर लिया है। इस तरह अब तक इस सिलसिले में कुल 11 लोग अरेस्ट हो चुके हैं। सीबीआई कई लोगों से पूछताछ कर रही है। कुछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

दो और आरोपी गिरफ्तार, कुल 11 लोग रडार पर

इससे पहले सीबीआई ने दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के दो सीनियर डॉक्टरों को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए डॉक्टरों में डॉ. पर्वतगौड़ा (सहायक प्रोफेसर) कार्डियोलॉजी विभाग, और डॉ. अजय राज (प्रोफेसर) कार्डियोलॉजी विभाग समेत लैब प्रभारी रजनीश कुमार शामिल थे। इसके अलावा 6 और लोगों को पकड़ा था। आरोप है कि ये लोग गरीब मरीजों और चिकित्सा प्रतिनिधियों से रिश्वत ले रहे थे। 

सीबीआई ने बताया कि ये मॉड्यूल स्टंट और अन्य चिकित्सा आवश्यकताओं की आपूर्ति, स्टंट के विशेष ब्रांड की आपूर्ति, प्रयोगशालाओं में चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति,  रिश्वत के बदले मरीजों का प्रवेश और फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने तक में शामिल थे। इस संबंध में सीबीआई को शिकायत मिली थी जिसके बाद ये रेड की गई।

जांच में पता चला कि नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के कई डॉक्टर और कर्मचारी मिल कर एक रैकेट चला रहे हैं जिसमें स्टेंट, वॉल्व और दूसरे कन्ज्यूमेबल्स सप्लायर्स के साथ मिलीभगत कर मंगाए जाते हैं। इस तरह सस्ते दामों वाले उपकरण, दवाइयां और दूसरे कन्ज्यूमेबल्स मरीजों को महंगे दामों पर कमीशन लेकर बेचे जाते हैं। सूत्रों ने बताया है कि डॉ. पर्वतगौड़ा, सहायक प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी विभाग, आरएमएल अस्पताल और डॉ. अजय राज, प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी विभाग, आरएमएल अस्पताल खुलेआम रिश्वत मांग रहे हैं। नागपाल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक नरेश नागपाल भी इस गोरखधंधे में शामिल पाए गये। इसके अलावा इस धंधे में कई और आरोपियों के नाम सामने आए। 

जिन आरोपियों के नाम सीबीआई के FIR में दर्ज हैं, वो हैं - 

1. डॉ. पर्वतगौड़ा, सहायक प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी विभाग, आरएमएल अस्पताल

2. डॉ. अजय राज, प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी विभाग, आरएमएल अस्पताल

3. रजनीश कुमार, वरिष्ठ तकनीकी प्रभारी, कैथ लैब, आरएमएल अस्पताल

4. भुवाल जायसवाल, आरएमएल अस्पताल में क्लर्क

5. श्रीमती शालू शर्मा, आरएमएल अस्पताल में नर्स

6. संजय कुमार गुप्ता, आरएमएल अस्पताल, दिल्ली में क्लर्क

7. नागपाल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक नरेश नागपाल

8. मेसर्स भारती मेडिकल टेक्नोलॉजी के भरत सिंह दलाल

9. अबरार अहमद, निदेशक, मेसर्स साइनमेड प्राइवेट लिमिटेड 

10. आकर्षण गुलाटी, टेरिटरी सेल्स मैनेजर, मेसर्स बायोट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड

11. श्रीमती मोनिका सिन्हा, मेसर्स बायोट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड की कर्मचारी

ये था पूरा मामला?

FIR के मुताबिक, इन पर गरीब मरीजों से इलाज के नाम पर पैसे लेने और मेडिकल इक्यूपमेंट्स सप्लाई करवाने के नाम पर डीलर्स से मोटा पैसे लेने का आरोप है। सीबीआई ने डॉक्टर्स और मेडिकल इक्यूपमेंट्स से जुड़े डीलरों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की है। आरएमएल अस्पताल के प्रोफेसर डॉक्टर पर्वतगौड़ा को करीब ढाई लाख रुपए की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। हैरानी की बात ये है कि रिश्वत का पैसा उन्होंने यूपीआई के माध्यम से लिया। डॉक्टर इसी तरह के उपकरण मरीजों को खरीदवाने और सप्लाई कराने के नाम पर ऊभी रिश्वत लेते थे। शुरुआती जांच के मुताबिक आरएमएल के क्लर्क भुवल जायसवाल और नर्स शालू शर्मा मरीजों के तीमारदारों से ईलाज के नाम पर पैसा ऐंठते थे। डॉक्टरों ने नागपाल टेक्नोलोजी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक नरेश नागपाल, साइनमेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अबरार अहमद, बायोट्रॉनिक्स  प्राइवेट लिमिटेड के टेरिटरी सेल्स मैनेजर आकर्षण गुलाटी, बायोट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड की कर्मचारी मोनिका सिन्हा, भारती मेडिकल टेक्नोलोजी के भरत सिंह दलाल और आरएमएल अस्पताल में मौजूद कैथ लैब के वरिष्ठ तकनीकी प्रभारी रजनीश कुमार से मेडिकल उपकरणों के इस्तेमाल की अनुमति देने के लिए रिश्वत ली।

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