दंगे की आग में झुलस गए इंग्लैंड के कई शहर, ब्रिटेन के PM ने खोल दिए पुलिस के हाथ, इसलिए भड़की थी हिंसा

Britain Violence: ब्रिटेन इस वक्त दंगे की आग में झुलस रहा है। कई शहरों में दंगे की आग फैलचुकी है। लेबर पार्टी की सरकार बनने के बाद से लगातार हिंसा हो रही है। पीएम कीर स्टारमर ने पुलिस को खुली छूट दी है और कहा है कि हिंसा को काबू करने के लिए जो भी करना पड़े पुलिस उसके लिए आजाद है।

CrimeTak

05 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 5 2024 12:24 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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तीन बच्चियों की हत्या के बाद भड़की थी हिंसा

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लिवरपूल से शुरू हुआ दंगा इंग्लैंड के कई शहरों में फैला

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दंगाइयों से निपटने के लिए पीएम ने पुलिस को दी खुली छूट

Riots and Violence in Britain: इंग्लैंड इस वक्त दंगे की आग में झुलस रहा है। सुनने में अजीब लग रहा लेकिन ये सच है। शनिवार को इंग्लैंड के साउथपोर्ट में दंगा भड़का था और तब से अब तक ये आग लगातार बढ़ती ही जा रही है। पहले लिवरपूल से शुरू हुआ बवाल अब लिवरपूल, हल, ब्रिस्टल, लीड्स, ब्लैकपूल, स्टोक-ऑन-ट्रेंट, बेलफ़ास्ट, नॉटिंघम और मैनचेस्टर तक फैल चुका है। ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार बनने के बाद से लगातार हिंसा हो रही है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने पुलिस के खोले हाथ

इमिग्रेशन विरोधी प्रदर्शनकारियों और इसका काउंटर करने वाले विरोधियों के बीच झड़प के बाद देशभर में हिंसा बढ़ी है। लेकिन अब पीएम कीर स्टारमर ने पुलिस को खुली छूट दी है और कहा है कि हिंसा को काबू करने के लिए पुलिस जो करना चाहती है करने के लिए पूरी तरह से आजाद है। इंग्लैंड के साउथपोर्ट स्थित डांस वर्कशॉप में हुई तीन बच्चियों की हत्या के बाद यहां फिर से हिंसा भड़क उठी। तब गुस्से से भड़के लोगों ने कुछ दुकानों को आग के हवाले कर दिया था। लेकिन शनिवार को हुई हिंसा में कई ब्रिटिश पुलिस अधिकारी घायल हो गए। इसके बाद तो जैसे ब्रिटेन में हिंसा का सैलाब सा आ गया।

इंग्लैंड में अब दंगाइयों से निपटने के लिए पुलिस को खुली छूट दे दी गई है

13 साल का सबसे बड़ा दंगा

कई ब्रिटिश शहरों में एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन हुए हैं जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और संपत्ति को नुकसान पहुंचा। बताया जा रहा है कि बीते 13 साल में इससे बड़ा दंगा कभी नहीं हुआ। ये हिंसा की यह आग उस वक्त भड़की जब उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड में तीन बच्चियों की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई। हिंसा के जो वीडियो सामने आए हैं वो तो और भी ज्यादा खतरनाक हैं। प्रदर्शनकारियों को लिवरपूल में एक दुकान को निशाना बनाते हुए देखा जा सकता है। कुछ दंगाइयों ने दुकान की खिड़की पर लात मारी और डंडे से पीटा, जबकि कुछ लोग उसका शटर खोलने की कोशिश करते दिखे।

पुलिस अधिकारी हुए घायल 

स्टोक-ऑन-ट्रेंट में, अधिकारियों पर ईंटें फेंकी गईं हैं और हल में, प्रवासियों के आवास वाले एक होटल की खिड़कियों को तोड़ दिया गया। लिवरपूल में, एक पुलिस अधिकारी को उसकी मोटरसाइकिल से गिरा दिया गया। बेलफास्ट, मैनचेस्टर और नॉटिंघम में भी हाथापाई की खबरें सामने आ रही हैं। हिंसा के बीच पूर्वी तट के शहर हल में एक जूते की दुकान में आग लगा दी गई, जबकि दक्षिण-पश्चिमी शहर ब्रिस्टल में घुड़सवार पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई है। हल में तैनात अधिकारियों ने बताया कि चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और बोतलें फेंके जाने वाले विरोध प्रदर्शनों से निपटने के दौरान तीन अधिकारी घायल हो गए। 

