संजय शर्मा की रिपोर्ट
बिलकिस बानो के दोषियों को ही क्यों छोड़ा गया, गुजरात सरकार की मंशा पर 'सुप्रीम' सवाल
Bilkis Bano Case : बिलकिस बानों के दोषियों को छोड़े जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की मंशा और नीयत पर सवाल उठाए हैं।
ADVERTISEMENT
सांकेतिक तस्वीर
18 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 18 2023 4:00 PM)
Bilkis Bano Case : गुजरात में बिलकिस बानों का मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है खासतौर पर उस वक़्त इस मामले ने चर्चा की शक्ल अख्तियार कर ली जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ही गुजरात सरकार को ही सवालों के कठघरे में लाकर खड़ा किया। हालांकि बिलकिस बानों के मामले की अगली सुनवाई 24 अगस्त को होनी है।
ADVERTISEMENT
दोषियों की रिहाई पर उठे सवाल
जस्टिस बी वी नागरत्ना ने गुजरात सरकार से सवाल किया है कि जब इस मामले में गोधरा की अदालत में मुकदमा चला ही नहीं तो फिर उस ट्रायल कोर्ट से राय क्यों मांगी गई? देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में हुए बिलकिस बानो केस के सिलसिले में दोषियों की रिहाई को लेकर कई गंभीर सवाल उठा दिए हैं।
ASG एम वी राजू की दलीलें
गौरतलब है कि बिलकिल बानो मामले में गुजरात सरकार की तरफ से ASG एम वी राजू दलीलें दे रहे हैं। और इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए गुजरात की सरकार की नीयत और मंशा के साथसाथ पूरी प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात की सरकार से पूछा है कि दोषियों को सजा ए मौत से कम यानी उम्र कैद की सजा मिली थी तो फिर उन्हें 14 साल की सजा के बाद ही कैसे रिहा कर दिया गया?
रिहाई केवल उन्हीं कैदियों को क्यों?
अपनी दलील में एम वी राजू ने कहा कि दोषियों को गाइडलाइन के मुताबिक ही रिहाई मिली है। कोर्ट के पास इसलिए नहीं गए क्योंकि इस मामले में फैसला देने वाले जज भी रिटायर हो गए हैं। इस पर जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि जज अदालतों के होते हैं मुकदमें के नहीं। बेंच ने सवाल किया कि 14 साल की सजा के बाद रिहाई की राहत सिर्फ इन्हीं कैदियों को क्यों मिली? बाकी कैदियों को ये राहत क्यों नहीं दी गई? ऐसे में इस मामले में दोषियों के साथ ये भेदभाव क्यों किया गया? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि इस पॉलिसी का फायदा अलग अलग क्यों दिया गया?
सुधार का मौका सबको क्यों नहीं?
सर्वोच्च अदालत ने ये सवाल उठाया कि अगर जेलें कैदियों से भरी पड़ी हैं तो उन्हें सुधार का मौका क्यों नहीं दिया जा रहा? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि बिलकिस बानो के दोषियों के लिए जेल एडवाइजरी कमेटी किस आधार पर बनाई गई? सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से एडवाइजरी कमेटी का पूरा ब्योरा भी मांग लिया है।
छूट की पॉलिसी केवल चुनिंदा लोगों के लिए?
जस्टिस बी वी नागरत्ना ने गुजरात सरकार से पूछा है कि आखिर छूट की पॉलिसी केवल चुनिंदा लोगों के लिए ही क्यों है? सुप्रीम कोर्ट ने ये भी सवाल किया है कि अगर सुधार का मौका कुछ कैदियों को दिया जाना तय हुआ तो फिर ये मौका बाकी कैदियों को क्यों नहीं दिया जाना चाहिए। एएसजी राजू ने अपनी दलील में कहा कि दोषी करार देते समय अदालत को भी पता था कि 14 साल के बाद छूट दी जा सकती है, क्योंकि उस वक्त ये नीति लागू थी इसके बावजूद अदालत ने कोई आदेश नहीं दिया कि सजा में छूट 30 साल से पहले या कोई छूट दी जा सकती है।
ADVERTISEMENT