CDS BIPIN RAWAT NEWS : पिता की सीख को अपना वचन बनाकर हमेशा अपने जवानों के साथ अगुवाई करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के बेटे जनरल बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत की ये कहानी है, जिन्होंने अपने पिता की ग्यारहवीं गोरखा राइफल्स से ही सेना में 1978 में कदम रखा। प्रधानमंत्री मोदी ने ही 31 दिसंबर 2016 को भारतीय सेना के 26वें सेना प्रमुख के तौर पर जनरल बिपिन रावत को चुना था।
'MAN OF MODI' कहा जाता था CDS BIPIN RAWAT को ! उत्कृष्ट सैनिक और दूरदर्शी लीडर के तौर पर हमेशा याद रखा जाएगा
प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के भरोसेमंद थे बिपिन रावत (Bipin Rawat), उत्कृष्ट सैनिक और दूरदर्शी लीडर के तौर पर हमेशा याद रखा जाएगा, Do read crime news in Hindi, photos and videos on CrimeTak.in
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09 Dec 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:10 PM)
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उस वक्त दो और वरिष्ठों के मुकाबले प्रधानमंत्री के भरोसे का चेहरा बिपिन रावत बने थे। सेना प्रमुख रहते आतंक के खिलाफ जो कदम जांबाज जनरल साहब ने उठाए। उसके लिए वो सरकार से मिली छूट का जिक्र करना याद रखते है। सरहद चीन से सटी हो या फिर सीमा पाकिस्तान से सटी या इलाका पूर्वोत्तर का हो, सुरक्षा के मसले पर जनरल बिपिन रावत हमेशा हर चुनौती को पूरा करते रहे। यही कारण है कि जब देश में पहली बार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का चयन हुआ तो नाम जनरल बिपिन रावत का चुना गया।
चार दशक से ज्यादा लंबे सैन्य जीवन में उत्कृष्ट सैनिक, दूरदर्शी लीडर के तौर पर हमेशा जनरल रहे। यही कारण है कि कारगिल युद्ध के समय भारतीय सेनाओं के मध्य एकीकरण की समस्या दूर करने के लिए जिस चीज की जरूरत जताई गई। देश के लिए वो काम भी जनरल बिपिन रावत ने ही संभाला। भारत को एक गुना नहीं बल्कि 111 गुना सैन्य ताकत देने वाले जनरल, देश के लिए नाम, नमक, निशान, वफादारी और सम्मान को अंतिम समय तक निभाते रहे। समर के सिपाही से सरहदों के सेनापति तक की जिम्मेदारी उठाने वाले जांबाज जनरल आपको देश सेल्यूट करता है।
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