अफवाह से भड़के उपद्रवी

बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर फैलाई गई इस अफवाह से भड़के हुए थे कि सोमवार को चाकूबाजी की घटना में शामिल आरोपी इस्लाम से जुड़ा था। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि 17 साल के संदिग्ध चाकूबाज को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है। इसके बावजूद  अप्रवासी विरोधी और मुस्लिम विरोधी प्रदर्शनकारी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।  हिंसक प्रदर्शनों के दौरान आगजनी और लूटपाट भी जमकर हो रही है। 

तीन हत्याओं से भड़की हिंसा

आरोपी रुदाकुबाना पर 9 साल की एलिस डेसिल्वा अगुइर, 7 साल की एल्सी डॉट स्टैनकॉम्ब और 6 साल की बेबे किंग की हत्या का आरोप है। इसके अलावा उस पर हत्या के प्रयास के 10 मामले भी दर्ज हैं। लिवरपूल पुलिस ने शनिवार को बताया कि शहर के केंद्र में पैदा हुई "गंभीर अव्यवस्था" को संभालने के दौरान कई अधिकारी घायल हुए हैं। पुलिस ने देश भर में मस्जिदों को अपनी सुरक्षा बढ़ाने की सलाह दी गई है, और पुलिस ने अतिरिक्त अधिकारियों के साथ अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। 

दंगाइयों को दी चेतावनी

ब्रिटेन में दक्षिणपंथी अप्रवासी विरोधी हिंसाओं के दौरान 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। बीते कुछ दिनों में यहां दक्षिणपंथी समूहों से जुड़ी हिंसक झड़पें और अशांति बढ़ी है। प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने चेतावनी भी दी और कहा कि हिंसा में लेने वाले लोग पछताएंगे। ब्रिटेन के लिवरपूल, हल, ब्रिस्टल, लीड्स, ब्लैकपूल, स्टोक-ऑन-ट्रेंट, बेलफ़ास्ट, नॉटिंघम और मैनचेस्टर में शनिवार को हिंसक घटनाएं देखी गईं, जहां हिंसक भीड़ पत्थरबाजी करते देखा गया। 

13 सालों में सबसे बड़े दंगे की चपेट में अब तक इंग्लैंड के कई शहर आ चुके हैं

पुलिस को खुली छूट

देशभर में बढ़ती हिंसा के बीच शनिवार को पीएम स्टारमर ने एक हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने अपनी पुलिस को पूरा समर्थन दिया था और हिंसा को काबू करने के लिए जो भी जरूरत हो, करने का निर्देश दिया था। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, "जो पुलिस पर हमला कर रहे हैं, और कारोबार को चौपट कर रहे हैं साथ ही साथ समुदायों को डराकर नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं", उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया। 

दंगाइयों को पछताना होगा

मीडिया से बातचीत में पीएम स्टारमर ने कहा कि गिरफ्तारियां होंगी, आरोप लगाए जाएंगे और दोष साबित करने की कोशिश होगी। 'फिर इसके पीछे चाहे कोई भी कारण हो" प्रधानमंत्री ने विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, "इसमें शामिल होने वालों आपको पछतावा होगा।"

बोलने की आजादी अलग चीज है- पीएम

ब्रिटिश पीएम का कहना है, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और हमने जो हिंसक अव्यवस्था देखी है, वे दो बहुत अलग चीजें हैं." उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा के लिए कोई बहाना नहीं है और उन्होंने दोहराया कि सरकार हमारी सड़कों को सुरक्षित रखने के लिए सभी जरूरी कार्रवाई करने के लिए पुलिस का समर्थन करती है."

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